वाराणसी (ब्यूरो)। विभिन्न मांगों को लेकर पूरे प्रदेश के बिजली कर्मचारी गुरुवार की रात 10 बजे से 72 घंटे के लिए सांकेतिक हड़ताल पर चले गए हैं, जिसका असर बनारस शहर के डिस्काम से लेकर सभी सर्किलों से होते हुए फीडरों और डिवीजनों तक पहुंच गई है। इस दौरान बिजली विभाग के समस्त कार्यालयों पर ताले लग गए हैं, जिसका खामियाजा आम जनता भुगत रही है। इस दौरान विभाग के डिस्काम की तरफ से शहर के अंदर बिजली व्यवस्था को सुचारू और जारी रखने के लिए टीडीएस कंपनी से डेली बेसिस पर 50 कर्मचारियों को लिया गया है जोकि 72 घंटे तक मोर्चे को संभालेंगे। ऐसे में शहर के सभी कैश काउंटर बंद होने के कारण आम जनता को जहां परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वहीं विभाग को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है.
100 के 100 कैश काउंटर ठप
जिले में बिजली की सप्लाई के लिए विभाग को तीन सर्किल में बांटा गया है। इनके बीच सप्लाई और कस्टमर चेन को प्रापर बनाए रखने के लिए 100 कैश काउंटर और 500 फीडर बनाए गए हैं जो कि 48 डिवीजन कार्यालयों से कमांड होते हैं। इस दौरान हड़ताल का असर सभी कैश काउंटर पर देखने को मिल रहा है। सभी कर्मचारी ताला लगाकर बाहर हड़ताल में शामिल हैं और पब्लिक बिल तक जमा नहीं कर पा रही है। इधर बीच विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि इस कारणवश विभाग को रोजना 10 करोड़ से ज्यादा का घाटा का सामना करना पड़ रहा है.
अधिकारियों से कर्मचारियों के मोबाइल स्विच आफ
हड़ताल में शामिल होने के कार्य से बचने के लिए जिले के 2200 संविदा कर्मचारियों के साथ 178 जेई, 98 एसडीओ, 48 एक्सईएन और 275 लिपिक व कंप्यूटर आपरेटर शामिल हुए हंै। इस दौरान समस्त कर्मचारियों के द्वारा अपने मोबाइल को स्विच आफ कर लिया गया है और काम से बचने का प्रयास किया जा रहा है। इस दौरान डिस्काम से आदेश आने के बाद सर्किल अधिकारियों के द्वारा आनन-फानन में टीडीएस कंपनी से 50 आईटीआई कर्मियों को हायर करते हुए जिम्मेदारियों को दिया गया। बताते चलें कि सिर्फ अधीक्षण अभियंता के मोबाइल चालू हालात में रहे.
फाल्ट को ठीक कराने में हो रही परेशानी
बुधवार की रात से ही शहर में कई प्रकार के कई लोकेशन पर फाल्ट देखने को आए। पब्लिक अपनी परेशानी के लिए ऊपर से लेकर नीचे तक के अधिकारियों को फोन करती रही तो सबके मोबाइल फोन स्विच आफ आते रहे। इस दौरान पब्लिक ने 1912 पर शिकायत करते हुए समाधान के लिए गुहार लगाई तो आनन-फानन में आईटीआई स्टूडेंट्स की व्यवस्था की गई। इस दौरान जिलाधिकारी के द्वारा हड़ताल को देखते हुए समस्त जिम्मेदार संस्थाओं को अपनी खुद की व्यवस्था के लिए जेनरेटर की भी व्यवस्था करने के लिए आदेश जारी कर दिया है.
कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से समस्त कैश काउंटर बंद हैं, जिस कारण पब्लिक अपने बिल का भुगतान नहीं कर पा रही है। इस दौरान विभाग को 10 करोड़ प्रतिदिन राजस्व हानि का सामना करना हो रहा है। साथ ही आईटीआई स्टूडेंट्स की मदद से व्यवस्था को बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है.
अनिल कुमार वर्मा, अधीक्षण अभियंता, सर्किल द्वितीय