वाराणसी (ब्यूरो)'करो योग-रहो निरोगÓ इस फलसफे को आगे बढ़ाते हुए पीएम मोदी की पहल पर पिछले दस सालों में योग ने अपनी अलग पहचान बनाई है। 21 जून को पूरा देश विश्व योग दिवस मनाने जा रहा हैइस दिवस को लेकर बनारस में सरकारी तंत्र से लेकर स्कूल कॉलेज और विश्वविद्यालयों में भी अपने-अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई हैंबीएचयू, आईआईटी बीएचयू, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, गोवर्धन पूजा समिति के अलावा स्कूल व अन्य सरकारी विभागों में योग दिवस को लेकर युद्ध स्तर पर तैयारियां की जा रही हैंकॉलेजों में तो बाकायदा योग के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग योग क्रिया को सीख और समझ सकें

आधे घंटे जरूर करें योग

गोवर्धन पूजा समिति की ओर से नमो घाट पर सात दिवसीय योग शिविर की शुरुआत की गई हैशिविर के उद्घाटन के दौरान राज्य मंत्री रविन्द्र जायसवाल समेत विधायक डॉनीलकंठ तिवारी, डीएम एस राजलिंगम, सीडीओ हिमांशु नागपाल भी मौजूद रहेइसमें संस्था की सैंकड़ों महिलाओं और पुरुषों ने प्रतिभाग कियानमो घाट पर योगाचार्य डेली योग करवाते हैं

10वां योग शिविर

राज्यमंत्री ने कहा कि पीएम के नेतृत्व में भारत ही नहीं पूरे विश्व में 10वां योग दिवस आगामी 21 जून को मनाया जाएगाइसे लेकर गोवर्धन पूजा समिति की ओर से यहां साप्ताहिक योग शिविर का आयोजन किया गया हैयहां रोज आधे घंटे योगासन की व्यवस्था रहेगीगोवर्धन पूजा समिति के अध्यक्ष विनोद यादव ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के जमाने में लोग योग करते थेकुछ समय पहले तक यह विलुप्त हो गया थाप्रधानमंत्री के प्रयासों से इसे नई संजीविनी मिली हैपिछले दस सालों से घाट पर गोवर्धन पूजा समिति योग का आयोजन प्रतिदिन करवाती है.

7 दिन का योग शिविर

इसी क्रम में आईआईटी-बीएचयू के जिमखाना ग्राउंड पर शनिवार यानि सुबह 6 बजे से योग शिविर शुरू किया गया है, जो 21 जून तक चलेगासंस्थान के डीन ऑफ स्टूडेंट्स प्रोराजेश कुमार उपाध्याय ने बताया कि संस्थान के अधिकारियों, प्रोफेसरों, छात्र-छात्राओं और कर्मचारियों के साथ ही पूरे बनारस के लोगों को इस योग शिविर में शामिल होने का खुला आमंत्रण है। 7 दिन तक के इस योग शिविर में आने पर एक सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा.

ऑनलाइन लिंक जारी

इसमें रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन लिंक भी जारी किया गया थावहीं बीएचयू के वैदिक विज्ञान केंद्र में महिला सशक्तिकरण के लिए योग थीम पर नेशनल वर्कशॉप का आयोजन किया गया है। 7 दिन तक चलने वाले इस योग वर्कशॉप का रजिस्ट्रेशन कराने वालों को हर दिन आना अनिवार्य होगाइस योगाभ्यास के लिए एक वॉट्सऐप ग्रुप भी बनाया गया है

योगाभ्यास से ज्ञानार्जन

इस कार्यशाला की संयोजिका प्रोमंगलागौरी, आयुर्वेद संकाय हैकार्यशाला में विभिन्न संस्थानों में शीर्षस्थ पदों पर कार्यरत विदुषी महिलाओं को प्रतिदिन अलग-अलग मुख्यातिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है, जिसमें प्रमुख रूप से डॉसुनीता चन्द्रा, कुलसचिव, केन्द्रीय तिब्बती उच्च शिक्षा संस्थान प्रोविभा त्रिपाठी, विधि संकाय, बीएचयू, प्रोराजकला पंचक्षरी पाटिल, अध्यक्ष, पंचकर्मा, आयुर्वेद संकाय, बीएचयू प्रोकविता शाह, पर्यावरण संस्थान, बीएचयू, प्रोउमा पाण्डेय, प्रसूति विभाग, बीएचयू, प्रोवन्दना झा, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली, आचार्या नन्दिता शास्त्री, प्राचार्या, पाणिनी कन्या महाविद्यालय, मास्टर एथलेंटिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली अन्तर्राष्ट्रीय एथलीट नीलू मिश्रा हैइस कार्यशाला की विशेषता यह है कि इसमें ज्यादातर महिला प्रतिभागी व प्रशिक्षिका भी महिला ही हैइस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के आचार्यगण एवं लगभग 150 पंजीकृत प्रतिभागीगण योग कार्यशाला में प्रतिभाग कर योगाभ्यास के विभिन्न पहलुओं पर ज्ञानार्जन करेंगे

कुलपति ने दिलाई शपथ

सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में कुलपति प्रोबिहारी लाल शर्मा जी के अध्यक्षता में मुख्य भवन के समक्ष विश्व सप्ताहव्यापी कार्यक्रम के अन्तर्गत विवि के अध्यापक, कर्मचारी एवं छात्रों को शपथ दिलाई गईशपथ दिलातेे हुये कुलपति ने कहा कि हम सभी को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना चाहिये जिसके लिये नियमित रूप से व्यायाम करना जरूरी हैमानसिक स्वास्थ्य को और बेहतर बनाने के लिये नियमित रूप से योगाभ्यास और ध्यान तकनीकी को दिनचर्या में शामिल करें.

जीवन का बनाएं हिस्सा

योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहियेकुलसचिव राकेश कुमार ने कहा कि विश्व योग दिवस के पूर्व 12 सेे 18 जून 2024 के मध्य शपथ कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भारत का नाम अंकित कराने के लिए राजभवन द्वारा निर्देश प्रदान किये गये हैजिसके अन्तर्गत गूगल फार्म लिंक के माध्यम से विश्वविद्यालय परिवार के साथ महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं एवं शिक्षक/शिक्षेणेत्तर कर्मचारी एवं उनके परिवारजनों को लिंक के माध्यम से खुद को अपडेट करते हुये प्रमाण पत्र प्राप्त कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराये ताकि गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में भारत का नाम अंकित किया जा सके.