वाराणसी (ब्यूरो)बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी कैंपस स्थित आईआईटी की छात्रा के साथ हुई दरिंदगी की घटना को लेकर जबर्दस्त विरोध और प्रदर्शन के चलते बनारस से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मच गयाछात्रा को न्याय दिलाने के लिए तीन हजार से अधिक छात्र-छात्राएं एकत्र हुए, लेकिन कुछ घंटों के बाद यह पूरा प्रोटेस्ट आईआईटी को अलग करने के ट्रैक पर चल पड़ादरिंदगी की घटना को छोड़कर आईआईटी और बीएचयू के बीच दीवार खड़ी करने का दबाव शुरू हो गयाप्रशासन भी दबाव में आ गयादूसरे दिन छात्रा के आरोपियों को पकडऩे और न्याय दिलाने को लेकर प्रदर्शन नहीं, बल्कि दीवार खड़ी करने और नहीं करने को लेकर वर्चस्व का खेल शुरू हो गयाएबीवीपी, आइसा समेत कई छात्र संगठन आमने-सामने आ गएरविवार को एबीवीपी और आइसा के बीच झड़प भी हुई और मामला थाने तक पहुंच गयाछात्रा को न्याय दिलाने के बजाय दीवार को लेकर राजनीति शुरू होने से बीएचयू की कई छात्राएं काफी आहत हैंकई पूर्व छात्रों ने दुख जताया.

कार्रवाई होती तो दूसरी घटना नहीं होती

बुधवार की घटना से दो दिन पहले भी आईआईटी की एक अन्य छात्रा से उसी स्पॉट पर इन्हीं लड़कों ने छेडख़ानी की थीदूसरी घटना सामने आने के बाद भी छात्रा की सेफ्टी और न्याय को लेकर किसी भी संगठन ने विरोध प्रदर्शन नहीं कियादरअसल, बुधवार एक नवंबर को आईआईटी-बीएचयू परिसर में बुलेट पर सवार होकर आए तीन लोगों ने छात्रा के साथ छेडख़ानी कीउसके कपड़े उतार कर वीडियो बनायाउसके साथी के साथ मारपीट भी कीइसी प्रकार का मामला दो दिन पहले यानी सोमवार 30 अक्टूबर की रात घटी थीउस छात्रा के साथ भी इसी प्रकार की छेडख़ानी की गई थीइस बारे में प्रॉक्टर कार्यालय को सूचित किया गया थाआईआईटी प्रशासन की ओर से स्थानीय थाने को सूचना दी गई थीस्टूडेंट्स पार्लियामेंट ने दावा है कि कार्रवाई होती तो बुधवार की घटना नहीं होती

निर्भया से दरिंदगी पर पूरा देश गुस्से में था

निर्भया के साथ हुई दरिंदगी पर सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि पूरा देश हिल गया थावह गुनाहगार हैवानों को फांसी पर चढ़ते हुए देखने से पहले ही जिंदगी की जंग हार गईनिर्भया के गुनहगारों को फांसी देकर उसे इंसाफ दिया गया, लेकिन बीएचयू आईआईटी की दो छात्राओं के साथ एक ही स्पॉट पर दो दिन के अंतराल पर एक ही जैसी दरिंदगी की घटना को लेकर बीएचयू और दुनिया को संदेश देने वाला बनारस शांत हैआखिर क्यों, यह सबसे बड़ा सवाल है.

दीवार को लेकर दो संगठनों में झड़प

बीएचयू कैंपस बंटवारे को लेकर चल रहे आंदोलन के दौरान दो छात्र संगठन आपस में भिड़ गएरविवार दोपहर एबीवीपी और आइसा संगठन के छात्रों के बीच बवाल और झड़प होने से गेट पर काफी अफरा-तफरी मच गईमौके पर पहुंचे लंका पुलिस कई छात्रों को लेकर थाने चली गईछात्रों ने कहा कि आईआईटी-बीएचयू में छात्रा से दरिंदगी के आरोपी खुलेआम घूम रहे हैंदोषियों को पकडऩे के बजाय न्याय की मांग करने वाले को ही पुलिस पकड़ रही है.

कई वाट्सएप ग्रुप भी बने

आईआईटी और बीएचयू के बीच बाउंड्री वॉल के प्रपोजल पर पूरा कैंपस भड़क उठा हैसोशल मीडिया पर बीएचयू बचाओ की मुहिम छिड़ गई है। 1000-1000 लोगों के कई वाट्सएप ग्रुप बन गए हैं.

आईआईटी बीएचयू के छात्रों द्वारा चलाये गए प्रोटेस्ट को बिल्कुल नया मोड़ दे दिया गयाशुरू से ही पीडि़ता को न्याय दिलाने और दोषियों की पहचान कर उन पर कार्रवाई करने की मांग उनके एजेंडे से गायब रहीशुरू से यही मांग रही कि आईआईटी व बीएचयू के बीच में दीवार खड़ी की जाएइस पूरे मामले में पीडि़ता को ठगा गयाउसके बहाने अपनी बहुत पुरानी मांग को मनवाया गयादोनों पीडि़ता को उसके हाल पर छोड़ दिया गयापीडि़ता किस दर्द से गुजर रही होगीक्या उसे दीवार चाहिए था या न्याय.

आशुतोष सिंह, बीएचयू

बीएचयू में कई छात्राओं के साथ दरिंदगी हुई हैमामला सामने आने पर प्रोटेस्ट भी होता है, लेकिन लड़कियों की सुरक्षा को लेकर अभी तक ठोस कदम नहीं उठाया गयापुलिस का एक्शन भी सवालों के घेरे में रहता हैआखिर यह कब तक चलेगादेश और दुनिया के कई देशों से लड़कियां यहां शिक्षा लेने आती हैं, लेकिन दो लड़कियों से दरिंदगी की घटना से सभी छात्राओं केमाता-पिता चिंतित हैंवे बार-बार एक सवाल कर रहे हैं कि ऐसे माहौल में उनकी बिटियां कैसे सेफ रहेंगी

उपमन्यु सिंह दीक्षित, पूर्व छात्र, बीएचयू