वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी के लिए सोमवार का दिन खुशियों भरा रहा। यहां के पांच छात्र यूक्रेन से वाया हंगरी घर लौट आए। नरउर गांव के राहुल पटेल समेत पांच स्टूडेट्स सोमवार को तड़के बनारस पहुंचे। नरउर के डॉ। सुशील कुमार पटेल का बेटा राहुल यूक्रेन में उजहार्ड नेशनल मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस फस्र्ट ईयर की पढ़ाई कर रहा था। उसने यूक्रेन में कई दिन दहशत के बीच काटे। जैसे ही वह घर पहुंचा तो हर तरफ मुस्कान बिखर गई। सभी ने एक दूसरे का मुंह मीठा किया। बनारस के अभी कई छात्र यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में फंसे हैं और ऑपरेशन गंगा की फ्लाइट का इंतजार कर रहे हैं.
आधी रात के बाद घर पहुंचा
शनिवार को यूक्रेन से बस द्वारा हंगरी पहुंचे। फइर बुडापेस्ट एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए एयर इंडिया की फ्लाइट मिली। राहुल की फ्लाइट रविवार को दिल्ली लैंड हुई थी। वहां से बनारस आधी रात के बाद आया। दिल्ली से बनारस तक उसके साथ कार में कॉलेज के ही पांडेयपुर वाराणसी निवासी उन्नति पटेल, नई सड़क वाराणसी निवासी तौसीफा, गाजीपुर निवासी अभिषेक कुशवाहा, नेवादा भदोही निवासी शुभम दुबे थे। दिल्ली से बनारस तक सरकारी स्तर से सभी सुविधाएं मुहैया कराई गईं। नाश्ता-खाना सब मिला.
सुनाई रौंगटे खड़ी कर देने वाली दास्तां
राहुल और उसके दोस्तों ने बताया कि जहां जंग हो रही थी, बम धमाके हो रहे थे, वहां से हम वेस्ट साइड में थे, जंग के हालात सोचकर ही दिल कांप जाता था। वहां खाने-पीने की किल्लत बन गई है, न्यूज चैनल और दोस्तों से बातचीत कर पल-पल की जानकारी ले रहे थे। जहां हम थे, वहां कफ्र्यू लगा था। सभी को यूक्रेन से हंगरी बॉर्डर भेजा गया। फिर वहां से फ्लाइट मिली। दिल्ली से सड़क मार्ग से बनारस के लिए चले। वहां सभी लोग डरे-सहमे थे। कई छात्र कह रहे थे कि अब वापस यूक्रेन नहीं जाएंगे। ऑनलाइन पढ़ाई करेंगे.
खुशी मिली इतनी
राहुल के फादर डॉ। सुशील कुमार पटेल, मां चंद्रावती देवी, बहन आंचल और पड़ोसियों में खुशी की लहर दौड़ गई। चार दिन से सभी लोग दहशत और सदमे में थे। डॉ। सुशील ने बताया कि बेटे से लगातार बात हो रही थी। राहुल ने फोन पर बताया कि वह यूक्रेन से बस द्वारा हंगरी भेजा जा रहा है, बस में बनारस के सात छात्र हैं।
अमित को मिली फ्लाइट
बनारस के अमित पांडेय लगातार अपने परिवार के संपर्क में हैं। सोमवार रात करीब दस बजे व्हाट्सएप के जरिए हुई बातचीत में अमित ने बताया कि रोमानिया में वह सुरक्षित है। कुछ देर में भारत के लिए फ्लाइट पकड़ लेगा। परिजनों ने बताया कि अभी यह कंफर्म नहीं हो पाया है कि फ्लाइट दिल्ली आएगी या मुंबई, लेकिन मेरा बेटा सकुशल घर आ रहा है, यह जानकर पूरा परिवार खुश है।
पिंडरा के तीन बेटे पहुंचे रोमानिया
वाराणसी के पिंडरा को भी सोमवार को राहत भरी खबर मिली। पिंडरा इलाके के तीन छात्र जंग के मैदान से निकलकर रोमानिया पहुच चुके हैं। इन तीनों के तीन दिन के अंदर घर आने की उम्मीद है। फूलपुर के डॉ। दिलीप गिरि ने बताया कि इभानो शहर से उनका बेटा शिवम रोमानियां पहुंच चुका है। सोमवार की रात में इंडिया के लिए फ्लाइट मिलेगी। धरसौना निवासी ललित कुमार और पिंडरा निवासी डॉ। आरसी वर्मा का बेटा देवल वर्मा भी इनमें शामिल है।
अभी भी फंसी है श्रुति
बनारस के सिगरा की श्रुति त्रिपाठी को सोमवार को रवानगी की उम्मीद थी, लेकिन किन्हीं कारणों से अभी वह फंसी है। विनित्सिया कैम्प में वह सुरक्षित है। उसके साथ बहुत सारे बच्चे हैं। श्रुति के परिजनों ने बताया कि वह अपनी बेटी को लेकर परेशान हैं। हालांकि वह अपनी बेटी से लगातार संपर्क में हैं। भगवान से बस यही प्रार्थना है कि मेरी बेटी की वतन वापसी जल्द हो.