वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस के सोने के दो अरब के कारोबार पर जल्द ही यूनिक कोड का ठप्पा लगने वाला है। यह उन लोगों के लिए गुड न्यूज है जो लोग ईमानदारी से गोल्ड का कारोबार करते हैं। हालांकि उन लोगों की धुकधुकी बढ़ जाएगी जो सोने में मिलावट करते हैं। फिलहाल सरकार के इस कदम से शहर के करीब 30 परसेंट से अधिक सोने के कारोबारियों के माथे पर बल पड़ गया है, जो खरा सोना में चीटिंग कर न सिर्फ जनता को ठगते हैं बल्कि अपनी तिजोरी भी भरते हैं.
खरीदारों के लिए गुड न्यूज
सोने के आभूषण खरीदने वालों के लिए गूड न्यूज हैं। सोना कितना खरा है, किसने बनाया हैं, कौन मैन्युफैक्चरर हैं, ज्वेलरी में कितना कैरेट सोना लगा हैं, अब सब पता चल जाएगा। सरकार एक अप्रैल से सोने के आभूषण पर यूनिक कोड लागू करने जा रही हैं। इससे जहां शहर में सोने में मिलावट का खेल रुकेगा, साथ ही तस्करी करने वालों पर भी अंकुश लगेगा।
छह डिजीट वाला नंबर
एक अप्रैल से छह डिजीट वाला यूनिक कोड आभूषणों पर लागू हो जाएगा। नये नियम के तहत अब हर सोने और सोने के आभूषण का अपना यूनिक नंबर होगा। इसके बगैर कोई भी थोक या फुटकर आभूषण विक्रेता सोना या सोने की ज्वेलरी बेच नहीं पायेंगे। फिलहाल कारोबारियों का कहना है कि शहर में करीब हर माह दो अरब का कारोबार होता है। यहां से पूर्वांचल के जिलों समेत यूपी से सटे बिहार से भी लोग खरीदारी के लिए आते हैं.
ठगे जाते थे ग्राहक
अक्सर ग्राहकों को नहीं पता चल पाता था कि सोना कितने कैरेट का है। जो भी दुकानदार देता था उसे लेकर चले आते थे। और जब उसे बेचने के लिए किसी और दुकानदार के पास जाते थे तो उसे सोने की कीमत खरीद से काफी कम दी जाती थी। इस प्रकार से ठगकर कई सुनार मालामाल हो गए। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। सोने के आभूषण पर जो यूनिक नंबर होगा उससे सबकुछ पता चल जाएगा कि सोना कितने कैरेट का हैं.
एचयूआईडी के बगैर नहीं बेच सकते ज्वेलरी
सोना कारोबारियों की मानें तो सरकार ने सोना और ज्वैलरी खरीदने और बेचने के नियमों में बदलाव कर दिया है। 31 मार्च 2023 के बाद बिना हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (एचयूआईडी) वाले सोने के गहने और कलाकृतियों को नहीं बेच सकते हैं। बगैर इस नंबर अगर सोना बेचे तो कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है.
छह डिजीट वाला होगा खरा सोना
छह डिजीट वाले सोने को ही खरा माना जाएगा क्योंकि सरकार ने यूनिक नंबर में ऐसा प्रावधान किया है कि उस नंबर को एप पर डालते ही सबकुछ पता चल जाएगा। यह भी पता चल जाएगा कि सोना कितना खरा है। पहले यह सब नहीं पता चल पाता था जिससे आम खरीदार परेशान होते थे। सोने में मिलावट करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए केंद्र सरकार ने नया नियम बनाया है। यही नहीं सुनार से जो सोना या सोने के आभूषण खरीदते हैं, वह शुद्ध है या नहीं है इसकी जांच भारतीय मानक ब्यूरो से पता चलता था। मंडी के कारोबारियों का कहना है बीआईएस एप पर छह डिजीट का नंबर डालते ही सबकुछ पता चल जाएगा.
अमृतसर में देशभर के सुनारों की मीटिंग
नए प्राविधान को लेकर 25 व 26 मार्च को अखिल भारतीय स्वर्णकार संघ की मीटिंग पंजाब के अमृतसर में बुलायी गयी है। इस बैठक में देशभर के सुनार नए प्रावधान पर मंथन करेेंगे.
शहर में थोक आभूषण के प्रतिष्ठान- 500
रिटेल आउटलेेट्स-1000
छह प्रकार का होता सोना
14, 18, 20, 22, 23, 24 कैरेट
बीआईएस केयर एप पर जान सकेंगे
-मैन्युफैक्चरर का नाम व पता
-कौन डीलर्स हैं
-कितने कैरेट का सोना है
-आभूषण किस तिथि में तैयार किया गया है
-किस कारखाने में आभूषण को तैयार किया गया है
-आभूषण का कितना है वजन
सरकार ने बहुत ही अच्छा नियम निकाला है। इससे आम ग्राहकों को काफी फायदा होगा। नियम पहले से था लेकिन इसका कड़ाई से पालन नहीं हो रहा था। एक अप्रैल से सरकार ने इस नियम को और कड़ा कर दिया है.
सत्यनाराययण सेठ, अध्यक्ष, उप्र अखिल भारतीय स्वर्णकार संघ
सोने की शुद्धता का मानक सोने के जेवर पर लिखकर बेच सकते हैं। सरकार ने जो मानक तय किया है, वह छह प्रकार के कैरेट पर हैं। सभी छह डिजिट वाला नंबर ही जेवर बेच सकते हैं। एचयूआईडी सेंटर लेकर जाकर सोने की शुद्धता की जांच करवाने के बाद ही बेच सकेंगे.
शैलेष वर्मा, महामंत्री, उत्तर प्रदेश स्वर्णकार संघ
इससे सबसे अधिक कस्टमर्स को राहत मिलेगी। सराफा मंडी के भी कारोबारियों को काम करने के लिए एक उचित प्लेटफार्म मिलेगा। सरकार को इसे पहले ही लागू करना चाहिए था.
किशोर सेठ, जिला महामंत्री, उत्तर प्रदेश स्वर्णकार संघ