वाराणसी (ब्यूरो)। जैतपुरा थाना क्षेत्र के दोषीपुरा की गली से शनिवार को ताजिया का जुलूस निकालने को लेकर हुए बवाल के बाद दूसरे दिन रविवार को पूरी तरह से इलाके में शांति रही, लेकिन लोगों से बातचीत और चेहरे का भाव देखकर तनाव का माहौल दिख रहा था। स्थिति को भांपते हुए पुलिस ने ड्रोन कैमरे से दोषीपुरा इलाके की निगरानी तो चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई। तीन मकानों की छतों पर भारी मात्रा में ईंट-पत्थर दिखे। यह तस्वीर देखकर पुलिस अफसर के होश उड़ गए। इससे साफ जाहिर है कि दोषीपुरा में बवाल की साजिश पहले से थी। इस मामले में 150 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद उपद्रवियों की पहचान शुरू हो गई। देर शाम तक 41 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। बाकी गिरफ्तारी के डर से घर छोड़कर फरार हो गए हैं.
अलर्ट मूड में रही पुलिस
जैतपुरा थाना क्षेत्र के दोषीपुरा में बवाल के बाद जगह-जगह आरएएफ और पुलिस फोर्स तैनात दिखी। आरएएफ जवान हर वक्त एक्शन और अलर्ट मूड में दिख रहे थे। फोर्स की मौजूदगी में पूरे इलाके में गली और सड़कों पर दिनभर एक या दो लोगों के आने-जाने का सिलसिला जारी रहा। ताजिये वाले स्थान और मस्जिद के बाहर समूह में लोग दिखे। बड़ी संख्या में लोग तबूतरे पर बैठकर समय काटा। हर किसी की जुबान पर क्षेत्र में हुए बवाल की चर्चा रही। क्षेत्र की अधिकतर दुकानें बंद थीं और पावरलूम के खट-खट की आवाज नहीं आ रही थी.
दिनभर चलती रही शांति अपील
दोषीपुरा में बवाल के बाद शिया-सुन्नी समुदाय के बीच बढ़ते तनाव को कम करने का प्रयास किया गया। दोनों समुदाय से मौलाना, सरदार और गणमान्य लोगों के आने से सिलसिला चलता रहा। हर किसी ने दोनों समुदाय से शांति और भाईचारा बरकरार रखने की अपील की। साथ ही पुलिस अफसरों से बातचीत में हर तरह के सहयोग का भरोसा दिलाया.
41 लोग गिरफ्तार, 150 पर मुकदमा
पुलिस ने पहले अपनी ओर से 150 बवालियों पर केस दर्ज किया, वहीं रविवार शाम शिया पक्ष की ओर से भी 10 नाजमद समेत 100 पर एफआईआर दर्ज की गई है। ताबड़तोड़ दबिश के बीच 41 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद से घायलों के परिजन एक दूसरे पक्ष पर कार्रवाई की मांग पर अड़े है। सुन्नी समुदाय के तमाम लोग घरों पर ताला लगाकर फरार हैं। जिनके घर खुले हैं, वहां सिर्फ महिलाएं हैं, आरेापियों की तलाश में दबिश दी जा रही है।
हर साल तिराहे पर जूलुस का होता है आमना-सामना
शहर के सबसे संवेदनशील इलाके जैतपुरा के दोषीपुरा मोहल्ले में ताजिया जुलूस को लेकर तनातनी की स्थिति हर बार रहती है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि शिया और सुन्नी जुलूस को पुराने रास्ते से ही निकालना चाहते हैं। जहां दोषीपुरा तिराहे पर दोनों आमने-सामने आते हैं। जुलूस की उस राह पर शिया सालों से जुलूस निकालते हैं। इसके साथ ही सुन्नी समुदाय भी हर साल उसी राह से लेकर गुजरता है.
कई बार दोनों पक्षों में बवाल
मुहर्रम में ताजिए के दौरान शिया और सुन्नियों में शनिवार को हुआ बवाल पहला नही था। इससे पहले भी शहर में कई बवाल हुए है। दोषीपुरा इलाके की इन्हीं गलियों ने साल 2022 में भी पथराव के साथ लाठियां चली थी। इसमें कई लोगों के सिर फट गए थे। शनिवार से पहले साल 2022, 2017, 2012, 2004, 2000 में भी ताजिए के जुलूस में बवाल हुआ था। उस दौरान कई लोग घायल हो गए। इसके बाद भी पुलिस और प्रशासन की अधूरी तैयारियों ने इस बार भी हंगामा करा दिया.
उधार के अफसरों के भरोसे इंटेलीजेंस टीम
वाराणसी में खुफिया तंत्र उधार के अधिकारियों के भरोसे चल रहा है। डीसीपी से लेकर एसीपी तक प्रभार के रूप में जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। एक वर्ष पूर्व सेवानिवृत्त हुए एसीपी इंटेलीजेंस सुरेश प्रसाद त्रिपाठी के बाद मुख्यालय से किसी की नियुक्ति नहीं की जा सकी। हालांकि, इंस्पेक्टर के सभी पांच पद भरे हुए हैं। जैतपुरा थाना क्षेत्र के दोषीपुरा में ताजिया निकालने के दौरान 29 जुलाई को विवाद हुआ था। इसके बाद इंटेलीजेंस विभाग के कार्य लोगों में सुर्खियां बने रहे। यह चर्चा रही कि विवाद से पूर्व इंटेलीजेंस ने किस तरह की रिपोर्टिंग की थी। फिलहाल, डीसीपी इंटलीजेंस का अतिरिक्त प्रभार डीसीपी ज्ञानवापी सूर्यकांत त्रिपाठी, एसीपी इंटेलीजेंस की जिम्मेदारी प्रज्ञा के जिम्मे हैं। प्रज्ञा को जनसुनवाई की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है.