वाराणसी (ब्यूरो)। पीडीडीयू नगर मंडल से लेकर हाजीपुर जोन तक उस समय खलबली मच गई, जब दो रेलकर्मियों द्वारा रेलवे का 40 लाख रुपये गबन करने का मामला प्रकाश में आया। हाजीपुर की टीम ने सर्कुलेङ्क्षटग एरिया स्थित रेलवे के कैश एंड पे कार्यालय में शुक्रवार को छापेमारी कर एक कर्मी को गिरफ्तार कर लिया, जबकि दूसरा फरार हो गया। हालांकि हाजीपुर की जांच टीम बीते चार जून से इस मामले की जांच कर रही थी। कर्मी स्टेशनों के स्टाल की बिजली के बिल में हेराफेरी करते थे। वित्त विभाग ने आरपीएफ में तहरीर दी। गबन करने का तरीका भी अनोखा निकाल रखे थे.
देते थे जमा की रसीद
संचालकों को बिल जमा होने की रसीद थमा देते थे और रेलवे को एसबीआइ में रुपये जमा होने का बाउचर दे देते थे। सबसे बड़ा सवाल यह उठने लगा कि पिछले एक साल से चल रहे इस खेल की भनक मंडल के अधिकारियों को नहीं लगी और अंत में हाजीपुर की टीम को धमकना पड़ा। बताया जा रहा है कि पिछले डेढ़ माह से रसीद जमा नहीं हो रही थी। इसके बाद रेल प्रशासन के कान खड़े हुए और मामले की जांच शुरू होने के बाद इसका राजफाश हुआ।
एक साल से हेरफेर
सर्कुलेङ्क्षटग एरिया स्थित रेलवे के कैश एंड पे कार्यालय में मंडल के विभिन्न स्टेशनों के स्टाल के बिजली का बिल जमा होता है। इसके लिए कार्यालय में कैलाशपुरी निवासी दीपक कुमार सिन्हा डिविजनल कैशियर व बिहार, बक्सर निवासी अंगद कुमार पांडेय हेड लेखापाल पद पर कार्यरत है। वर्तमान में अंगद मानस नगर कालोनी में निवास करता है। पिछले एक साल से दोनों स्टालों से बिजली का प्रीपेड बिल में जमा रुपये में हेरफेर कर रहे थे। अपने बचाव के लिए बाकायदा स्टाल संचालकों को जमा करने की रसीद दे देते थे.
हाजीपुर की टीम पहुंची
संचालक भी रसीद लेकर चले जाते थे। इसके बाद एकत्रित रुपयों को एसबीआइ बैंक में जमा होने का फर्जी बाउचर बनाकर रेलवे को दे देते थे। जानकारी होने के बाद हाजीपुर की टीम कार्यालय में पहुंची। पिछले पांच दिनों तक चले जांच में से पता चला कि दोनों ने 40 लाख का गबन किया है। इसके बाद तो आरपीएफ में मुकदमा दर्ज कराया गया। टीम ने दीपक सिन्हा को गिरफ्तार कर लिया। जबकि अंगद अभी फरार चल रहा है। जिसकी तलाश आरपीएफ ने शुरू कर दी है.