वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस में लाख कोशिशों के बावजूद जाम की समस्या बरकरार है। इसको लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) लगातार नजर बनाए हुए है। बार-बार ट्रैफिक सिस्टम सुधारने के लिए निर्देश जारी कर रहा है, लेकिन वही ढाक के तीन पात। पुलिस व प्रशासन लगातार इस पर वर्क भी कर रहा है, लेकिन ट्रैफिक संभल नहीं रहा है। इसलिए एक बार फिर पीएमओ ने जाम की समस्या का विकल्प तलाशते हुए तत्काल शहरवासियों को राहत दिलाने को कहा है। आने वाले पर्यटकों को भी जाम से जूझना पड़ रहा है। ऐसे में कमिश्नरेट पुलिस ने प्राइवेट बसों को शहर से बाहर करने का निर्णय लिया है। कमिश्नरेट पुलिस ने परिवहन विभाग के साथ मिलकर दो दिन के अंदर छोटी-बड़ी 43 बसों को रोडवेज बस स्टैंड और पुलिस लाइन में सीज किया है। थाना और चौकी प्रभारियों को प्राइवेट बस स्टैंड बंद कराने का निर्देश दिया है.
10 गुना बढ़े पर्यटक
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का लोकार्पण होने के साथ पर्यटकों की संख्या में 10 गुना बढ़ोतरी हुई है। आने वाले पर्यटकों को घंटों जाम में फंसना होता है। इसके साथ ही शहरवासियों को परेशानी होती है। पिछले माह विकास परियोजनाओं की समीक्षा करने आई पीएमओ की टीम ने शहर में लगने वाले जाम को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। जाम खत्म करने के लिए नए प्रस्ताव बनाने को कहा था। इसको लेकर लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम और विकास प्राधिकरण ने कई योजनाएं बनाई है। इस बीच पीएमओ ने शहर में लगने वाले जाम के लिए कमिश्नरेट पुलिस को जिम्मेदार ठहराते हुए प्राइवेट बस स्टैंड को शहर से बाहर करने का निर्देश दिया है.
सड़क पर अवैध तरीके से बनाया बस स्टैंड
रोडवेज बस स्टैंड के आसपास, अंधरापुल, चौकाघाट लकड़ी मंडी समेत अन्य स्थानों पर प्राइवेट बस स्टैंड होने से शहर में शहर में जाम लगता है। मनमाने तरीके से जगह-जगह बसों को खड़ा करने भी जाम लगता है। इन बसों के लिए शहर में कोई जगह नहीं होने और सड़क पर अवैध स्टैंड बना लिया है.
प्राइवेट बसों को बड़ागांव में रोका
प्राइवेट बसों को शहर से बाहर रोकने के लिए गुरुवार को उप परिवहन आयुक्त वाराणसी परिक्षेत्र एके ङ्क्षसह और गोमती जोन के डीसीपी विक्रांत वीर अधीनस्थानों के साथ खुद सड़क पर उतर गए। जौनपुर से आने वाले बसों को बड़ागांव में रोकने के साथ थाने में पांच बसें सीज करने के साथ आठ का चालान किया। उधर, ङ्क्षरग रोड और गाजीपुर मार्ग पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और बिना नंबर प्लेट लगे वाहनों को चेङ्क्षकग की गई। बिना नंबर प्लेट लगे पांच ट्रकों का चालान किया गया.
डीसीपी से मिले प्राइवेट बस मालिक
प्राइवेट बसों को शहर से बाहर रोकने के विरोध में गाजीपुर मार्ग के बस मालिक यातायात डीसीपी प्रबल प्रताप ङ्क्षसह से मिलने पहुंचे। डीसीपी ने कहा कि प्राइवेट बस के लिए शहर में कोई स्थान नहीं है। सड़क पर अवैध तरीके से स्टैंड होने से वहां जाम लगता है, ऐसे में शहर के बाहर बसों के लिए स्टैंड बनाया जाए.