वाराणसी (ब्यूरो)। सांसद अफजाल अंसारी व माफिया मुख्तार अंसारी को जिन दो मुकदमों का आधार बनाकर गैंगस्टर में सजा सुनाई गई है, उसमें से एक तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय सहित छह लोगों की हत्या भी शामिल है। एके-47 व एके -56 की पांच सौ गोलियों की तड़तड़ाहट से सात लोगों की हत्या से पूरा यूपी दहल उठा था। जनपद में गम व गुस्सा की ज्वाला धधक उठी थी। इस जघन्य हत्याकांड ने तत्कालीन सपा सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी थी.
अफजाल का गढ़ ढहाया
वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में अफजाल अंसारी के सियासी गढ़ को ढहाकर भाजपा से विधायक चुने गए कृष्णानंद राय निवासी गोडउर सहित सात लोगों की उस समय कोटवानारायनपुर-ल_ूडीह मार्ग पर बसनियां गांव की क्षतिग्रस्त पुलिया के पास एके-47 व 56 से करीब पांच सौ राउंड गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी, जब वह सियाड़ी गांव में क्रिकेट प्रतियोगिता का उदघाटन कर जगदीशपुर लौट रहे थे। उनके साथ गाड़ी में बैठने वालों की भी जान चली गई थी। कहा तो यहां तक जाता था कि हत्यारे विधायक की शिखा काट ले गए थे। इस मामले में गांव के ही किसी व्यक्ति के मुखबिरी का भी शक था।
सुलग उठा था जनपद
हत्याकांड के बाद जनपद सुलग उठा था। ढोढाडीह रेलवे स्टेशन सहित कई जगह पर आगजनी भी हुई थी। आक्रोशित भीड़ शवों को उठाकर गांव ले गए थे। लाखों की संख्या में हुजूम उमड़ पड़ा था। पुलिस प्रशासन को बैकफुट पर आना पड़ा था। इस घटना के बाद प्रदेश की तत्कालीन सपा सरकार भी बैकफुट पर आ गई थी। बड़ी मुश्किल से शव को उठाने दिया गया था.
विधायक के साथ इनकी भी हत्या
विधायक कृष्णानंद राय निवासी गोडउर के साथ रामनरेश राय निवासी लोचाइन, ब्लाक प्रमुख मुहम्मदाबाद श्यामा शंकर राय निवासी मीरानपुर उर्फ मडुुआवडीह, अखिलेश राय निवासी फिरोजपुर, शेषनाथ पटेल निवासी मंडई, चालक मुन्ना यादव निवासी गोडउर व उनके गनर बलिया के हल्दी निवासी निर्भय नारायण उपाध्याय को मौत के घाट उतार दिया गया था।
राजनाथ सिंह ने दिया था धरना
भाजपा नेता राजनाथ सिंह, कलराज मिश्रा व हरीश जी ने हत्याकांड की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर वाराणसी के जिला मुख्यालय पर एक दिसंबर 2005 से धरना-प्रदर्शन किया। पूर्व गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी भी गाजीपुर पहुंचे थे। वहां हुई सभा में लालकृष्ण आडवाणी ने तत्कालीन सपा सरकार को लेकर घेरेबंदी की थी। भाजपा ने विधायक की हत्या को लेकर सपा सरकार को घेरा था। अटल बिहारी वाजपेयी 14 दिसंबर 2005 को वाराणसी पहुंचकर राजनाथ सिंह का धरना समाप्त कराया था। यूपी में बढ़ते अपराध के खिलाफ भाजपा की य यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था.