वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस हमेशा से ही खाने के मामले में सबसे आगे रहा है। पूड़ी-कचौड़ी से लेकर चाट गोलगप्पे आदि यहां के फेवरेट डिश में शामिल हैैं। यहां आने वाले लोग इनका स्वाद जरुर चखते हैं, लेकिन इन दिनों लोगों को यह स्वाद कुछ फीका-फीका सा लगने लगा है। इसकी वजह सब्जियों खासकर टमाटर और अदरक के बढ़ते भाव हंै। आपको शायद यह बताने की जरूरत नहीं है कि बनारस का टमाटर चाट कितना फेमस और स्वादिष्ट होता है, जो भी एक बार खा ले वो इसका मुरीद हो जाता है, लेकिन इधर 160 रुपए किलो बिक रहे टमाटर की वजह से चाट से टमाटर गायब है। इसके कारण लोगों को चाट का टेस्ट नहीं मिल रहा। दुकानदार चाट की कीमत बढ़ाने के बजाए क्वालिटी से समझौता कर रहे हैं।
चाट में टमाटर के बजाय छोला
चाट लगाने वाले ढेला-खुमचा हो या दुकान हर जगह टमाटर चाट से टमाटर गायब मिल रहा है। दुकानदार ग्राहकों परोसने वाले टमाटर चार्ट में टमाटर कम छोला ज्यादा दे रहे है। वहीं ग्राहकों का भी कहना हैं कि चाट में टमाटर न होने से उन्हें वो स्वाद नहीं मिल रहा जो पहले मिलता था। ग्राहकों का कहना है कि दुकानदार उनके साथ धोखा कर रहे हैं। यह चाट दिखने में तो बिल्कुल टमाटर जैसा है, लेकिन खाने पर पता चल रहा है कि उसमें टमाटर नदारत है। लाल-लाल दिखने के लिए उसमें रंग का इस्तेमाल किया जा रहा है.
चाट का रेट नहीं बढ़ा सकते
वहीं चाट बेचने वाले दुकानदारों का कहना हैं कि टमाटर का रेट आसमान छू रहा है। ऐसी स्थिति में इसे चाट में उतनी मात्रा में नहीं मिला सकते जितनी मात्रा में पहले मिलाते थे। चाट दुकानदार अशोक कुमार बताते है कि उनकी भी मजबूरी है, अगर चाट का रेट बढ़ाते है तो लोग उसे अफोर्ड नहीं कर पाएंगे। इसलिए रेट बढ़ाने से बेहतर है कि टमाटर की मात्रा कम कर छोला ही बढ़ा दिया जाए। जब रेट कम होगा तो फिर से ग्राहकों को वैसा ही चाट मिलने लगेगा। सिर्फ चाट ही नहीं बनारस में सुबह के फेमस नाश्ते में मिलने वाले पूड़ी-सब्जी से सब्जियां भी गायब हो रही है। सब्जियों के दाम बढऩे की वजह से लोग ज्यादातर आलू का इस्तेमाल कर रहे हैं।
पांच रुपए में अदरक वाली चाय पॉसिबल नहीं
मार्केट में अदरक के भाव तो सबसे ज्यादा चढ़ा हुआ है। इसकी वजह से लोगों को अदरक वाली चाय नहीं मिल पा रही है। अदरक वाली चाय के शौकिन लोगों को इस समय फिकी चाय ही पीना पड़ रहा है। बनारस में हजारों चाय की दुकानें है, लेकिन आपको किसी भी दुकान पर अदरक वाली चाय नहीं मिल सकती। जिन दुकानों पर हर चाय में अदरक का इस्तेमाल होता था, वे दुकानदार सिर्फ चीनी-चायपत्ति से ही चाय बना रहे हैं। चाय दुकानदार नंदू का कहना है कि इलाइची की कीमत पहले ही आसमान छू गई है और अब अदरक 320 रुपए किलो होने से इसका इस्तेमाल चाय में नहीं हो रहा है। लोगों को पांच रुपए में चाय चाहिए, अब इस कीमत में अदरक डालकर चाय देना पॉसिबल नहीं है.