वाराणसी (ब्यूरो)। बीते शनिवार को लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर में तीन मंजिला भवन गिरने से 5 लोगों की जान चली गई। गुरुवार को रामनगर में निर्माणाधीन घाट का हिस्सा गिरने से एक की मौत हो गई। इसी के साथ जर्जर भवनों को लेकर नगर निगम प्रशासन ने एक बड़ा फैसला लिया है। निगम प्रशासन ने अति खतरनाका 176 भवनों को सूचीबद्ध किया है। इन्हें तत्काल प्रभाव से गिराने के निर्देश हैं। दो दिन के अंदर नोटिस का जवाब न देने पर पुलिस जर्जर भवन को खाली कराएगी।
घाट किनारे 176 ऐसे अति खतरनाक जर्जर भवन हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं। इन भवनों को तत्काल गिराने के लिए नगर आयुक्त ने जोन के अधिकारियेां को निर्देश दिया है। इन भवनों की दीवारों से लखारिया ईंट अपने आप ही गिर रही है। मिट्टी बिना खोदे ही अक्सर गिरती रहती है। पटिया जर्जर हैं। बता दें, दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने भी जर्जर भवनों को लेकर अभियान चलाया, जिस पर नगर निगम ने संज्ञान लिया और जानलेवा भवनों को जमींदोज करने का निर्णय लिया।
489 जर्जर भवन
दरअसल, दो महीने पहले विश्वनाथ मंदिर के पीछे दो जर्जर भवन के गिर जाने से एक की जान चली गई थी और 8 लोग घायल हो गए थे। इसके बाद नगर निगम ने जर्जर भवनों को चिह्नित करने का अभियान शुरू किया, जिसमें 489 जर्जर भवन चिह्नित किए गए। इसके बाद नगर निगम ने अति जर्जर भवनों को चिह्नित करने के लिए जोन के अधिकारियों को निर्देशित किया। इसके बाद जोन के अधिकारियों ने एक हफ्ते के अंदर 176 ऐसे भवनों को चिह्नित किया, जो अति जर्जर हैं।
चस्पा की नोटिस
नगर आयुक्त ने अति जर्जर भवनों को तत्काल गिराने के लिए जोन के अधिकारियों को निर्देशित किया है। जोन के अधिकारियों ने इन जर्जर भवन को तत्काल गिराने के लिए भवन स्वामियों को नोटिस जारी किए हैं। चार दिन के अंदर नोटिस का जवाब न मिलने पर नगर निगम के अधिकारियों द्वारा एक्शन लिया जाएगा।
इस एरिया अति जर्जर भवन
नगर निगम के मुख्य अभियंता मोइनुददीन की मानें तो भवन संख्या सीएच 7/133 सेनपुरा पूरी तरह से जर्जर है। यह भवन 150 वर्ष पुराना है। इसी प्रकार भवन संख्या डी 30/34 मकान की हालत बिल्कुल खराब है, कभी भी गिर सकता है। यह भवन आसपड़ोस के लिए भी खतरा बना हुआ है। इसके अलावा मणिकर्णिका घाट मार्ग पर भवन संख्या सीके डी 10/ 75 भी खंडहर में तब्दील हो चुका है। वहीं, दुर्गाघाट में दो जर्जर भवन हैं, जिनकी मकान संख्या के। 22/70 तथा के। 22/75 ध्वस्त करने की कार्रवाई के लिए नगर निगम ने निर्देशित किया है।
एक्शन मोड में नगर निगम
खतरनाक भवनों की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए नगर आयुक्त ने दो दिन की मोहलत दी है। तय सीमा के अंदर न गिराने पर भवन स्वामियों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। भवन स्वामियों/ अध्यासियों को नगर निगम, अधिनियम की धारा 334 की उपधारा-3 के अन्तर्गत कार्रवाई की जाएगी। सभी भवन स्वामियों को इसके लिए नगर निगम अधिनियम की धारा 331 (1)(2) के अन्तर्गत नोटिस दी गयी है, जिसमें निर्देश दिया गया है कि भवन स्वामी/ अध्यासी को उक्त नोटिस के सापेक्ष अपने जर्जर भवन को गिरवा दें या तत्काल मरम्मत करा दें।
तत्काल खाली करना होगा भवन
नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 334 की उपधारा-3 के अन्तर्गत जिस भवन को नोटिस जारी की गयी है। उस भवन का स्वामी/ अध्यासी को उस अति जर्जर भवन को तत्काल खाली करना होगा और जब तक नोटिस वापस नहीं लिया जाता, तब तक कोई व्यक्ति उस भवन अथवा उसके भाग में प्रवेश नहीं करेगा। नगर निगम द्वारा ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर होने वाला व्यय भवन स्वामी/अध्यासी से वसूल किया जायेगा। अधिनियम के अनुसार निर्धारित समय में भवन खाली न करने या किसी भी प्रकार का उल्लंघन करने पर नगर निगम अधिनियम 334 की उपधारा-4 के अन्तर्गत उस पर पुलिस को भवन खाली कराने की कार्रवाई के लिए कहा जाएगा।
खतरनाक मकानों को जल्द से जल्द खाली करने के लिए नोटिस जारी की गयी है। तत्काल मकान खाली नहीं करने पर पुलिस द्वारा भवन खाली कराया जाएगा।
अक्षत वर्मा, नगर आयुक्त
फैक्ट एंड फीगर
489 जर्जर भवन
176 अति जर्जर भवन