वाराणसी (ब्यूरो)। हर दिन सड़क हादसे में न जाने कितने लोग अपने किसी खास को हमेशा-हमेशा के लिए खो देते हैं। जांच में पता चलता है कि लापरवाही से वाहन चलाने से सड़क हादसे ज्यादा हो रहे हैं। किसी ने गलत साइड से वाहन निकालने की कोशिश की तो किसी ने अचानक मोड़ पर गाड़ी घुमा दिया। ऐसा इसलिए होता है कि क्योंकि चालक गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण नहीं लिए होते हैं, या फिर प्रशिक्षण केंद्र द्वारा खानापूर्ति की जाती है। इसलिए अब इस तरह के ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों को लेकर आरटीओ सख्त हो गया है। सरकार की ओर से इन स्कूलों के संचालन को लेकर जारी नए मानक को पूरा न करने वाले इन स्कूलों की मान्यता रद्द करने की तैयारी की जा रही है। मानक को दरकिनार कर जो स्कूल ड्राइविंग सिखा रहे हैं। उन पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जांच के बाद खामी मिलने पर मान्यता रद्द कर दी जाएगी। अभी आरटीओ की ओर से बनारस में संचालित हैवी व्हीकल यानि कॉमर्शियल वाहनों की ट्रेनिंग देने वाले शहर के 10 ड्राइविंग स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी गई है। ये वे स्कूल है, जो नियम को ताक पर रखकर नौसिखिया ड्राइवर तैयार कर रहे थे। अब विभाग फोर व्हीलर जैसे कार आदि की ट्रेनिंग देने वाले स्कूलों पर लगाम लगाने की तैयारी में है।
दो दर्जन से ज्यादा ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल
इसमें वे स्कूल भी शामिल है, जिनकी रिन्यूवल की तारीख निकल गई। बावजूद इसके ये स्कूल ड्राइविंग संबंधित गतिविधियां संचालित कर रही है। आरटीओ के मुताबिक शहर में 10 कमर्शियल वाहन चलाने की ट्रेनिंग देने वाले 10 ड्राइविंग स्कूल थे। इसके अलावा आरटीओ ऑफिस में वर्तमान में करीब दो दर्जन से ज्यादा फोर व्हीलर और स्कूटी की ट्रेनिंग देने वाले ड्राइविंग स्कूल ने मान्यता ली हुई है। ये सभी संचालित हो रहे हैं। अब इन स्कूलों पर भी आरटीओ प्रशासन की तलवार लटक रही है। क्योंकि इसमें ज्यादातर स्कूल आरटीओ के नए मानक के अनुरूप संचालन नहीं कर रहे हैं। आरटीओ ऐसी स्कूलों के खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई करेगा, जिन्होंने ऑफिस के सामने लर्निंग लाइसेंस के लिए वाहन लगा रखे हैं और बिना आवेदक के आने लर्निंग लाइसेंस बना देते हैं.
मानकों में ये हुआ बदलाव
बता दें कि सरकार ने ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों के मानकों में काफी पहले बदलाव किया है। जिले में संचालित ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों में यहां भारी व हल्के वाहन को चलाने के लिए लोगों को प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें मानकों की अनदेखी की जाती है। प्रशिक्षण के लिए इनके पास कोई मैदान नहीं है। कुछ सड़क पर आकर ट्रेनिंग देते नजर आते हैं। हाईवे, कस्बे, भीड़-भाड़ वाले स्थान पर कितने गति से वाहन चलाना है, इस बारे में भी नहीं बताया जाता। यही वजह रहती है कि कुशल के बजाए नौसिखिया ड्राइवर सड़क पर उतर जाते हैं। नए मानक के मुताबिक ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों के व्याख्यान कक्ष, सेमुलेटर कक्ष, मॉडल चार्ट व उपकरण आदि के लिए कितनी जगह होनी चाहिए, इसे बताया गया है। व्याख्यान कक्ष, सेमुलेटर कक्ष, मॉडल चार्ट व उपकरण आदि के लिए कितनी जगह होनी चाहिए इसे भी बताया गया है। उस वक्त बोला गया था कि सरकार द्वारा जारी किए गए मानकों को पूरा न करने की दशा में सब कुछ दुरुस्त न पाए जाने पर ड्राइविंग स्कूलों की मान्यता का नवीनीकरण नहीं होगा और न ही रजिस्ट्रेशन होगा.
यह होनी चाहिए आधारभूत व्यवस्था
-संरचना कक्षा
-स्वागत कक्ष
-कार्यालय,
-इंटरनेट कनेक्शन
-कंप्यूटर व प्रिंटर
-क्षेत्रफल- 180 वर्ग फीट, व्याख्यान कक्ष (30 व्यक्तियों की क्षमता का फर्नीचर, कंप्यूटर, प्रोजेक्टर युक्त)
-300 वर्ग फीट माडल चार्ट व उपकरण
-300 वर्ग फीट मुलेटर कक्ष हल्के और भारी, 150-200 वर्ग फीट
-सीसीटीवी और प्रोजेक्टर लगाने होंगे
-कूलों में हल्के, मध्यम व भारी वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था करनी होगी
-सभी प्रकार के वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किंग
- महिला व पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय
इन बातों का ध्यान रखना होगा
-ट्रेनिंग स्कूल के वाहनों में दोनों तरफ ट्रेनिंग स्कूल का नाम, पता, थाना, मोबाइल नंबर लिखा होना चाहिए.
-रिफ्लेक्टिव टेप लगा होना चाहिए.
-वाहन में पंजीयन, प्रदूषण, बीमा, फिटनेस, रोड टैक्स प्रमाण पत्र के साथ प्रशिक्षक का ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए।
-नए मोटर ड्राइविंग स्कूल में पहली बार प्रशिक्षण के लिए आने वाले वाहन 12 वर्ष से अधिक पुराने नहीं होने चाहिए। यह 20 वर्ष तक ही चलेंगे.
-ड्राइविंग स्कूल संचालकों द्वारा नियमों के मुताबिक सभी सावधानियों का पालन करना होगा.
-मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल आवेदन पत्र में दर्शाए गए स्थान पर ही संचालित किया जाएगा।
ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों के मानकों में शासन द्वारा काफी पहले बदलाव हो चुका है। मानकों को पूरा करने के लिए स्कूल संचालकों को नोटिस भी दिया गया है। अब जांच होगी और इसमें खामी मिलने पर लाइसेंस निरस्त किया जाएगा। अभी तक कमर्शियल व भारी वाहन चलाने की ट्रेनिंग देने वाले शहर सभी 10 ट्रेनिंग स्कूल की मान्यता रद्द की गई है। जांच के बाद अन्य स्कूलों पर भी कार्रवाई होगी.
शिखर ओझा, आरटीओ प्रशासन