वाराणसी (ब्यूरो)। संशोधित वीडीए महायोजना 2031 में अब कोई भी बिल्डिंग, स्कूल, शॉपिंग काम्प्लेक्स, माल, होटल, रेस्तरां बनाने का कार्य कर सकेंगे। वर्ष 2014 से पेंडिंग चल रहे वाराणसी महायोजना 2031 को री-स्ट्रक्चर कर वीडीए वीसी पुलकित गर्ग ने सभी के लिए निर्माण करने के लिए रास्ता खोल दिया। इससे 15 हजार करोड़ की परियोजनाओं के लिए रास्ता साफ हो गया है। इससे शहर का न सिर्फ डेवलपमेंट होगा बल्कि नई योजनाएं आएंगी और जाम से मुक्ति मिलेगी। इससे बनारस में बढ़ रही भीड़ और प्रॉपर्टी के बढ़ रहे रेट के साथ ही लोग बनारस में अपने सपने का आशियाना लेने के साथ अपने बिजनेस को भी यहां एस्टेब्लिश कर सकेंगे.
सारनाथ में 298 हेक्टेयर में निर्माण
सारनाथ हेरिटेज जोन में एएसआइ के नियमों को ध्यान में रखते हुए निर्माण किए जाएंगे। सारनाथ हेरिटेज जोन में स्कूल, कॉलेज, होटल, रेस्तरां और माल का कंस्ट्रक्शन कर सकते हैं। पहले 349 हेक्टेयर एरिया में कोई भी निर्माण पर प्रतिबंध था। उसे अवैध माना जाता था, लेकिन अब सिर्फ 51 हेक्टेयर एरिया में निर्माण नहीं कर सकते। बाकी बचे 298 हेक्टेयर में एरिया में निर्माण करने के लिए हरी झंडी मिल गई है.
17.5 मीटर हुई हाइट
शहर के प्रतिबंधित क्षेत्र में अब 17.5 मीटर ऊंची बिल्डिगें बनाई जा सकती हैं। इसके पूर्व मात्र 12 मीटर तक की अनुमति थी। साथ ही डीएम, कमिश्नर व जिला जज आवास सर्किट हाउस आदि प्रतिबंधित क्षेत्र में 12.5 मीटर के दायरे को समाप्त कर उन्हें 17.5 मोटर कर दिया गया है। इससे अब लोग निर्माण करा सकेंगे.
एयरपोर्ट रोड पर डेवलपमेंट
सबसे बड़ा फायदा वाराणसी एयरपोर्ट रोड पर डेवलपमेंट के कामों को मिलेगा। पहले यह हिस्सा डेवलपमेंट के मामले में काफी पीछे था। तमाम कनेक्टिविटी होने के बाद भी इसके डेवलपमेंट को लेकर प्लान बनाना मुश्किल था, लेकिन अब इस पर विकास होगा। होटल, मॉल्स, रेस्तरां वगैरह अब लोग बना सकेंगे। संशोधन के बाद एयरपोर्ट रोड या जिसे हम रिंग रोड कह रहे हैं। उसके दोनों तरफ 500 मीटर तक हम मिश्रित भू-प्लान को मंजूरी दी है। वहां पर बिजनेस बिल्डिंग, कमर्शियल कांप्लेक्स, ऑफिस कांप्लेक्स या मल्टीप्लेक्स, शोरूम्स या कमर्शियल प्रतिष्ठान बना सकेंगे। इसके चलते यहां की इकोनॉमी मजबूत होगी और वहां के लोगों को रोजगार भी मिलेगा। महायोजना में रिंगरोड के दोनों तरफ 200 मीटर के दायरे मिश्रित भू-प्रयोग कर दिया गया है। इसे लेकर सभी भ्रम दूर कर दिया गया है.
कई बार संशोधन
वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने बताया कि महायोजना में कई बार संशोधन किया जा चुका है। इस बार फाइनल किया गया। इसमें जहां हेरिटेज जोन में निर्माण को लेकर रास्ते खुले, वहीं अब वाराणसी के रिंग रोड और हाईवे पर कनेक्टिविटी के साथ ही रिहायशी और कॉमर्शियल दोनों एक्टिविटी को बढ़ाने की तैयारी शुरू हो गई है। मंजूरी के बाद महायोजना 2031 को लेकर काम और तेज कर दिया गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस प्लान के बाद जो बनारस से सटे जिले हैं। उनको भी इसका बड़ा फायदा मिलेगा.
काशी का विस्तार
जमीनों को रेजिडेंशियल प्रस्ताव के तहत भी तैयार करवाया जा रहा है, ताकि बड़ी-बड़ी इमारत और मल्टी स्टोरी बिल्डिंग भी तैयार हो सकें। इससे बनारस के डेवलपमेंट पर बहुत बड़ा असर पड़ेगा, क्योंकि बनारस के विस्तार को लेकर तैयार किया गया यह प्लान रिंग रोड और हाईवे के डेवलपमेंट में बहुत बड़ा मील का पत्थर साबित होगा। अभी तक हाईवे के दोनों तरफ लैंड उसे परमिशन नहीं दी जा सकती थी, लेकिन कुछ सिलेक्टेड एरिया जिसमें सबसे महत्वपूर्ण वाराणसी एयरपोर्ट रोड और रिंग रोड हैैं, यहां सड़क के दोनों तरफ बड़े मल्टीप्लेक्स परिसर और बड़े बिल्डर की मल्टी स्टोरी बिल्डिंग को लेकर भी प्रस्ताव आने शुरू हो गए हैं।
महायोजना को संशोधित कर फिर से लांच किया गया है। अब सारनाथ में 349 हेक्टेयर एरिया से प्रतिबंध हटा दिया या है। सिर्फ 51 हेक्टेयर एरिया में निर्माण करना प्रतिबंध है.
पुलकित गर्ग, उपाध्यक्ष वीडीए
महायोजना के फायदे
-शहर में 12 मीटर की जगह अब बना सकेंगे 17.5 मीटर ऊंची बिल्डिंग
-सारनाथ में 298 हेक्टेयर में कर सकेंगे निर्माण
-पहले 349 हेक्टेयर एरिया में निर्माण करने पर था प्रतिबंध
-एयरपोर्ट रोड के 500 मीटर तक बिजनेस बिल्डिंग, कमर्शियल कांप्लेक्स, ऑफिस कांप्लेक्स या मल्टीप्लेक्स, शोरूम्स या कमर्शियल प्रतिष्ठान बना सकेंगे.
-रिंग रोड और हाईवे किनारे बना सकेंगे मल्टी स्टोरी, मल्टीप्लेक्टस, पेट्रोल पंप