वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस की ट्रैफिक व्यवस्था किसी से छिपी नहीं है। कमिश्नरेट पुलिस लगातार व्यवस्था में सुधार का प्रयास कर रही है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने शहर के मुख्य मार्गों पर जगह-जगह स्थापित तिराहे-चौराहों पर ट्रैफिक व्यवस्था की पड़ताल की तो कई ऐसी तस्वीर सामने आई, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था पर सवाल उठना लाजिमी है। लहुराबीर, कबीरचौरा, लोहटिया, मैदागिन, मलदहिया चौराहे पर ट्रैफिक लाइट नहीं दिखी, जबकि मंडुवाडीह और चांदपुर चौराहे पर ट्रैफिक लाइट काम नहीं कर रही थी। इसमें कुछ चौराहों पर पुलिस भी नहीं दिखी। ऐसी स्थिति में बेहतर यातायात व्यवस्था संभव नहीं है.
महमूरगंज तिराहा
दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम दोपहर तीन बजे महमूरगंज तिराहे पर पहुंची। जहां ट्रैफिक लाइट अपना काम कर रही थी, लेकिन पुलिस बूथ पर ट्रैफिक जवान नहीं दिखे। हालांकि ट्रैफिक लाइट के रेड और ग्रीन सिग्नल के हिसाब से वाहनों की आवाजाही हो रही थी।
मंडुवाडीह चौराहा
दोपहर सवा तीन बजे टीम मंडुवाडीह चौराहे पर पहुंची, जहां ट्रैफिक लाइट थी, लेकिन वह काम नहीं कर रही थी। चौराहे पर मौजूद ट्रैफिक और स्थानीय थाने की पुलिस व्यवस्था संचालित कर रही थी। फुलवरिया फोरलेन के चलते बीएलडब्ल्यू जाने वाले वाहनों की संख्या बहुत ज्यादा थी। इसके चलते महमूरगंज से आने वाले वाहनों को चौराहे पर अन्य रूट से ज्यादा इंतजार करना पड़ा रहा था। इसके चलते चौराहे से लेकर आरओबी तक जाम लगा था.
चांदपुर चौराहा
मंडुवाडीह से होकर टीम जब चांदपुर चौराहे पर पहुंची तो वहां की ट्रैफिक लाइट काम नहीं कर रही थी। यहां वाहनों का दबाव थोड़ा कम था, इसलिए एक ही पुलिस जवान से यातायात संचालित हो रही थी। पुलिस जवान की संख्या और भी थी, लेकिन वे पुलिस बूथ के अंदर बैठे थे.
मैदागिन से मलदहिया चौराहे तक ट्रैफिक सिग्नल नहीं
शहर में तिराहे-चौराहों की संख्या लगभग 147 है। प्रमुख मार्गों पर स्थापित अधिकतर तिराहे और चौराहों पर ट्रैफिक सिंग्नल लगा है, जो प्रॉपर वर्क भी कर रहा है। इंग्लिशिया लाइन से मैदागिन तक सिर्फ विनायका चौराहे के पास ट्रैफिक लाइट लगी है, जबकि मलदहिया, लहुराबीर, रामकटोरा, कबीरचौरा, लोहटिया और मैदागिन चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल नहीं लगी है। इन चौराहों पर वाहन चालक अपने हिसाब से सफर तय करते हैं.
भीड़ वाले ये 10 तिराहा व चौराहा
मैदागिन चौराहा, अर्दली बाजार, चौकाघाट चौराहा, बेनियाबाग, महाबीर मंदिर चौराहा, मलदाहिया विनायक प्लाजा, सिगरा महमूरगंज मार्ग, पांडेयपुर हुकुलगंज मार्ग, आशापुर चौराहा, भोजूबीर चौराहा.
300 ट्रैफिक जवान की जरूरत
पीएम का संसदीय क्षेत्र और श्री काशी विश्वनाथ धाम की वजह से वाराणसी में अक्सर वीआईपी मूवमेंट रहता है। वैसे भी वाराणसी को वीवीआईपी शहर की श्रेणी में रखा गया है। शहर में 800 से अधिक ट्रैफिक पुलिस जवानों के जिम्मे ट्रैफिक व्यवस्था है, जिसमें आठ टीआई, 59 टीएसआई, 241 हेड कांस्टेबल, 177 कांस्टेबल, 572 होम गार्ड और 50 पीआरडी जवान शामिल है। जरूरत के हिसाब से 300 ट्रैफिक जवान कम हैं.
सर्वे के दौरान शहर के 58 चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल की जरूरत है। इसके लिए स्मार्ट सिटी और नगर निगम को कई बार पत्र लिखा गया है, लेकिन अभी तक ट्रैफिक सिग्नल नहीं लगाया गया। हालांकि इन जगहों पर ट्रैफिक जवान की मदद से व्यवस्था संचालित कराई जाती है। मंडुवाडीह और चांदपुर चौराहे पर तकनीकी गड़बड़ी से सिग्नल काम नहीं कर रहा था.
विकास श्रीवास्तव, एसीपी ट्रैफिक
यह है वर्तमान स्थिति
पोस्ट स्वीकृत पद वर्तमान तैनाती
टीआई 06 - 08
टीएसआई 77 59
हेड कांस्टेबल 108 241
कांस्टेबल 432 177
होम गार्ड 580 572
पीआरडी जवान 50 50
वीआईपी शहर और यहां आने वाली भीड़ को देखते हुए सभी चौराहों और तिराहों पर ट्रैफिक सिग्नल होना चाहिए। ट्रैफिक सिंग्नल के हिसाब से ट्रैफिक खुद-ब-खुद मूव होती रहेगी.
मनीष अग्रवाल
जिन चौराहों पर वाहनों का ज्यादा लोड है, वहां ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी से व्यवस्था सही तरीके से संचालित होती है। शहर में लग्जरी वाहनों की संख्या ज्यादा है, जो ट्रैफिक सिग्नल को नहीं मानते हैं। इन पर सख्ती बहुत जरूरी है.
संजय शर्मा
शहर के कई चौराहों पर जांच-पड़ताल के लिए ट्रैफिक पुलिस भारी वाहनों को रोक देती है, जिससे जाम की स्थिति बन जाती है। वाहनों को चौराहे पर नहीं रोकना चाहिए, इससे व्यवस्था बाधित होती है.
मोहित गुप्ता
अधिकतर चौराहों के पास ऑटो और ई रिक्शा वालों जमावड़ा रहता है, जिससे आवागमन बाधित होता है। हालांकि वहां पर पुलिस मौजूद रहती है, बावजूद इसके ऑटो और ई रिक्शा वालों की मनमानी चलती है। इस पर अंकुश लगना चाहिए.
आशुतोष यादव