वाराणसी (ब्यूरो)। पीएम मोदी आगामी 24 मार्च को वाराणसी आएंगे। वह करीब 1800 करोड़ के डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। रुद्राक्ष कन्वेंशन में कार्यक्रम समाप्त होने के बाद वे संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के ग्राउंड पर पहुंचेंगे, जहां पर रिमोट का बटन दबाकर 9 प्रोजेक्ट का शिलान्यास करेंगे। इसमें कुछ प्रोजेक्ट ऐसे भी हैं, जिनसे वाराणसी में सुविधाएं बढ़ेंगी। इसमें बाबतपुर एयरपोर्ट पर बना नया एटीसी टॉवर भी शामिल है। इसके शुरू होते ही बड़े विमानों की लैंडिंग भी बनारस में कराई जा सकती है। साथ ही लैंडिंग और टेकऑफ में दिक्कतें नहीं आएंगी। 500 किलोमीटर की रेंज में आए विमानों की कंट्रोलिंग की जा सकती है। इसके अलावा गंगा में सीवेज का पानी सीधे नहीं जाएगा। इसके लिए 308 करोड़ रुपए से नमामि गंगे द्वारा प्रस्तावित भगवानपुर एटीसी बनाया जाएगा.
32 मीटर ऊंचा एटीसी टॉवर
बाबतपुर एयरपोर्ट पर एटीसी टॉवर लगाया गया है। इससे बड़े विमानों की लैंडिंग भी बनारस में कराई जा सकती है। साथ ही 500 किलोमीटर की रेंज में आए विमानों की कंट्रोलिंग की जा सकती है। इस प्रोजेक्ट की लागत 29 करोड़ 23 लाख रुपए है। एटीसी टॉवर की ऊंचाई 32 मीटर है। यह 45 हजार वर्गमीटर में फैला है। टॉवर एयर ट्रैफिक को कंट्रोलिंग के लिए कई एडवांस तकनीक से लैस है। वहीं, अभी तक पुराना एटीसी टॉवर काम कर रहा था। इससे निष्क्रिय नहीं किया जाएगा, बल्कि इमरजेंसी के लिए रखा जाएगा.
55 एमएलडी शोधन क्षमता की एसटीपी
बीएचयू के पास भगवानपुर में 55 एमएलडी शोधन क्षमता वाला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा। हालांकि, यहां पर पहले से ही एसटीपी है, मगर उसकी क्षमता बेहद कम 9.8 एमएलडी थी। शहर में बाढ़ की सबसे बड़ी समस्या इसी घाट और भगवानपुर में होती है। बाढ़ का पानी सामने घाट के ज्ञानप्रवाह के पास से शहर में प्रवेश कर जाता है। मगर, फ्लिपर गेट होने के बाद पानी कॉलोनियों और सड़कों पर आने से रोका जा सकता है.
100 एमएलडी सीवेज सीधे गंगा में मिलता है
शहर में हर दिन करीब साढ़े 300 एमएलडी सीवेज निकलता है। अभी तक शहर में केवल 250 एमएलडी ही सीवेज को ट्रीट किया जा रहा है, बाकी 100 एमएलडी सीवेज सीधे गंगा में या बाढ़ के दौरान कॉलोनियों में घुस जाते हैं.
वाराणसी में 7 एक्टिव एसटीपी
भगवानपुर एसटीपी के साथ ही रामनगर में 40 एमएलडी शोधन क्षमता का और लोहता में 25 एमएलडी का सीेवेज ट्रीटमेंट प्लांट तैयार हो रहा है। इनके आने के बाद शहर में कुल 10 एसटीपी एक्टिव हो जाएंगे। फिलहाल, कुल 7 एसटीपी ही काम कर रहे हैं। 50 एमएलडी का नगवां एसटीपी, भगवानपुर, 80 एमएलडी का दीनापुर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, 50 एमएलडी का रमना एसटीपी, 12 एमएलडी का बरेका सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, 170 करोड़ रुपए से तैयार। 140 एमएलडी का दीपापुर और 120 एमएलडी गोईठहां एसटीपी है.