वाराणसी (ब्यूरो)। शहर में पीएम विजिट के चलते शनिवार और रविवार को यातायात व्यवस्था सुगम रही। कहीं भी जाम नहीं लगा। पीएम मोदी के जाते ही सोमवार को सुबह से बनारस में बाहरी वाहनों का दबाव बढऩे लगा। शाम होते-होते शहर के अधिकतर एरिया जाम की चपेट में आ गए। मंडुवाडीह से चित्तईपुर तक भीषण जाम लगा रहा। इसके साथ ही महमूरगंज, सिगरा, गुरुबाग समेत कई जगहों पर जाम की स्थिति पैदा हो गई। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद किसी तरह से जाम खुलाया। इसी के साथ ट्रैफिक पुलिस ने शहर के उन चौराहों व सड़कों की सूची तैयार की है, जहां अक्सर जाम लगता है। जाम लगने की वजह को तलाश करके अन्य अन्य विभागों की मदद से उसे दूर किया जाएगा।
जाम के 22 स्थान व चौराहे चिह्नित
डीसीपी ट्रैफिक हृदेश कुमार के अनुसार शहर में सुगम यातायात के लिए जाम लगने के स्थान की सूची तैयारी की गई है। इनमें राजघाट, ककरमत्ता, सूजाबाद, डीएलडब्लयू के साथ प्रमुख चौराहे, मैदागिन, मंडुवाडीह, रथयात्रा, सिगरा, गुरुबाग समेत 22 स्थान व चौराहे हैं। इन जगहों पर जाम की वजह को तलाशा जा रहा है। इसके बाद नगर निगम, पीडीब्ल्यूडी, बिजली विभाग समेत अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित करके उन वजहों को दूर किया जाएगा और सुगम यातायात का इंतजाम किया जाएगा।
फैक्ट एंड फीगर
150 चौराहे, तिराहे हैं जहां से वाहनों का आवागमन होता है.
70 स्थानों पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती रहती है.
21 चौराहों पर सिग्नल लाइट लगाई गई है.
22 स्थान पर जाम की समस्या ज्यादा होती है.
4 स्थानों पर ट्रैफिक सिग्नल लाइट खराब हैं.
शहर में बाहरी वाहनों का दबाव बहुत ज्यादा है। इसलिए मंडुवाडीह, चित्तईपुर समेत कई चौराहों पर जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। जाम लगने की वजहों को तलाश करके उन्हें दूर किया जाएगा। लखनऊ में यातायात व्यवस्था के अनुभव बनारस में काम आएगा।
हृदेश कुमार, डीसीपी ट्रैफिक
ये हैं जाम के कारण
1. व्हीकल का प्रेशर
बनारस में रोजाना 1,83,942 वाहन शहर की सड़कों पर दौड़ते हैैं। इसमें सबसे ज्यादा एक लाख 14 हजार टू-व्हीलर हैैं। ई-रिक्शा 21 हजार हैैं। जबकि 11,214 टैक्सी फर्राटा भर रही हैैं। यह बीच सड़क पर सवारी बैठाते हैैं.
2. 15 से 50 मिनट तक जाम
एक रिपोर्ट के अनुसार, हर दिन शहर की ज्यादातर सड़कों और चौराहों पर 15 से 50 मिनट का जाम लोगों को झेलना पड़ रहा है। पहडिय़ा से कैंट पहुंचने में ही एक घंटे से अधिक समय लग जाता है.
3. बहुत बिजी है मंडुवाडीह चौराहा
ककरमत्ता-लहरतारा वाया मंडुवाडीह मार्ग पर सुबह और शाम के समय अधिक जाम लगता है। मंडुवाडीह चौराहे से पहले तीन तरफ से फ्लाईओवर होने के चलते इस रूट पर शहर के अंदर और बाहरी गाडिय़ों का दबाव अधिक होता है।
4. संकरी रोड से पहुंचते दरबार
बाबा विश्वनाथ धाम जाने के लिए सिर्फ तीन रास्ते हैैं। वह भी संकरे। पहला मैदागिन, दूसरा नई सड़क और तीसरा रथयात्रा। इन्हीं रास्तों पर वाहनों का दबाव रहता है। सबसे बड़ा कारण रोड पर अतिक्रमण और वाहन पार्किंग है।
5. 480 ट्रैफिककर्मी
लंका-सामनेघाट, पांडेयपुर-पहडिय़ा मार्ग, मंडुवाडीह-लहरतारा मार्ग और बेनिया-नई सड़क-गिरजाघर मार्ग पर रोजाना जाम लोगों की दिनचर्या में शामिल है। विडंबना यह है कि सिर्फ 480 ट्रैफिक कर्मचारियों के सहारे बनारस का पूरा सिस्टम चल रहा है।
फैक्ट फीगर
व्हीकल-नंबर
फोर-व्हीलर-35,000
टैक्सी-11,214
ई-रिक्शा-21,000
स्कूल बस-2728
टू-व्हीलर-1.14 लाख
टोटल-1,83,942