वाराणसी (ब्यूरो)। मुगलसराय के दो छात्र बुधवार की सुबह तुलसी घाट पर गंगा स्नान करने के दौरान डूब गए। दोनों दसवीं कक्षा के छात्र थे और स्कूल का बहाना करके घर से निकले थे। साथियों के साथ मौज-मस्ती करने बनारस आए गए थे। एनडीआरएफ के साथ स्थानीय गोताखोरों ने मशक्कत के बाद दोनों के शवों को बाहर निकाला। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
गुट बनाकर पहुंचे अस्सी घाट
मुगलसराय के मानस नगर केन्द्रीय विद्यालय के दसवीं के छह छात्र दिवाकर मोदी, अंकित यादव, सुजीत, अनमोल पांडेय, नमन, संजीव यादव और मानस कान्वेंट स्कूल में दसवीं में पढऩे वाला विकास यादव तीन बाइक पर सवार होकर बनारस में अस्सी घाट आए थे। थोड़ी देर इधर-उधर घूमने के बाद सुबह साढ़े नौ बजे सभी गंगा स्नान करने के लिए तुलसी घाट आ गए।
डूबने लगे अंकित व दिवाकर
अलीनगर का रहने वाला अंकित यादव और रविनगर का दिवाकर मोदी पानी में चले गए। अन्य साथी बैग व कपड़ा आदि घाट पर रखकर नहाने की तैयारी कर ही रहे थे। इसी दौरान अंकित व दिवाकर गहरे पानी चले गए। दोनों तैरना नहीं जानते थे इसलिए डूबने लगे। साथियों ने मदद के लिए शोर मचाया लेकिन घाट पर मौजूद कोई आगे नहीं आया। देखते ही देखते दोनों छात्र गंगा में समा गए।
शुरू हुई तलाश
छात्रों के डूबने की जानकारी होने पर भेलूपुर थाना प्रभारी रमाकांत दुबे और असि चौकी प्रभारी वीरेंद्र यादव मौके पर पहुंच गए। थोड़ी ही देर में एनडीआरएफ के जवान आ गए और गंगा में डूबे छात्रों की तलाश शुरू की।
गोताखोरों ने निकाला शव
आक्सीजन सिलेंडर समेत अन्य जरूरी साजो-सामन से लैस एनडीआरएफ जवानों ने देर तक डूबे छात्रों की तलाश की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। इसके बाद स्थानीय गोताखोर भरत निषाद, करन निषाद, उज्ज्वल साहनी, सूरज साहनी, रमेश साहनी और गौतम साहनी को बुलाया गया। लगभग आधे घंटे के प्रयास में स्थानीय गोताखोरों ने दोनों का शव पानी से बाहर निकाला। सभी ने उनकी खूब प्रशंसा की। भेलूपुर थाना प्रभारी रमाकांत दुबे ने उन्हें नकद इनाम भी दिया।
दोनों परिवार सदमे में
दोनों छात्रों के डूबने की सूचना पाकर परिवार के लोग घाट पर पहुंच गए थे। अंकित यादव केच् पिता बच्चे लाल यादव बिहार पुलिस में गया में दीवान पद पर तैनात हैं। सूचना पाकर वे रवाना हो चुके हैं। अंकित की माता चन्द्रावती देवी का रो-रोकर बुरा हाल था। अंकित मूलत: बाबा कीनाराम नगरी रामगढ़ चहनियां (चंदौली) का रहने वाला था। तीन भाइयों में मझला था। वहीं दिवाकर मोदी के पिता भीम मोदी चंदौली भाजपा श्रम प्रकोष्ठ के अध्यक्ष हैं। दिवाकर दो बहनों और दो भाइयों में तीसरे नंबर पर था।
दो दिन से आ रहे थे
अंकित व दिवाकर दो दिन से अपने साथियों के साथ बनारस आ रहे थे। वो घर से स्कूल का बहाना बनाकर निकलते थे और बनारस आकर दिन भर मौज-मस्ती करके घर वापस चले जाते थे। इसकी जानकारी उनके परिवार के लोगों को नहीं थी। अंकित की मां बार बार यह कह रही थी कि मेरा बेटा बड़ा होनहार था। उसे मैं कहीं नहीं जाने देती थी। न जाने कैसे यहां चला आया.
विकास ने की थी बचाने की कोशिश
गंगा में डूबे अंकित व दिवाकर की जान बचाने की कोशिश की थी उनके साथी विकास यादव ने। उसका कहना है कि वह नहाने के दौरान अनमोल पाण्डेय के साथ घाट के किनारे मौजूद था। जब उसकी निगाह डूब रहे साथियों पर पड़ी तो लोगों से मदद की गुहार किया। किसी के आगे नहीं आने पर खुद मदद के लिए गंगा में कूद पड़ा। अंकित को पकड़कर बाहर निकालने की कोशिश कर रहा था तभी दिवाकर ने उसको मजबूती से पकड़ लिया। इससे वह भी डूबने लगा। किसी तरह खुद को मुक्त कराकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा लेकिन तब तक अंकित व दिवाकर गंगा में समा गए।
नहीं कराना चाहते थे पोस्टमार्टम
अपने बेटे को खो देने के बाद अंकित यादव की मां चन्द्रावती देवी विलाप करते हुए पुलिसकर्मियों से बार-बार कह रही थीं कि मेरा बेटा तो चला गया। पोस्टमार्टम कर उसकी दुर्दशा मत कीजिये। साथ आये परिवारिजन व मां इसे लिखकर देने को तैयार थी। यही हाल दिवाकर के पिता भीम मोदी का भी था। वे भी ऐसा लिखकर देने को तैयार थे लेकिन कानून की अनिवार्यता का हवाला देकर स्थानीय थाना प्रभारी ने इनकार कर दिया.