वाराणसी (ब्यूरो)। कमिश्नरेट पुलिस और स्मार्ट सिटी ने निजी सीसीटीवी कैमरों से शहर की सुरक्षा का खाका तैयार कर लिया है। आपरेशन त्रिनेत्र के तहत शहर में लोगों के घरों और प्रतिष्ठानों के बाहर अब तक 21124 कैमरे लगवा चुके हैं। आईपी बेस कई कैमरों को कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है। बाकी को भी कनेक्ट करने की प्रक्रिया चल रही है। समय-समय पर सामान्य कैमरों का डिटेल भी देखा जाएगा। शहर के साथ अब ग्रामीण इलाकों की सुरक्षा पर काम शुरू हो गया है। सीपी की अपील पर जिला पंचायत अध्यक्ष ने 300 सीसीटीवी कैमरे देने का वादा किया है। साथ ही शासन ने कैमरे लगाने के लिए बजट जारी किया है.
सेफ सिटी में ढाई हजार कैमरे
सेफ सिटी योजना के तहत स्मार्ट सिटी ने शहर में मार्केट, चौराहों समेत प्रमुख जगहों पर ढाई हजार से अधिक हाई क्वालिटी के कैमरे स्टॉल कराया है, जो शहर की सुरक्षा में काफी मददगार हैं। इसके अलावा पिछले चार महीनों से कमिश्नरेट पुलिस ने ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत व्यापारियों और गणमान्य लोगों से अपील कर सड़कों पर पडऩे वाले शोरूम, स्टोर, मॉल, प्रतिष्ठान और घरों के बाहर कैमरे लगवाकर शहर में सुरक्षित माहौल देने की योजना तैयार की है। आईपी बेस कैमरों का एक्सेस लेकर कंट्रोल रूम से जोडऩे की प्रक्रिया चल रही है।
कमांड सेंटर से निगरानी
आपरेशन त्रिनेत्र के तहत सभी इलाकों पर पुलिस की नजर रहेगी। संदिग्ध गतिविधियों पर पुलिस तुरंत एक्शन में आएगी। किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पर पुलिस को तत्काल मौके पर भेज दिया जाएगा। प्रतिष्ठान के बाहर लगे कैमरे कंट्रोल रूम से जुडऩे से लोगों को सुरक्षित माहौल मिलेगा। सिगरा स्थित सिटी कमांड सेंटर ही ट्रैफिक पुलिस का कंट्रोल सेंटर है। यहां से शहर को कंट्रोल किया जाता है। आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखने के लिए बहुत जल्द ही तेज तर्रार पुलिस अफसरों को भी तैनात किया जाएगा.
ग्रामीणों इलाकों में लगेंगे
शहर की तरह ग्रामीण इलाकों की सुरक्षा होगी। इसके लिए कमिश्नरेट पुलिस ने खाका तैयार लिया है। पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन की अपील पर जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या ने 300 आईपी कैमरे देने का वादा किया है। इसके अलावा सरकार ने भी कैमरे लगाने का शासनादेश जारी किया है। इसके तहत जेम्स पोर्टल से कैमरे खरीदने की प्रक्रिया होगी। जिलाधिकारी की निगरानी में कैमरे की खरीदारी होगी। इसके लिए कंपनियों का चयन शुरू हो गया है.
कैमरे से लैस थाने
कमिश्नरेट के कई थाने भी सीसीटीवी कैमरों से लैस हो गए हैं। इसके लिए शासन ने पहले चरण में साढ़े 35 लाख रुपये का बजट जारी किया था। ऐसे में कैमरे खराब होने या रिकॉर्डिंग चालू न होने जैसे बहाने भी पुलिस नहीं बना सकेगी। सुप्रीम कोर्ट ने थानों को सीसीटीवी कैमरों से लैस करने के लिए निर्देश दिए थे। इसी क्रम में थानों को सीसीटीवी कैमरों से लैस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।
क्राइम कंट्रोल में फस्र्ट
आपरेशन त्रिनेत्र की मदद से सबसे ज्यादा आपराधिक वारदात को हल करने में वाराणसी पुलिस सबसे आगे है। वाराणसी पुलिस ने पांच माह में दुष्कर्म व छेड़खानी के 12, चोरी व नकबजनी के 179 और 70 अन्य अपराधिक घटनाओं को हल किया है। शहर में जगह-जगह लगे सीसीटीवी कैमरे कंट्रोल रूम से जोडऩे के बाद अपराध में कमी आने की उम्मीद है। साथ ही छेडख़ानी की घटनाएं नहीं हो सकेंगी। बाजार में चोरी और लूटपाट की घटनाएं बंद हो जाएंगी। शरारती तत्वों पर आसानी से नजर रखी जा सकेगी.
आईटीएमएस से शिकंजा
पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद शासन सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने में जुटा है। इसी क्रम में आईटीएमएस व्यवस्था भी शहर में लागू होनी है। इस योजना पर अलग से काम होना है। इसके तहत भी विभिन्न स्थानों पर कैमरे लगाए जाने हैं। शासन ने आईटीएमएस की डीपीआर स्वीकार कर परियोजना को मंजूरी दे दी है। आईटीएमएस के बाद यातायात के नियम तोडऩे वाले वाहन चालकों पर शिकंजा कसा जाएगा।
आपरेशन त्रिनेत्र के तहत शहर में घरों और प्रतिष्ठानों के बाहर अब तक 21124 कैमरे लग चुके हैं। इससे शहर की सुरक्षा और मजबूत होगी और अपराध कंट्रोल में मदद मिलेगी। ग्रामीण इलाकों में कैमरे लगाने की प्रक्रिया चल रही है।
मुथा अशोक जैन, पुलिस कमिश्नर