वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी आरटीओ में करीब 10 लाख 12 हजार वाहन पंजीकृत हैं। लेकिन विभागीय अधिकारियों की मानें तो इनमें से पांच लाख गाडिय़ां ही सड़कों पर भर्राटा भर रही हैं। बाकी गाडिय़ां घर की शोभा बढ़ा रही हैं या कबाड़ में कट गई हैं, इसकी कोई जानकारी नहीं है। जनपद में ऐसे वाहनों की संख्या दो लाख से अधिक है, जो कंडम की श्रेणी में आती हैं, लेकिन आरटीओ के पास मात्र 15 फीसद गाडिय़ों की सूचना है कि वे कबाड़ में कट गई हैं। बाकी कहां हैं कोई नहीं जानता। इनमें 15 वर्ष से अधिक पुरानी हो चुकी गाडिय़ां भी शामिल हैं।
पर डे चलती दो लाख
आरटीओ के आंकड़ों के अनुसार वाराणसी में कुल वाहन 10 लाख 12 हजार हैं, लेकिन प्रतिदिन शहर या ग्रामीण इलाकों की सड़कों पर इनमें से मात्र दो लाख ही गाडिय़ां चलती हैं। अगर प्रतिदिन पांच लाख गाडिय़ां सड़कों पर दौड़ेंगी तो भीषण जाम की स्थिति पैदा हो जाएगी। पेट्रोल व डीजल का रेट बढऩे से जरूरत पर ही लोग वाहन का इस्तेमाल करते हैं.
हर दिन आठ की चोरी
वाराणसी के ग्रामीण और शहरी इलाकों में हर दिन 8 से अधिक गाडिय़ां चोरी होती हैं, लेकिन कमिश्नरेट पुलिस के आड़कों के अनुसार यह संख्या तीन ही है। कुछ लोग गाड़ी चोरी होने के बाद पुलिस को सूचना ही नहीं देते हैं। कुछ लोगों की रिपोर्ट ही दर्ज नहीं की जाती है।
50 हजार से कम कंडम वाहन
जनपद में कंडम वाहनों की संख्या बहुत ज्यादा है, लेकिन विभागीय आकड़ों में इनकी संख्या 50 हजार से भी कम है। हालांकि प्रदेश में नई स्क्रैप नीति को लागू हो गई है। इस नीति के तहत पुराने वाहनों को स्क्रैप में देकर नया वाहन खरीदने पर पंजीकरण शुल्क में 10 और 15 प्रतिशत की छूट मिल रही है। जनपद में ऐसे वाहनों की संख्या दो लाख से अधिक हैं जो 15 वर्ष से अधिक पुराने हैं। लेकिन आम लोगों को नई स्क्रैप नीति की जानकारी ही नहीं है।
नई नीति की परिधि में दो लाख
संभागीय परिवहन विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक जनपद में 15 साल पुराने करीब दो लाख वाहन नई स्क्रैप नीति की परिधि में हैं, जिनका फिटनेस सर्टिफिकेट जारी नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि ये सभी वाहन सड़कों पर दौड़ नहीं रहे हैं। इनमें करीब डेढ़ लाख स्कूटर व बाइक, करीब 8 हजार कार, 12 हजार तीन पहिया वाहन और 30 हजार ट्रक, बस, ट्रैक्टर समेत हर प्रकार की गाडिय़ां शामिल हैं। स्क्रैप नीति के तहत 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल वाहन बिना फिटनेस सड़कों पर नहीं दौड़ सकते हैं.
नये वाहन पर छूट
जिले में एक अप्रैल से नया मोटरयान अधिनियम लागू हो गया है। इसमें 15 साल पुराने कॉमर्शियल वाहनों का परमिट व पंजीयन निरस्त करने की कार्यवाही होगी। ऐसे वाहनों का फिटनेस भी नहीं होगा। खास बात यह है कि पुराने वाहनों को स्क्रैप में देकर नया वाहन खरीदने पर गैर व्यावसायिक वाहन पर पंजीकरण शुल्क में 10 और व्यावसायिक वाहन लेने पर 15 प्रतिशत की छूट मिलेगी। नई नीति से पुराने वाहनों से हो रहा वायु प्रदूषण कम होगा और नए वाहनों की मांग के साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
निकलता है अधिक धुआं
वाहन मैकेनिक के अनुसार अमूमन 6 साल बाद बाइक से लेकर कार व बड़ी गाडिय़ां दिक्कत करने लगती हैं। गाडिय़ों में इंजन का काम आ जाता है। गाडिय़ां धुआं छोडऩे लगती हैं। 15 साल होते तक गाडिय़ां कंडम हो जाती हैं। डीजल से चलने वाली गाडिय़ां जल्दी कंडम होती हैं। उन्हें मरम्मत कराकर चलाना पड़ता है। समय-समय पर गाडिय़ों का मेंटेनेंस जरूरी है।
15 साल पुराने वाहनों को मालिकों ने स्क्रैप नहीं कराया तो उन्हें जब्त किया जाएगा। स्क्रैप नीति में सबसे ज्यादा दोपहिया वाहन शामिल हैं। स्क्रैप नीति को लेकर भी लोगों को जागरूक किया जाएगा।
सर्वेश चतुर्वेदी, एआरटीओ