वाराणसी (ब्यूरो)। विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद नाव वालों के भाव कुछ यूं बढ़े कि आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते। चार साल पहले दशाश्वमेध से अस्सी घाट जाने के लिए सौ रुपए में काम चल जाता था वहीं अब हजार-दो हजार रुपए देने के बाद भी बात नहीं बन रही। आलम यह है कि प्रतिदिन किराया को लेकर किचकिच हो रही है। रेट को लेकर इतना मनमाना है कि हर दूसरा टूरिस्ट ठगा जा रहा है। नाविकों की इस मनमानी पर प्रशासन ने प्रमुख घाटों पर रेटबोर्ड लगाने के लिए नगर निगम को आदेश दिया था। फरमान के दस दिन बाद भी रेटबोर्ड नहीं लगाया गया, लिहाजा इसका खामियाजा टूरिस्टों को भुगतना पड़ रहा है.
एक दर्जन घाटों पर लगना था रेटबोर्ड
नाविकों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए नगर निगम ने दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट, गायघाट, राजघाट, नमोघाट, भैंसासुर घाट, राजेन्द्र प्रसाद घाट, पंचगंगा घाट समेत करीब एक दर्जन घाटों पर रेट बोर्ड लगना था। रेटबोर्ड लग जाने से काफी हद तक नाविकों की मनमानी पर अंकुश लगता.
जी-20 के चलते नहीं लग पाया रेटबोर्ड
घाटों पर रेटबोर्ड लगाने के बाबत जब नगर निगम के अफसरों से बात की गयी तो उनका कहना था कि सभी लोग जी-20 की तैयारी में व्यस्त हैं। जी-20 बीत जाने के बाद घाटों पर रेटबोर्ड लगा दिया जाएगा। रेटबोर्ड को अभी तैयार किया जा रहा है। इसके बाद घाट किनारे कहां-कहां लगना है जगह चिह्नित किया जाएगा.
रेटबोर्ड से होती सहूलियत
घाट किनारे रेटबोर्ड लगाने की कवायद पिछले दो साल से चल रही है, क्योंकि आए दिन टूरिस्टों से किराया को लेकर किचकिच होता है। घाटों पर किराया को लेकर मनमानी इतनी अधिक है कि लोकल टूरिस्टों तक को नहीं छोड़ते। अन्य राज्यों से आए टूरिस्टों के लिए तो किराया का कोई मानक ही नहीं है। इस पार से उस पार जाने के लिए कोई 4 हजार तो कोई 5 हजार वसूल लेता है। यही हाल दशाश्वमेध से अस्सी घाट तक का है.
इन घाटों पर नाविकों की हनक
वैसे तो सभी घाटों पर नाविकों का दबदबा है लेकिन अस्सी, दशाश्वमेध घाट, भैंसासुर घाट, ललिताघाट व नमोघाट पर नाविकों की गजब की हनक है। जो किराया टूरिस्टों को बता देते हैं इससे कम में कोई भी नाविक नहीं ले जाता। इसको लेकर तो कई टूरिस्ट और नाविकों में झड़प भी हो चुकी है.
रेटबोर्ड को बनवाया जा रहा है। तैयार होने के बाद प्रमुख घाटों पर जगह चिह्नित कर लगाया जाएगा। अभी सभी लोग जी-20 की बैठक में व्यस्त है.
सुमित कुमार, अपर नगर आयुक्त