रिक्शों के चलते शहर की बिजी सड़कों पर लग रहा है भयंकर जाम
- अवैध ऑटोज और तेजी से बढ़ रहे बैटरी वाले रिक्शे भी निभा रहे हैं अच्छा रोल
VARANASI:
अगर आपको चौक होते हुए कैंट स्टेशन ट्रेन पकड़ने जाना है तो ट्रेन के टाइमिंग से कम से कम दो घंटे पहले निकले क्योंकि अगर आप जाम में फंसे तो ट्रेन का छूटना तय है। इस रूट पर ट्रैफिक चलता नहीं रेंगता है। बनारस के ट्रैफिक जाम की प्रॉब्लम को लेक चलाये जा रहे अभियान के क्रम में आज हम जाम की जिस प्रॉब्लम से आपको अवगत कराने जा रहे हैं उसे सुनकर आप भी उसे कंफर्म करेंगे। ये प्रॉब्लम है शहर की बिजी सड़कों पर रेंगते हजारों रिक्शे। हजारों की तादाद में लीगल और इललीगल रिक्शों के चलने से शहर के बिजी इलाकों के ट्रैफिक का बैंड बज रहा है और इस ओर किसी का कोई ध्यान ही नहीं है।
सिर्फ नाम को नो रिक्शा और ऑटो जोन
शहर के मैदागिन, गोदौलिया, सोनारापुरा, लक्सा, चौक, बांसफाटक, नीचीबाग, कबीरचौरा, लहुराबीर समेत तमाम इलाकों में ट्रैफिक जाम से हर कोई बेहाल रहता है। सुबह हो या शाम हर वक्त लगने वाले जाम से पब्लिक के साथ ट्रैफिक कंट्रोल करने वाले ट्रैफिक पुलिस के जवान भी पस्त हो जाते हैं। इन सड़कों पर ट्रैफिक चलता नहीं बल्कि रेंगता है। हालांकि इस समस्या को देखते हुए पिछले दिनों एसएसपी ने नई सड़क से गिरजाघर और गोदौलिया से चौक होते हुए मैदागिन को नो रिक्शा और नो ऑटो जोन बनाकर जाम से मुक्ति दिलाने का प्रयास किया था लेकिन ये प्रयास फेल रहा है और रिक्शे और ऑटो वालों की मनमानी से ट्रैफिक व्यवस्था की ऐसी की तैसी हो गई है।
नियम भी दरकिनार
- अपने शहर में लगभग क्ख् हजार से ज्यादा लीगल रिक्शे हैं जबकि इललीगल रिक्शों की संख्या भी इतनी ही है
- जबकि लीगल ऑटो लगभग भ्फ्00 हैं जबकि इललीगल ऑटो भी एक हजार से ज्यादा हैं
- नियम के मुताबिक ऑटो और रिक्शे मैदागिन, चौक, गोदौलिया, नई सड़क में नहीं जा सकते
- लेकिन इसे मानता कोई नहीं और इनको रोकने वाली पुलिस भी सुस्ती के चलते इनको नहीं रोक पाती
- इस वजह से शहर के ये बिजी इलाके हर वक्त जाम में जकड़े रहते हैं
- रिक्शे स्लो चलते हैं इसके कारण इनके पीछे चल रहे वाहन चाहकर भी आगे नहीं बढ़ पाते और जाम लगता है
- वहीं रिक्शों को खड़ा करने की व्यवस्था कहीं नहीं है
- इसके कारण रिक्शे वाले सड़क पर कहीं भी रिक्शे लेकर खड़े हो जाते हैं और जाम लगता है।