वाराणसी (ब्यूरो)कैंट रेलवे स्टेशन पर यार्ड रीमॉडलिंग का कार्य शुरू हो गया हैइसके चलते 15 अक्टूबर तक कैंट जंक्शन से चलने वाली ट्रेनों के रूट में परिवर्तन किया गया हैऐसी स्थिति में कई ट्रेनें अब काशी, बनारस (मंडुआडीह), शिवपुर, लोहता व सुल्तानपुर स्टेशन से रवाना होंगीइसलिए यात्री ध्यान दें कि वाराणसी कैंट जंक्शन से अन्य रूटों पर जाने से पहले यह पता कर लें कि आपकी ट्रेन किस स्टेशन से चलेगीउधर, 15 अक्टूबर तक चार ट्रेनों को निरस्त, जबकि छह के प्लेटफॉर्म में बदलाव और छह ट्रेनों का रूट बदला गया हैइसी तरह 45 दिन के दौरान अलग-अलग तिथियों में कुल 35 जोड़ी ट्रेनें निरस्त की गई हैं, जबकि 14 जोड़ी ट्रेन दूसरे स्टेशनों से चलेंगीयात्रियों की सुविधा के मद्देनजर ट्रेनों को चरणवार रद किया गया है। 15 अक्टूबर के बाद कुछ और ट्रेनें रद की जाएगी.

तीन दशक बाद हो रही रीमॉडलिंग

इससे पहले कैंट स्टेशन (वाराणसी जंक्शन) की यार्ड रीमॉडलिंग वर्ष 1994 में हुई थीइस बीच, 29 वर्षों में यहां ट्रेनों और यात्रियों की संख्या तीन गुना से ज्यादा बढ़ गईरेलवे के अधिकारियों के मुताबिक वर्ष 1994 में यार्ड रीमॉडलिंग के दौरान ट्रेनों के सुगम परिचालन के लिए पॉवर केबिन (कंट्रोल रूम) बनाया गयाजहां मैनुअल सिस्टम बदलकर रूट रिले इंटरलॉकिंग (आरआरआई) सिस्टम से ट्रेनों को चलाया जाने लगाउस समय कुल 40 जोड़ी गाडिय़ों का परिचालन होता था, जिससे औसतन 25 से 28 हजार यात्री सफर करते थेइस समय कैंट स्टेशन से देश की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस कुल 112 जोड़ी गाडियों (प्रतिदिन, द्वि साप्ताहिक, त्रैसाप्ताहिक व साप्ताहिक को मिलाकर) का परिचालन हो रहा हैइस समय औसत यात्री संख्या 81 हजार के आसपास है.

एलईडी से शहर में प्रसारित होगी सूचना

शहर में 16 जगहों पर लगे स्मार्ट सिटी के एलईडी स्क्रीनों पर कैंट स्टेशन के यार्ड रीमॉडलिंग की फेजवाइज जानकारी मिलेगीगुरुवार से यह व्यवस्था शुरू हो गईस्क्रीनों पर ट्रेनों से जुड़ी जानकारी प्रदर्शित होगीयात्री एनटीईएस एप और हेल्पलाइन नम्बर-139 पर कॉल करके भी ट्रेनों के निरस्तीकरण, रूट डायवर्जन और अन्य जानकारी ले सकते हैं.

प्लेटफॉर्म-3 और गुड्स लाइनें सरेंडर होंगी

यार्ड रीमॉडलिंग के पहले चरण में प्री-बिफोर नॉन इंटरलॉकिंग से जुड़े काम होंगेइसके लिए प्लेटफॉर्म नंबर तीन लोहता साइड में डाउन यार्ड की तीन गुड्स व स्टेबलिंग लाइनों को सरेंडर कर दिया जाएगाबनारस छोर पर इसकी लम्बाई और चौड़ाई बढ़ेगीपटरियों की लंबाई में भी इजाफा होगाइन्हें सीधा किया जाएगा.

यह ट्रेनें रहेंगी निरस्त रहेंगी

- गाजीपुर-कोलकाता शब्दभेदी सुपरफास्ट एक्सप्रेस

- वाराणसी-आसनसोल मेमू एक्सप्रेस

- बनारस-भटनी अनारक्षित स्पेशल

- गाजीपुर सिटी-प्रयागराज संगम मेमू एक्सप्रेस

इनका बदला प्लेटफॉर्म

- सम्बलपुर-बनारस एक्सप्रेस

- रांची-बनारस एक्सप्रेस

- प्रयागराज रामबाग-मऊ मेमू एक्सप्रेस

- मऊ-प्रयागराज रामबाग मेमू एक्सप्रेस

- बक्सर-बनारस मेमू पैसेंजर

-बनारस-बक्सर मेमू पैसेंजर

यह भी जानना है जरूरी

-यार्ड रिमाडलिंग के दौरान ट्रेनों का परिचालन काशी, बनारस (मंडुआडीह), शिवपुर व लोहता स्टेशन से होगा.

-मंडलायुक्त ने ट्रेनों के डायवर्जन के दौरान यातायात परिचालन को सुचारू रूप से संचालित करने के दिए निर्देश

-यार्ड रिमाडलिंग का कार्य चार फेज में 01 सितम्बर से शुरू होकर 15 अक्टूबर तक चलेगा.

