- वाराणसी (ब्यूरो)। : नगर निगम कार्यकारिणी ने बुधवार को बड़ा महत्वपूर्ण फैसला लिया। आदिकेशव घाट व राजघाट, भैंसासुर घाट के बीच पुनर्विकसित घाट का नामकरण 'नमो घाटÓ करने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया। इस प्रकार नमो घाट नगर निगम के अभिलेखों में दर्ज हो गया। उपसभापति नरङ्क्षसह दास ने प्रस्ताव रखा, जिसे मेयर अशोक कुमार तिवारी समेत कार्यकारिणी समिति के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से स्वीकृति दे दी। दूसरे फेज में बने नमो घाट का 15 नवंबर को देव दीपावली पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ लोकार्पण करेंगे। कार्यकारिणी समिति की बैठक मेयर की अध्यक्षता में नगर निगम सभागार में हुई। इस दौरान पिछले दिनों शासन के वाहन स्टैंडों का किराया बढ़ाए जाने व नई नियमावली जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। राजस्व विभाग ने नगर निगम के आवासों में रह रहे आवंटियों के बारे में प्रस्ताव रखा। बताया कि नगर निगम के 243 आवास हैं। इसमें वर्तमान में नगर निगम कर्मी मात्र 55 हैं। 66 आवासों में सेवानिवृत्त, स्थानांतरित, मृत कर्मियों के परिवार रहते हैं। साथ ही 85 आवास आम नागरिकों को आवंटित हैं। 37 आवासों में अवैध रूप से लोग निवास कर रहे हैं। राजस्व विभाग ने बताया कि आवंटियों को 15 वर्ष के लिए पूर्व में आवंटन के तहत अनुबंध किया गया था, जिसकी समय सीमा पूर्ण हो चुकी है। कार्यकारिणी समिति ने इस संबंध में निर्णय लिया कि अनुबंध की समय सीमा पूर्ण हो जाने के फलस्वरूप सभी को नोटिस जारी किया जाए। साथ ही बाजार दर व डीएम सर्किल रेट का परीक्षण कर नियमानुसार किराया निर्धारित किया जाए। पुन: अनुबंध की कार्यवाही की जाए। प्रस्ताव को नगर निगम के अधिनियम 1959 की धारा 91(1) की उपविधि का प्रस्ताव रखा गया। इसमें कार्यकारिणी समिति ने इस शर्त के साथ पारित किया गया कि भविष्य में किसी भी प्रकार का परिवर्तन का अधिकार कार्यकारिणी व सदन में होगा। बैठक में नगर आयुक्त अक्षत वर्मा, अपर नगर आयुक्त राजीव कुमार राय, संयुक्त नगर आयुक्त कृष्णचंद्र, मुख्य अभियंता मोईनुद्दीन, महाप्रबंधक जलकल अनूप ङ्क्षसह, सचिव ओपी ङ्क्षसह आदि उपस्थित रहे.
- जल निकासी की व्यवस्था शहर के चारों तरफ 87 गांवों को नगर निगम सीमा में शामिल कर वार्डों का नए सिरे से परिसीमन कर संख्या 90 से बढ़ाकर 100 कर दी गई। इसमें बीएलडब्लू के पीछे मढ़ौली, मंडुवाडीह, चांदमारी आदि कई नवविस्तारित क्षेत्रों में मूलभूत शहरी जरूरतों को पूरा करना है। कार्यकारिणी ने जलनिकासी की समस्या को देखते हुए व्यवस्था करने का प्रस्ताव रखा गया। कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया।