वाराणसी (ब्यूरो)काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) सिर्फ सस्ती और अच्छी शिक्षा ही नहीं चिकित्सा के लिए भी जानी जाती हैदिल्ली एम्स के साथ ही चिकित्सा विज्ञान संस्थान (आईएमएस) बीएचयू बेहतरीन चिकित्सा का भी बड़ा केंद्र हैयहां की चिकित्सा व्यवस्था पर लोगों का इतना अटूट विश्वास है कि देश ही नहीं विदेश के लोग भी अपना इलाज कराने के लिए आ रहे हैंऐसे में यह अस्पताल न सिर्फ बनारस के लोगों को बल्कि देश के पांच राज्यों यूपी, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ के साथ ही दूसरे पड़ोसी देश नेपाल के लोगों की सेहत सुधार रहा हैअपने मरीजों को लेकर यहां इलाज के लिए आने वाले लोगों की इस विश्वास पर खरा उतरने और उन्हें बेहतरीन सुविधाएं देने के लिए अस्पताल को लगातार अपग्रेड करते हुए हर स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं बढ़ाई जा रही हैंशायद यही वजह है कि यहां इलाज के लिए मरीजों की लाइन आधी रात से ही लगनी शुरू हो जाती है.

डेली आते हंै 8 से 9 हजार पेशेंट

वर्ष 1916 में स्थापित बीएचयू की स्थापना के 10 साल बाद इसी कैंपस में सर सुंदरलाल (एसएस) हॉस्पिटल की शुरुआत की गई थीशुरुआत तो मात्र 96 बेड के हॉस्पिटल से हुई थी, जो आज 2655 तक पहुंच गई हैआर्थो और मेजर एक्सीडेंटल वाले मरीजों को तत्काल ट्रीटमेंट देने के मकसद से यहां अलग से विशाल ट्रामा सेंटर हॉस्पिटल बनाया गयाआंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में बीएचयू हॉस्पिटल और ट्रॉमा सेंटर में डेली 8 से 9 हजार से अधिक मरीज अपना इलाज कराने आ रहे हैंखास बात ये है कि यहां न सिर्फ आधुनिक चिकित्सा, बल्कि आयुर्वेद चिकित्सा में मरीजों को बेहतरीन ट्रीटमेंट दिया जा रहा हैइसके साथ ही मरीजों अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस जांच फैसिलिटी के साथ सस्ती दवाएं भी उपलब्ध हो रही है

प्रेग्नेंट के लिए अलग से एमसीएस विंग

प्रेग्नेंट वूमेन और ओल्ड एज पीपल के लिए यहां अलग से जीरियाट्रिक व गायनी ओपीडी चालाई जा रही हैजल्द ही यहां बुजुर्गों के लिए अलग से नेशनल एजिंग सेंटर की भी शुरुआत होगीजहां एक ही छत के नीचे बुजुर्गों से जुड़ी हर बीमारी का इलाज होगा। 150 करोड़ की लागत से बनने वाले इस सेंटर की आधारशिला वाराणसी दौरे पर आए पीएम मोदी ने रखी हैवहीं एमसीएच विंग में एक ही छत के नीचे यहां आने वाली प्रेग्नेंट वूमेंस को भी बेहतरीन इलाज की सुविधा मिल रही हैइसके अलावा यहां कुल करीब 45 विभागों की ओपीडी संचालित की जा रही हैजिसमें इलाज कराने वाले मरीजों की मारा मारी बनी रहती हैकिसी फेस्टीवल के बाद जब हॉस्पिटल खुलता है तो यहां मरीजों के अटेंडेंट को दो दिन पहले ही आकर डेरा जमाना पड़ता है

ट्रॉमा सेंटर में दवा का भी खर्च नहीं

एसएस हॉस्पिटल के साथ हीआईएमएस बीएचयू में 350 बेड के ट्रॉमा सेंटर में मरीजों के ऑपरेशन में लगने वाले इक्यूपमेंट्स के साथ तमाम तरह की जरूरी दवाएं भी फ्री ऑफ कॉस्ट दी जा रही हैट्रॉमा सेंटर प्रभारी प्रोसौरभ सिंह का कहना है कि यह पहला ऐसा सेंटर हैं, जहां न्यूरो सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी, आर्थोपेडिक सर्जरी, मैग्जिलोफेसियल और न्यूरो एनीस्थिसिया विभाग के साथ ही 14 ऑपरेशन थियेटर, हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी, एकमो विधि से इलाज की सुविधा एक ही जगह मिल रही हैआने वाले समय में यहां पेशेंट की सुविधा के लिए 150 बेड का क्रिटिकल केयर यूनिट भी बनाए जाने की भी प्लानिंग की गई हैइसका काम शुरू हो गया है

2500 हजार करोड़ रुपए से बदलेगी व्यवस्था

पिछले साल 28 अगस्त को वाराणसी दौरे पर आए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉमनसुख मांडविया एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बीएचयू पहुंचे थेइस दौरान डॉक्टर्स के साथ हुई बैठक में उन्होंने माना कि बीएचयू एसएस हॉस्पिटल में पेशेंट का काफी लोड अधिक है, लेकिन कोई भी मरीज यहां से बिना इलाज के लौटना नहीं चाहिएआने वाले समय में यहां बेड्स की संख्या बढ़ाकर 3000 किरने पर जोर होगाअस्पताल में बेड से लेकर अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त होंगीआने वाले 5 वर्षों में व्यवस्थाओं को और बेहतर करने के लिए 2500 हजार करोड़ रुपए दिए जाएंगे.

हर राज्य से आते हैं मेडिकल स्टूडेंट्स

बनारस का एक मात्र व सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज के रूप में भी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस-बीएचयू में चिकित्सा विज्ञान संकाय के साथ आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज भी हैयहां चिकित्सा विज्ञान से हर साल एमबीबीएस, एमडी, एमएस और दंत चिकित्सा विज्ञान संकाय से एमडीएस, बीडीएस के लिए देश के कोने-कोने से स्टूडेंट्स पढऩे के लिए आ रहे हैं, वहीं आईएमएस के तहत आयुर्वेद संकाय से बीएएमएस, एमडी, एमएस के साथ ही डिप्लोमा कोर्स में मेडिकल स्टूडेंट स्टडी रहे हैं.

बीएचयू में कहां कितने बेड

1600

बेड बीएचयू हॉस्पिटल में

350

बेड वाला पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा कैंसर सेंटर

450

बेड का सुपर स्पेशिऐलिटी कॉम्प्लेक्स

100

बेड का मैटर्नल चाइल्ड हेल्थ सेंटर

40

बेड की न्यूबार्न केयर यूनिट

75

बेड का मानसिक अस्पताल

100

बेड क्षेत्रीय नेत्र संस्थान

ये भी है सुविधा

-बीएचयू अस्पताल के किसी भी ओपीडी से संबंधित जांच और डॉक्टरों के ओपीडी शेड्यूल की जानकारी के लिए रूम नंबर 100 में दी जाती है

-यहां ओपीडी में रजिस्ट्रेशन के लिए पर्ची लगने के साथ ही जहां पर डॉक्टरों द्वारा दिये गए जांच के लिए पर्ची व नगद जमा की सुविधा भी है.

बीएचयू में इलाज कराने के लिए आने वालों को यह भरोसा रहता है कि उन्हें बेस्ट ट्रीटमेंट मिलेगाइनके इस विश्वास को को बनाए रखने का पूरा प्रयास रहता हैयहां दूर दराज से आने वाले मरीजों को जांच, इलाज की बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने की दिशा में हर संभव बेहतर प्रयास किया जा रहा हैएक स्थान पर ओपीडी, जांच, भर्ती की सुविधाएं दी जा रही हैबहुत जल्द ही इनमें और ज्यादा विस्तार किया जाएगाइसके साथ ही यहां किडनी ट्रांस्प्लांट की सुविधा भी दी जाएगी

प्रोएसएन संखवार, निदेशक, आईएमएस बीएचयू