यार्ड रिमाडलिंग को लेकर हुई बैठक

कमिश्नर कौशल राज शर्मा की अध्यक्षता में कैंट रेलवे स्टेशन पर यार्ड रिमाडलिंग के कार्यों के संबंध में बैठक हुईस्टेशन डायरेक्टर गौरव दीक्षित ने बताया कि इस दौरान ट्रेनों के आवागमन को लोहता, शिवपुर, काशी व मंडुआडीह स्टेशन से संचालित किया जाएगाकमिश्नर ने संबंधित विभागों, जिसमें नगर निगम को उचित साफ-सफाई, सड़कों की मरम्मत, स्ट्रीट लाइटिंग, अतिक्रमण, कूड़ा उठान, गंदगी, पार्किंग, पीने के पानी आदि की उचित व्यवस्था करने, लोक निर्माण विभाग को सभी तीनों स्टेशनों से संबंधित सड़कों की मरम्मत करने, परिवहन विभाग को ऑटो रिक्शा, -रिक्शा, बसों के सुचारू परिचालन सभी की विधिवत व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहाउन्होंने जीआरपी को यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दियाबैठक में स्टेशन डायरेक्टर गौरव दीक्षित, एडीआरएम लालजी, अपर पुलिस आयुक्त वाराणसी कमिश्नरेट एस चिनप्पा, डीएम एस राजलिंगम, एडीएम सिटी गुलाब चंद, डीसीपी ट्रैफिक प्रबल प्रताप सिंह समेत नगर निगम, ट्रैफिक पुलिस, जीआरपी, लोकनिर्माण, परिवहन विभाग के अधिकारी गण उपस्थित रहे.

चार फेज में होंगे यार्ड रिमाडलिंग कार्य

यार्ड रिमाडलिंग का कार्य 1 सितंबर से 15 अक्टूबर कुल 45 दिन तक चलेगा, जिसमें कुल 4 फेज में निर्माण व मरम्मत किए जाएंगेप्रथम फेज 1 से 10 सितंबर होगा, जिसमें प्लेटफॉर्म 3, द्वितीय फेज 11 से 19 सितंबर तक होगा, जिसमें प्लेटफॉर्म 6, 7 8 का सरेंडर किया जाएगा। 20 सितंबर से 05 अक्टूबर तक गुड्स लाइन और अंतिम फेज 06 से 15 अक्टूबर तक चलेंगे, जिसमें बृहद स्तर पर प्लेटफॉर्म का सरेंडर किया जाएगा और कार्य को अंतिम रूप दिया जाएगा.

अक्टूबर में हो जाएंगे 11 प्लेटफार्म

यार्ड रिमाडलिंग का कार्य पूरा होने पर वर्तमान के 9 प्लेटफॉर्म की तुलना में 11 प्लेटफॉर्म हो जाएंगेवर्तमान में 3 फुल लेंथ प्लेटफॉर्म हैंरिमाडलिंग के बाद सभी 11 प्लेटफॉर्म फुल लेंथ के हो जाएंगे, जिससे की गाडिय़ों को आउटर में रोकने की समस्या से निजात मिलेगीरनिंग लाइंस 12 हो जाएंगी और प्लेटफॉर्म की चौड़ाई भी बढ़ाई जाएगी.

दूसरे स्टेशन से चलेंगी ट्रेनें

कैंट स्टेशन पर प्रस्तावित यार्ड री- मॉडलिंग की प्रक्रिया शुरू हो गई हैयहां से बनकर चलने वाली प्रमुख गाडिय़ों को इस अवधि में दूसरे स्टेशन चलाया जाएगाबनारस स्टेशन और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन छोर की पटरियों को कैंट स्टेशन के सभी लाइनों से जोडऩे की योजना हैइसके अलावा पावर केबिन को नवनिर्मित भवन में शिफ्ट करने का कार्य भी प्रस्तावित हैब्लॉक की अवधि में व्यापक स्तर पर विकास कार्य होंगेइसके बाद कैंट स्टेशन की तस्वीर बदल जाएगी

बदले स्टेशन से चलेंगी ये गाडिय़ां

- बेगमपुरा एक्सप्रेस 11 सितंबर से 16 अक्टूबर तक सुल्तानपुर से प्रस्थान और समाप्त होगी.

- काशी महाकाल एक्सप्रेस 12,14,19,21,26,28 सितंबर और 3,5,10 12 अक्टूबर को सुल्तानपुर से प्रस्थान एव समाप्त होगी.

- वाराणसी-अहमदाबाद साप्ताहिक एक्सप्रेस 16,23,30 सितंबर, 7,14 अक्टूबर को सुल्तापुर तक आएगी और जाएगी.

- शटल सुपरफास्ट एक्सप्रेस 11 सितंबर से 16 अक्टूबर तक शिवपुर स्टेशन से आएगी व जाएगी.

- मरुधर एक्सप्रेस 11 सितंबर से 15 अक्टूबर तक लखनऊ से प्रस्थान और समाप्त होगी.

- वाराणसी-लखनऊ इंटरसिटी एक्सप्रेस का संचालन 20 सितंबर से 15 अक्टूबर तक लोहता स्टेशन से किया जाएगा.

मार्ग परिवर्तन

कैंट स्टेशन से गुजरने वाली लंबी दूरी की 37 जोड़ी गाडिय़ों के मार्ग में परिवर्तन किया गया हैअधिकांश ट्रेनें निर्धारित रूट के बजाय वाया अतरौलिया रोड, जौनपुर, शाहगंज के रास्ते जाएंगीकुछ गाडिय़ों को वाया प्रयागराज, सुल्तानपुर-अयोध्या के रास्ते चलाया जाएगाइसी प्रकार वाया जीवनाथपुर, वाराणसी, जौनपुर व औडि़हार होकर कुछ ट्रेनों का दबाव कम किया जाएगा.