वाराणसी (ब्यूरो)। अभी नीट पेपर लीक का मामला ठंडा हुआ भी नहीं था कि मार्केट में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में फेल स्टूडेंट्स को पास कराने वाली संस्थाओं की बाढ़ सी आ गई हैऐसी संस्थाएं एक दो नहीं बल्कि दर्जनों में हैैंजैसे ही हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का रिजल्ट डिक्लेयर हुआ, वैसे ही शहर में पास कराने वालों का सिंडिकेट एक्टिव हो गया हैवे ऐसे छात्रों की तलाश में हैं, जो हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में फेल हो गए हैंइसके लिए बकायदा शहर के स्कूलों के बाहर पोस्टर, बैनर भी चस्पा करवा रखे हैंकुछ संस्थाएं पोस्टर पर एनआईओएस (नेशनल स्कूल ऑफ ओपेन स्कूलिंग) के माध्यम से पास कराने का दावा कर रही हैं तो कुछ संस्थाओं ने एनआईओएस का जिक्र तो नहीं किया हैहालांकि पास कराने का दावा जरूर कर रहे हैैं

12 हजार से 14 हजार रुपए फीस

फेल छात्रों को पास कराने का दावा करने वाली संस्थाएं बकायदा छात्रों से मोटी फीस भी वसूलते हैंफीस लेने का भी कोई मानक नहीं हैजितना मर्जी हुआ उतना वसूलते हंैइनमें कई संस्थाएं तीन पेपर में पास कराने के लिए 12 हजार तो कई 14 हजार रुपए की डिमांड कर रहे हैैंयह फीस हाईस्कूल और इंटरमीडिएट दोनों के लिए निर्धारित है

घर बैठे पास कराने का दावा

शहर में कई संस्थाओं ने पोस्टर चस्पा कर घर बैठे ही पास कराने का दावा किया हैयही नहीं कई संस्थाओं ने पोस्टर में लिखा है कि मात्र 45 दिनों में पास करें हाई स्कूल और इंटरमीडिएटकई पोस्टर पर तो यह भी लिखा है कि इसी वर्ष फेल छात्र होंगे पाससभी ने पोस्टर में सीबीएसई पैटर्न से पास कराने का दावा किया हैसीबीएसई की कोआर्डिनेटर गुरमीत कौर ने कहा, जिस पेपर में नंबर कम रहता हैवह छात्र स्कूल से ही फार्म भरते हैंकोचिंग और संस्थाएं जो बैनर-पोस्टर चस्पा कर पास कराने का दावा करते हैं, वह छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हैऐसे भ्रामक प्रचार से बचकर रहना चाहिएदावा करने वाली शहर की दो संस्थाओं से दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्टर ने बात की तो यह सच सामने आया

मैदागिन स्थित कोचिंग संचालक से बात

रिपोर्टर: कहां से बोल रहे हैं?

कोचिंग संचालक: मध्यमेश्वर से

रिपोर्टर: हाईस्कूल पास होना चाहता हूं

कोचिंग संचालक- कब एग्जाम दिए थे

रिपोर्टर: इसी वर्ष

कोचिंग संचालक: कितने सब्जेक्ट में कम्पार्टमेंट आया है

रिपोर्टर: तीन सब्जेक्ट में

कोचिंग संचालक: पास हो जाएंगे

रिपोर्टर: कितना चार्ज लगेगा

कोचिंग संचालक: 12000 रुपए

डाफी स्थित कोचिंग संचालक से बात

रिपोर्टर: कहां से बोल रहे हैं?

कोचिंग संचालक: डाफी से

रिपोर्टर: फेल छात्र को पास कराने के लिए कितनी फीस लगती है

कोचिंग संचालक: किस क्लास का है

रिपोर्टर: हाईस्कूल का स्टूडेंट है

कोचिंग संचालक। 12 हजार रुपए लगेंगे

रिपोर्टर: स्टूडेंट को पढ़ाई करनी होगी

कोचिंग संचालकनहीं

रिपोर्टर: फिर कैसे पास होगा

कोचिंग संचालक: जितना सब्जेक्ट होगाफार्म भरते समय मेंशन किया जाएगा

रिपोर्टर: स्टूडेंट कैसे पास होगा

कोचिंग संचालकफार्म में जो सब्जेक्ट भरा होगा, उसमें पास हो जाएगा

रिपोर्टर: एग्जाम देने कहां जाना होगा

कोचिंग संचालकएग्जाम देने से एक हफ्ता पहले बता दिया जाएगा

नहीं लेते परमिशन

ऐसे कोचिंग संचालक इस तरह के भ्रामक प्रचार-प्रसार के लिए नगर निगम से परमिशन भी नहीं लेते हैंरात के अंधेरे में दीवारों और खंभों पर पोस्टर चस्पा कर देते हैंनियमानुसार, शहर में कहीं भी पोस्टर और बैनर चस्पा करना होता है तो इसके पहले नगर निगम से परमिशन लेनी पड़ती है

शहर में नगर निगम की इजाजत के बगैर पोस्टर नहीं चस्पा कर सकते हैंरही बात भ्रामक प्रचार-प्रसार की तो इसके लिए नगर निगम को कड़ाई से पालन करना चाहिए

- सुरेंद्र पाल, सूचना अधिकारी

अवैध रूप से बैनर पोस्टर चस्पा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती हैइस तरह के प्रचार-प्रसार करने वालों के खिलाफ भी नगर निगम ने नोटिस भेजा है

अमित शुक्ला, अपर नगर आयुक्त

जो छात्र फेल हो जाते हैं, वह एनआईओएस से फार्म भरकर जुलाई में एग्जाम दे सकते हैंकम्पाटमेंट का पेपर काफी टफ आता हैइसके लिए पढऩा पड़ता हैबिना पढ़े ही जो लोग पास कराने का दावा करते हैं, उनसे बचकर रहना चाहिए

गुरमीत कौर, कोआर्डिनेटर, सीबीएसई

छात्रों को स्कूल से ही कोऑर्डिनेट कर कम्पार्टमेंट का फार्म भरना चाहिएशहर की दीवारों पर पोस्टर और बैनर चस्पा किए हैंइनसे बचकर रहना चाहिए

अवध किशोर सिंह, डीआईओएस