वाराणसी (ब्यूरो)। लोलार्क षष्ठी स्नान पर्व बुधवार की रात 12 बजे से शुरू हुई। इसमें डुबकी लगाने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु काशी पहुंच चुके हैं। वे मंगलवार रात से ही लाइन में लगे हुए थे। यहां उमडऩे वाली भीड़ के मद्देनजर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है। वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित करने के साथ ही पूरे इलाके की सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है.
वंश वृद्धि का आशीर्वाद
मान्यता है कि जो दंपति लोलार्क षष्ठी के दिन लोलार्क कुंड में डुबकी लगाते हैं उस दंपति को वंश वृध्दि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मंगलवार रात से श्रद्धालु लाइन में लगे हैं। लोलार्क कुंड में डुबकी लगाने के लिए दंपति चंदौली, बंगाल, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, नेपाल सहित आसपास के जिलों से काशी पहुंच चुके हैं।
पुलिस की कड़ी सुरक्षा
लोलार्क कुंड में डुबकी लगाने के लिए देश के विभिन्न राज्यों से श्रद्धालुओं की भीड़ काशी पहुंच चुकी है। वाराणसी के घाटों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ दिख रही है। लाखों की संख्या में भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी अलर्ट है। मेले में जगह-जगह पुलिस की कड़ी सुरक्षा का इंतजाम किया गया है.
वाहनों का प्रवेश वर्जित
भीड़ को देखते हुए अस्सी से सोनारपुरा के बीच दोपहिया वाहनों को भी प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है। अस्सी घाट से लेकर पांडेय हवेली तक बैरिकेडिंग की गई है। सुरक्षा का खास ध्यान रखते हुए मेला क्षेत्र की सीसी कैमरों से निगरानी भी की जा रही है।
कुंड में आये हुए श्रद्धालु सोमवार से कड़ी धूप में लाइन पर लगे हुए थे। उनकी परेशानी के देखते हुए मंदिर सेवकों ने पूरा दिन बिस्कुट पानी का वितरण किया। तेज गर्मी में श्रद्धालु मंगलवार से लाइन में लगे हुए हैं। वहीं सो भी रहे थे। गर्मी से बचने के लिए लोगों ने दोनो तरफ लगी लकड़ी में चादर अपने ऊपर लगा ली थी.
क्या है मान्यता
लोलार्क कुंड में लोलार्क षष्ठी को दंपती के एक साथ डुबकी लगाते हैं तो उन्हें अवश्य संतान की प्राप्ति होती है। स्नान के समय दंपती को अपने शरीर पर मौजूद सभी वस्त्र और जेवर यहीं छोडऩा होता है। यही नहीं उन्हें कोई भी एक फल यहां कुंड में डालना होता है, जिसका सेवन वे जीवनभर नहीं करने का प्रण लेते हैं। संतान प्राप्ति के बाद उन्हें उसका मुंडन संस्कार यहीं आकर कराना होता है.
इस पर्व का हमारे लिए बहुत महत्व हैं। हमें पूरा विश्वास है कि भोलेबाबा हमारी मनोकामना अवश्य पूरी करेंगे। स्नान करने के बाद ही यहां से जाएंगे.
बबीता, जौनपुर
मंगलवार रात 11 बजे से लाइन में लगी हूं। मान्यता है कि दंपती साथ में इस कुंड में डुबकी लगाएं तो वंश प्राप्ति की मनोकामना पूरी होती है।
प्रियंका, चंदौली
भोले बाबा हम सभी को हिम्मत दे रहे हैं। उनकी हिम्मत के भरोसे ही हम भीषण गर्मी में भी यहां डटे हैं। सभी की मनोकामना वे अवश्य पूरी करेंगे.
पूजा, बलिया