वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस में नौकरी के नाम पर फर्जीवाड़े का खेल पिछले एक साल से चल रहा है। स्टिंग के दौरान बातचीत में राजू मिश्रा ने शहर में गोदौलिया, पांडेयपुर, शिवपुर व लंका में पारले-जी के गोदाम की जानकारी दी थी, जिसकी शनिवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने पड़ताल की तो इन जगहों पर कोई गोदाम नहीं मिला। इसके अलावा भी कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। टाटा मोटर्स, अमूल, पारले-जी समेत कई कम्पनियों का बनारस में रीजनल आफिस और डिस्ट्रीब्यूटर्स हैं, जहां हर महीने एक या दो युवक फर्जी नियुक्त पत्र लेकर आ जाते हैं। इसकी शिकायत भी प्रशासन और पुलिस की गई, लेकिन यह सिलसिला रूक नहीं रहा है।
पूरी तरह से फर्जी हैं पंफलेट
बनारस में नौकरी का जाल, फंस रहे भोले बेरोजगार शीर्षक से खबर प्रकाशित होते ही पारलेजी व अमूल कंपनी के प्रतिनिधियों ने दैनिक जागरण आईनेक्स्ट से संपर्क किया। बातचीत में उन्होंने बताया कि कैंट रेलवे स्टेशन के सामने फ्लाईओवर के पिलर से लेकर बीएचयू तक जगह-जगह दीवारों पर चस्पा नामी कंपनियों में भर्ती के पंफलेट पूरी तरह से फर्जी है। यह खेल पिछले एक साल से चल रहा है। इस संबंध में एडीएम सिटी से लेकर पुलिस अधिकारियों से शिकायत की गई। बावजूद इसके फर्जीवाड़े का खेल अनवरत जारी है।
शहर में नहीं मिला एक भी गोदाम
स्टिंग के दौरान राजू मिश्रा ने बताया था कि वाराणसी में कंपनी के चार गोदाम है, जो गोदौलिया, पांडेयपुर, शिवपुर व लंका में है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम सबसे पहले शिवपुर, इसके बाद पांडेयपुर, फिर गोदौलिया और लंका में जाकर क्षेत्रीय लोगों से गोदाम के बारे में पूछताछ की। किसी ने भी गोदाम के बारे में नहीं बताया। सभी ने कहा कि पारलेजी का यहां कोई भी गोदाम नहीं है.
इस फर्जीवाड़े का खुलासा करने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट को धन्यवाद। अमूल के नाम पर शहर में जगह-जगह लगे भर्ती के नाम पर पंफलेट पूरी तरह से फर्जी हंै। भर्ती के लिए कंपनी किसी को हॉयर नहीं करती है। वह खुद अपने स्तर से भर्ती करती है। इस तरह का फर्जीवाड़ा पिछले एक साल से चल रहा है। अक्सर फर्जी नियुक्त पत्र लेकर युवक आफिस भी आ जाते हैं। फर्जी नौकरी के इस्तेहार के बारे में कंपनी की ओर से 23 मई 2022 को एडीएम सिटी को लिखित शिकायत की गई थी, लेकिन अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई। इन ठगों के खिलाफ अभियान चलना चाहिए।
-अजय सिंह, ब्रांच मैनेजर, अमूल
दैनिक जागरण आईनेक्स्ट का अच्छा प्रयास है। शहर में पारलेजी के नाम पर फर्जी पंफलेट की जानकारी है। इस संबंध में संबंधित थानों में शिकायत की जाती है, लेकिन अभी तक यह फर्जीवाड़ा नहीं रुका। करखियांव में कंपनी की प्रोडक्शन यूनिट है। जहां से माल की सप्लाई होती है। शहर में किसी भी जगह पर कंपनी का गोदाम नहीं है। शहर में कई डीलर है, वह अपने यहां माल मंगाकर रखते हैं। ये ठग गिरोह है, जो बेरोजगारों को शिकार बनाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं। हमारी कंपनी विज्ञापन निकालती है। इसके लिए इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है।
- शुभम अग्रवाल, ओनर, पारलेजी प्रोडक्शन यूनिट