वाराणसी (ब्यूरो)। लोकसभा चुनाव सकुशल सम्पन्न और आचार संहिता खत्म होने के बाद वाराणसी में एक बार फिर विकास कार्य ने जोर पकड़ लिया है। शासन के साथ प्रशासन भी एक्शन मूड में आ गया है। इसी कड़ी में शनिवार को कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने हरिश्चंद्र घाट के पुनर्विकास के कार्यों का निरीक्षण किया। साथ ही प्रस्तावित मॉडल में कुछ परिवर्तन को भी प्राथमिकता दी गई ताकि जनता को और सहूलियत मिल सके। इस कार्य को प्राथमिकता के तहत समय से पूरा कराने का निर्देश दिया। मई, 2025 तक निर्माण पूर्ण होना है.
कार्य में तेजी लाने के निर्देश
हरिश्चंद्र घाट पुर्नविकास जेएसडब्ल्यू फाउंडेशन (ङ्क्षजदल ग्रुप) द्वारा कराया जा रहा है। इसकी कार्यदायी संस्था ब्रिजटेक इन्फ्राविजन है। कमिश्नर ने कार्य में तेजी लाने के लिए दिन में भी ट्रांजिट मिक्सर वाहन और अन्य निर्माण वाहन को पास की अनुमति शीघ्र जारी करने की बात कही। इसी के साथ आने वाले आगंतुकों के लिए परिसर के निर्माण के बाद 22 फीट का पहुंच मार्ग भी बनाया जाएगा। सभी ट्रांसफार्मर को भवन के प्रथम तल स्तर पर सड़क किनारे शिफ्ट करने का भी निर्णय लिया गया.
टायलेट को किया जाएगा शिफ्ट
सीवर पंङ्क्षपग स्टेशन डीजी, डीजी पैनल और पैनल रूम को पहले निर्धारित टायलेट एरिया के पास और टायलेट को पूर्व निर्धारित एसटीपी पंप पैनल रूम के पास शिफ्ट किया जाएगा। यह भी कहा कि सीवर पंङ्क्षपग स्टेशन पैनल और डीजी रूम के लिए सड़क के किनारे से प्रवेश प्रदान किया जाए ताकि सभी कार्य बाहर की तरफ से ही संचालित किए जा सकें। सभी मौजूद पेड़ों को संरक्षित करने व सुरक्षा के लिए चबूतरा का निर्माण करने को भी प्लान में जोडऩे का निर्देश दिया.
हरियाली के लिए अतिरिक्त पौध लगाएं
परिसर को हरियाली स्वरूप देने के लिए अतिरिक्त पौध लगाने को भी कमिश्नर ने निर्देशित किया। पहली मंजिल के स्तर पर बाहरी तरफ (सड़क किनारे) पैरापेट दीवार का निर्माण होगा। इसी के पीछे ट्रांसफार्मर छत पर रखे जाएंगे। बताया जा राह है कि इन कार्यों के जुडऩे से निर्माण का बजट भी बढ़ेगा। वर्तमान में 16.60 करोड़ खर्च होने हैं अब इसमें तीन चार करोड़ की और बढोत्तरी हो सकती है। निरीक्षण के दौरान अपर नगर आयुक्त दुष्यंत मौर्या, कार्यदायी संस्था के अंबरीश मिश्रा, योगेन्द्र श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे.
पंजीकरण कक्ष, सामुदायिक वेङ्क्षटग एरिया भी
हरिश्चंद्र घाट का पुनर्विकास 13,250 वर्ग फीट क्षेत्र में होगा। इसमें दाह संस्कार का भी क्षेत्र होगा। घाट पर पंजीकरण कक्ष, सामुदायिक वेङ्क्षटग एरिया, शौचालय, रैंप आदि का निर्माण होगा। स्टोर रूम, कोर्ट यार्ड, सर्विस एरिया, अपशिष्ट संग्रह व्यवस्था, सड़क आदि निर्माण शामिल है। वहीं हरिश्चंद्र घाट पर 15 शवदाह (इंपोरियम) गृह बनेंगे। इसमें सीएनजी, लकड़ी व चंदन की लकड़ी से शवदाह की सुविधा मिलेगी.