वाराणसी (ब्यूरो)लंबी बहस और चर्चा के बाद आईआईटी बीएचयू मॉडल यूनाइटेड नेशंस कांफ्रेंस-2023 का तीन दिवसीय कार्यक्रम रविवार को संपन्न हुआसम्मेलन में जलवायु परिवर्तन का आकलन, स्वास्थ्य सेवा पर वैश्वीकरण और पूंजीवाद के प्रभावों पर विचार-विमर्श, लैंगिक समानता प्राप्त करने के लिए हिंसा का उन्मूलन, भारत में सामाजिक-आर्थिक विकास जैसे परिसीमन और लोगों के जीवन के अधिकार पर विचार-विमर्श जैसे कई विषयों पर चर्चा हुई.

राजनीतिक हस्तियों का प्रतिनिधित्व

अंतर्राष्ट्रीय प्रेस के साथ 6 कमेटियों के सदस्यों ने संयुक्त राष्ट्र और भारत की संसद का अनुकरण करते हुए विभिन्न देशों और राजनीतिक हस्तियों का प्रतिनिधित्व कियाकमेटी के परिणाम कुछ अमूल्य संकल्पों के साथ उल्लेखनीय थे जैसे वन वोट, वन वैल्यू सुनिश्चित करने के लिए परिसीमन की तत्काल आवश्यकता, एचआईवी-एड्स से पीडि़त लोगों के लिए आवश्यक अधिकार प्राप्त करने की आवश्यकता इत्यादिये सत्र प्रतिनिधियों के साथ-साथ कार्यकारी बोर्ड के सदस्यों के लिए भी विचारोत्तेजक साबित हुए.

नेतृत्व के महत्व पर डाला प्रकाश

सभी समितियों के स्थगन के साथ समापन समारोह में मुख्य अतिथि राजदूत अनिल त्रिगुणायत, शिक्षा और उत्कृष्टता परिसंघ के अध्यक्ष, मिलेनियल इंडिया इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्री एंड एग्रीकल्चर, नई दिल्ली के अध्यक्ष और जॉर्डन, लीबिया व माल्टा के पूर्व राजदूत उपस्थित थेसत्र की शुरुआत प्रोफेसर सूर्यदेव के स्पीच से हुईइस दौरान युवा कूटनीति और नेतृत्व के महत्व, आईआईटीबीएचयू एमयूएन के दृष्टिकोण और प्राप्त उपलब्धियों जैसे वाई20-जी20, यूनेस्को, भारत और भूटान के लिए यूएनआईसी से संरक्षण, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समर्थन पर जोर दिया गया.

भारत की सफलता का उल्लेख

यूरोपीय संघ, जॉर्डन, लीबिया आदि जैसे विभिन्न देशों में भारत के राजदूतों के भाषण के बाद मुख्य अतिथि का भाषण हुआ, जहां उन्होंने आज की दुनिया में कूटनीति के महत्व और अन्य देशों के साथ भारत के वर्तमान अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर जोर दियाउन्होंने विदेशों में भारत की सफलता का भी उल्लेख किया और बाद में उन्होंने मंच से प्रश्नों का उत्तर दिया और कूटनीति की दुनिया से जुड़ी अपनी जानकारियों को साझा कियासमापन समारोह में विजेताओं को पुरस्कार वितरण किया गयासाथ ही आईआईटी बीएचयू एमयूएन सम्मेलन का 12वां एडिशन सफलतापूर्वक संपन्न हो गया.