वाराणसी (ब्यूरो)। प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ-2025 को लेकर रेलवे ने भी तैयारी शुरू कर दी है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु ट्रेनों के जरिए प्रयागराज पहुंचेंगे। इसी के मद्देनजर वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर चार-पांच के बीच बैलास्टर ट्रैक बिछाने के अलावा अन्य शेष निर्माण कार्य कराने की योजना है। इसके लिए अगस्त के पहले सप्ताह से कैंट स्टेशन पर 60 दिन का ब्लॉक लिया जाएगा। रेलवे बोर्ड से अनुमति मिल गई है। साथ ही यार्ड री-मॉडलिंग से जुड़े कार्यों को पूरा करने के लिए बजट में 96 करोड़ रुपए अवमुक्त किए गए हैं।
पैसेंजर्स को होगी प्रॉब्लम
कैंट स्टेशन पर 60 दिन का ब्लॉक होने के चलते ट्रेनों के संचालन पर असर पड़ेगा। साथ ही पैसेंजर्स को भी दिक्कतें होंगी। प्लेटफार्म नंबर चार-पांच के बीच बैलास्टर ट्रैक बिछाने के अलावा अन्य निर्माण कार्य होने के कारण इस ट्रैक पर ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। प्लेटफार्म नंबर चार-पांच की ट्रेनों को अन्य प्लेटफार्म पर शिफ्ट किया जाएगा। इसके चलते कोलकाता, देहरादून, लखनऊ, दिल्ली, रांची, अयोध्या समेत कई रूट से आने वाली लंबी दूरी की ट्रेनों का शेड्यूल बिगड़ेगा। स्टेशन पर ट्रेनेें लेट पहुंचेंगी। लोड होने के कारण कई ट्रेनों को आउटर पर ही खड़ा करना पड़ेगा। ऐसी स्थिति में पैसेंजर्स को काफी दिक्कतों को सामना करना पड़ेगा। हालांकि, रेलवे प्रशासन ने पैसेंजर्स की दिक्कतों को कम करने की योजना पर काम शुरू कर दिया है।
काम पूरा होने पर ये होंगी सहूलियतें
अगस्त से अक्टूबर के पहले सप्ताह तक प्लेटफार्म नंबर चार और पांच पर बैलास्टर ट्रैक बिछाने सहित अन्य परियोजनाओं को पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद पैसेंजर्स को कई सहूलियतें मिलेंगी। प्लेटफार्म चार और पांच पर पैसेंजर्स को तय समय पर ही ट्रेनें मिलेंगी। लंबी दूरी की ट्रेनें आउटर पर नहीं खड़ी होंगी, जो सीधे प्लेटफार्म पर पहुंचेगी।
अयोध्या व प्रयागराज में पूरा होगा काम
प्रयागराज कुंभ मेले के मद्देनजर वृहद तैयारियां चल रही हैं। वाराणसी के साथ अयोध्या धाम, प्रयाग और फाफामऊ स्टेशनों पर चल रहे विकास कार्यों को मेले से पहले पूरा कर लिया जाएगा। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कुम्भ स्पेशल ट्रेनें भी चलेंगी। कैंट स्टेशन के प्लेटफार्मों की लम्बाई बढऩे से यहां नए शेड लगाने और सेकेंड एंट्री पर यात्रियों के बैठने की सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी। बजट मिलने पर ये सभी कार्य प्राथमिकता के आधार पर होंगे। वाराणसी-बहराइच इंटरसिटी, वाराणसी-राजगीर बुद्धपूर्णिमा एक्सप्रेस समेत कई अन्य ट्रेनों में जरूरत के हिसाब से कोच बढ़ाए जाएंगे।
सिग्नेचर ब्रिज के निर्माण से पहले परखी गुणवत्ता
रेल संरक्षा आयुक्त (उत्तर परिमंडल) दिनेश चंद देशवाल ने वाराणसी जंक्शन कैंट सहित आसपास के उत्तर रेलवे के स्टेशनों का निरीक्षण किया। उन्होंने मालवीय ब्रिज पर संरक्षा के विभिन्न बिंदुओं का सूक्षमता से निरीक्षण करते हुए नमो घाट का जायजा लेते हुए सिग्नेचर ब्रिज की कार्य स्थिति को जाना। रेल संरक्षा आयुक्त ने काशी स्टेशन पर पहुंचकर स्टेशन को इंटर मॉडल स्टेशन के रूप में परिवर्तित किए जाने वाले कार्यों की प्रगति की जानकारी प्राप्त की और मालवीय ब्रिज पर जाकर पुल का सूक्ष्मता से निरीक्षण किया। इसके उपरांत उन्होंने नमो घाट पर पहुंचकर मालवीय ब्रिज के समानांतर प्रस्तावित सिग्नेचर ब्रिज की साइट का निरीक्षण किया तथा उसकी रूपरेखा की जानकारी ली।
महाकुंभ-2025 से पहले प्लेटफार्म नंबर चार और पांच पर बैलास्टर ट्रैक बिछाने सहित अन्य परियोजनाओं को पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए अगस्त के पहले सप्ताह से 60 दिन का ब्लॉक लिया जाएगा। इस दौरान के ट्रेनों के संचालन की क्या स्थिति होगी, इसके लिए रेलवे के परिचालन विभाग से नोटिफिकेशन आएगा। इसके बाद ही बताना संभव होगा।
-एसएम शर्मा, डीआरएम उत्तर रेलवे लखनऊ