वाराणसी (ब्यूरो)। श्रमसाधक संत रविदास की 650वीं जन्मतिथि पर सीर गोवर्धनपुर स्थित उनके जन्म स्थान पर सरकार की ओर से भव्य समारोह का आयोजन किया जाएगा। संत रविदास की 646वीं जयंती पर रविवार को मंदिर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंदिर प्रबंधन ट्रस्ट को यह भरोसा दिया। संत दरबार में मत्था टेक उन्होंने आशीर्वाद लिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रतिनिधि के रूप में उन्होंने उनका संदेश भी पढ़ा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संत रविदास मंदिर जन्मस्थान मंदिर के चेयरमैन और रविदासिया धर्म संगठन के प्रमुख संत निरंजन दास से मुलाकात के दौरान संत के सपनों और उनकी वाणी और मानवता का संदेश बताया और संत के अनुयायी रैदासी समाज को जयंती की बधाई दी।
किया गया सम्मानित
संत निरंजन दास ने उन्हें श्रमसाधक संत की प्रतिमा और सरोपा भेंटकर सम्मानित किया। इस अवसर पर ट्रस्ट के महासचिव सतपाल विर्दी और निरंजन चीमा ने उनसे सरकार की मदद से 650वां जन्मोत्सव 2027 में मनाने का आग्रह किया। इस पर सीएम ने सहमति जताई और पूरी भव्यता से उत्सव का वादा किया। इससे प्रफुल्लित मंदिर प्रबंधन ने जयघोष से परिसर गुंजा दिया.
संत रविदास के विचारों से प्रेरणा ले देश पहुंचेगा ऊंचाई पर
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों अपना लिखित संदेश भेजवाया। पत्र में उन्होंने संत के चरणों में कोटि-कोटि नमन करते हुए लिखा है कि संत रविदासजी के विचारों का विस्तार असीम है। उन्होंने एक ऐसे समाज की कल्पना की थी, जहां किसी भी प्रकार को कोई भेदभाव न हो। वह कहते थे, 'ऐसा चाहूं राज मैं, जहां मिलै सबन को अन्न, छोटे-बड़ो सब समान बसे, रहे रविदास प्रसन्न.Ó समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए उन्होंने सौहाद्र्र और भाईचारे की भावना पर बल दिया। Óसबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयासÓ के जिस मंत्र को लेकर आज हम आगे बढ़ रहे हैं, उसमें संत रविदासजी के न्याय, समानता और सेवा पर आधारित कालजयी विचारों का भाव पूरी तरह से समाहित है। आजादी के अमृत कालखंड में संत रविदासजी के मूल्यों से प्रेरणा लेकर एक सशक्त, समावेशी और भव्य राष्ट्र के निर्माण की दिशा में हम तेजी से अग्रसर हैं। सामूहिकता के सामथ्र्य के साथ उनके दिखाए गए रास्ते पर चलकर हम 21वीं सदी में विश्व पटल पर भारत को निश्चय ही नई ऊंचाइयों पर लेकर जाएंगे। प्रधानमंत्री ने संत प्रवर की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम के लिए अपनी शुभकामनाएं भी प्रेषित की हैं.