वाराणसी (ब्यूरो)मार्केट में बिक रहा नया आलू कितना जहरीला है यह जान जाएंगे तो हैरान हो जाएंगेपुराने आलू को नए आलू के भाव की दर से बेचकर न सिर्फ मुनाफाखोर मुनाफा कमा रहे है, बल्कि आम पब्लिक की बॉडी को भी डैमेज कर रहे हैंएसीड से भरे आलू को खाने से लीवर, किडनी आंत तक खराब हो जा रही हैथोड़े से पैसे के लिए पुराने में केमिकल्स वगैरह डालकर नए जैसा बनाकर मार्केट में नए आलू के नाम पर बेचा जा रहा हैइसकी खपत प्रतिदिन तीन ट्रक है

चौंक गए ग्राहक

दरअसल में विशेश्वरगंज मंडी हो या चंदुआ सट्टी या फिर सुंदरपुर सट्टी में नया आलू जैसा जो आलू बिक रहा है वह दरअसल में नया आलू है ही नहींमुनाफाखोर मिट्टी, केमिकल और बालू से पुराने को नया आलू बनाकर मंडियों में बेच रहे हैंइसमें शहर के साथ-साथ दूसरे राज्य के सफेदपोश भी शामिल हैंपुराने सफेद आलू को नया बनाने का गोरखधंधा हर साल सितंबर अक्तूबर माह में शुरू हो जाता हैइस माह में सबसे अधिक पुराने आलू को नए आलू के नाम पर बेचा जाता है.

प्रतिदिन तीन ट्रक खपत

फिलहाल मंडी के कारोबारियों का कहना है कि प्रतिदिन तीन ट्रक आलू की खपत हैयहां से अन्य जिलों में आलू की सप्लाई की जाती हैहर साल बड़े व्यापारी पुराने आलू को कोल्डस्टोरेज से निकालकर तेजाब, गेरुआ रंग और मिट्टी से लपेटकर नया आलू जैसा बनाने का खेल खेलते हैंखरीदारों को नया आलू बता कर दोगुनी कीमत वसूल करते हैं

मौके का उठाते फायदा

बरसात जब अंतिम चरण में होती है तभी इस तरह के खेल शुरू होते हैंकारण की बाजार में सब्जियों की किल्लत हो जाती हैलोग पुराना आलू खाकर ऊब चुके होते हैं और उसके टेस्ट में मीठापन आने लगता हैऐसे में लोग अपना टेस्ट बदलने के लिए नया आलू खरीदते हैंइस तरह के आलू को खाने के लिए डाक्टर्स ही नहीं कृषि विभाग के अधिकारी भी मना करते हैं

कैसे बनाते तेजाबी आलू

सितंबर और अक्तूबर के मंथ में कोल्ड स्टोर से पुराना आलू निकालकर पहले छांव में सुखाया जाता हैफिर जमीन खोदकर पानी में डाला जाता हैउसमें पीला या लाल गेरुआ मिट्टी घोली जाती हैसाथ में अभ्रक युक्त बालू वाली मिट्टी भी डाली जाती हैफिर एक बोतल से तेजाब डाला जाता हैफिर लकड़ी से सभी को मिलाया जाता हैतेजाब के कारण आलू की उपरी परत झुलस जाती हैआलू का छिलका झुलसने से अंदर का गुदा दिखने लगता है्रआलू के उपरी परत पर रंग मिट्टी और बालू चिपक जाता हैफिर उसे गड्ढे से निकालकर कपड़े में साफ किया जाता है और छानकर सुखाया जाता हैइसके बाद बोरा में भरकर मार्केट में बेच दिया जाता है.

15 नवंबर के बाद आएगा

कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नया आलू 15 नवंबर के बाद मार्केट में आता हैनए आलू की बुआई 15 सितंबर के आसपास की जाती हैसामान्यत: 60 दिनों में आलू की फसल तैयार होती है

इस तरह के आलू खाने से लीवर, किडनी और आंत तीनों खराब हो रहे हैंइस तरह के आलू खाने से परहेज करेंनवंबर के बाद ही नया आलू खाना चाहिए.

डॉएसके अग्रवाल, एसोसिएट प्रोबीएचयू

तेजाबी आलू बहुत ही खतरनाक हैखासकर बच्चों और महिलाओं के किडनी पर काफी असर कर रहा हैइसे नहीं खाना चाहिए.

डॉएसएस पाण्डेय, चिकित्साधिकारी

15 नवंबर के बाद मार्केट में नया आलू आता हैइसके पहले जो भी इस तरह के आलू दिखे, समझ जाएं वह नया आलू नहीं है

डॉविरेन्द्र कमल वंशी, एसोसिएट प्रोडिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चरल, बीएचयू