वाराणसी (ब्यूरो)। Varanasi News: वाराणसी में बारिश शुरू होते ही मकान गिरने की खबरें आने लगी हैैं। लंका थाना क्षेत्र के रोहित नगर में निर्माणाधीन तीन मंजिला मकान गिर गया तो न्यू साकेत नगर कालोनी में शनिवार को पुराना तीन मंजिला मकान का एक हिस्सा अचानक भर भराकर जमीन पर गिर पड़ा। ऐसे में जर्जर भवनों की क्या हालत होगी। यह किसी से छिपा नहीं है। सिटी में 400 के करीब भवन जर्जर हैैं। इनमें 187 जर्जर भवनों वाला क्षेत्र कोतवाली डेंजर जोन बन चुका है। लगातार एक से दो दिन बारिश हुई तो सबसे अधिक हादसे की आशंका इसी जोन में रहती है। इसके बाद दशाश्वमेध जोन है। बारिश शुरू हो चुकी है तो जर्जर भवन को लेकर खतरा मंडराने लगा है। हर बार की तरह इस बार भी नगर निगम जर्जर भवन को लेकर अलर्ट मोड में है। लेकिन, अफसरों की लापरवाही के कारण आसपास के लोग टेंशन में जिंदगी जी रहे हैैं।
कंप्लेन का भी असर नहीं
बारिश शुरू हो चुकी है। गली-मुहल्लों में जर्जर मकान को गिराने के लिए कई बार लोगों ने नगर निगम में शिकायत की, लेकिन मामला कोर्ट में होने की वजह से यथावत पड़ा है। खतरा तब बढ़ जाता है जब बारिश होती है। लोगों में भय बना रहता है कि कहीं जर्जर मकान गिर गया तो जान-माल का नुकसान होना तय है। साल भर इन जर्जर भवनों की स्थिति हर किसी को दिखाई देती है, लेकिन जिम्मेदार विभाग और नगर निगम का इन जर्जर मकानों की तरफ कोई ध्यान नहीं जाता। ऐसे में ये मकान बारिश के दिनों में लोगों की जान को संकट में डाल देते हैं।
ध्वस्त के बजाय हादसे का इंतजार
नगर निगम के अधिकारियों की मानें तो शहर में जर्जर भवनों की संख्या करीब 400 है। यह वह भवन हैं जो कभी भी गिर सकते हंै। इसके बाद भी नगर निगम इन भवनों को ध्वस्त कराने के बजाय हादसे का इंतजार कर रहा है। कोतवाली क्षेत्र में सबसे अधिक जर्जर भवन हैं। गली-मुहल्ले में इन जर्जर भवन के हालात काफी खराब हैं। किसी की दीवार एकदम जर्जर है तो किसी का पिलर एक तरफ गिरकर पड़ा हुआ है तो किसी का छत लटक रहा है।
विवादों के कारण फंसता मामला
नगर निगम के अधिकारियों की मानें तो जर्जर भवन में कई बार ऐसा होता है कि मकान मालिक और किराएदार के बीच विवाद होता है। ऐसे में नगर निगम दोनों को नोटिस जारी कर मकान खाली करने और उसे ध्वस्त कराने का आदेश देता है। कई बार ऐसा होता है कि इसके बाद भी भवन नहीं गिराए जाते हैं, तो इंजीनियरिंग विभाग द्वारा उसका ध्वस्तीकरण कराया जाता है। इसके लिए कई बार नोटिस भी जारी किया गया है, लेकिन लोग कोर्ट का सहारा लेकर रोक देते हैं।
कानूनी दांवपेंच
ऐसे जर्जर मकानों को गिराने में कानूनी अड़चनें भी आती हैं। ऐसे में कोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम ऐसे भवनों के ध्वस्तीकरण का काम करता है, तब तक हादसा न हो इसके लिए दोनों पक्ष को घर खाली करने के निर्देश दिया जाता है।
फैक्ट एंड फीगर
400
जर्जर भवन
187
कोतवाली जोन
142
दशाश्वमेध जोन
40
वरुणापार जोन
18
आदमपुर जोन
13
भेलूपुर जोन
सभी भवन मालिकों को नगर निगम की ओर से नोटिस भी जारी किया गया है। वहीं, इन भवनों को ध्वस्त करने में नगर निगम के सामने कई कानूनी अड़चनें भी हैं।
संदीप श्रीवास्तव, पीआरओ