वाराणसी (ब्यूरो)मरीजों को ठीक करने वाले अस्पतालों मे ही अगर नियमों की अनदेखी होने लगे तो मरीजों का क्या हाल होगाकोरोना महामारी को लेकर इन दिनों फिर से अलर्ट जारी होने लगा है, इसके बावजूद कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल में न तो नियम का पालन हो रहा है और न ही डाक्टर इसका पालन करा रहे हैंहर ओपीडी में मरीज धक्का-मुक्की मचाए हुए हैंन तो किसी के मुंह पर मास्क है, न ही दो गज की दूरी का पालन हो रहा हैएक-दूसरे से सटे मरीज अपनी बीमारी के लिए परेशान दिख रहे हैंडाक्टर भी क्या करें, भीड़ के आगे वे भी मजबूर हैं.

ओपीडी मरीजों से फुल

कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल के चेस्ट की हो या फिर आंख, नाक, कान या फिर सर्दी, खांसी, जुकाम की ओपीडी सभी जगह मरीजों की भीड़ रहीकोई खांसते हुए पहुंचा तो काई छींकते हुएन तो किसी के मुंह पर मास्क, न ही दो गज की दूरी का पालन दिखा.

बचाव की व्यवस्थाएं नहीं

कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में मरीज आते हैंइसके बावजूद कोरोना से बचाव के लिए अस्पताल में कहीं कोई भी दिशा-निर्देश नहीं लगे हैंकोई भी मरीज कहीं भी आसानी से आ जा रहा हैवार्ड में भी यह हाल है कि मरीजों से मिलने के लिए कोई भी तीमारदार चला जा रहा है वह भी बिना मास्क लगाएमरीज के बेड पर बैठ रहा हैऔर बातचीत करने के बाद वापस चला जा रहा है.

किसी को कोई भय नहीं

कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल में मरीज के साथ तीमारदारों में कोरोना को लेकर कोई भय नजर नहीं आ रहा हैपर्चा काटने वाले काउंटर पर तो लाइन में लगे मरीज बिना मास्क के ही पर्चा लेने पहुंच गए थेइनमें भी कई ऐसे दिखे जो लगातार खांसते रहे तो कई ऐसे नजर आए, जिनकी सांस काफी फूल रही थी, इसके बाद भी दो गज की दूरी का पालन करना कोई मुनासिब नहीं समझा.

इमरजेंसी में भी मास्क नहीं

इमरजेंसी वार्ड में भी कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं दिखाबिना मास्क लगाए ही इमरजेंसी में लोग पहुंच रहे थेइनमें पुरुषों की संख्या ज्यादा रहीजबकि कोरोना के केस को देखते हुए सभी जगह मास्क लगाना अनिवार्य हो गया है, लेकिन इमरजेंसी में कोविड नियम का पालन देखने को नहीं मिला.

इस समय मौसमी बीमारियां काफी तेजी से फैल रही हैंइनमें उल्टी, दस्त, खांसी, बुखार के मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ हैअस्पताल में आने वाले मरीजों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य है, लेकिन इसका कोई अभी कड़ाई से पालन नहीं कर रहा हैअस्पताल में सभी डाक्टर्स को मास्क लगाने के लिए बोला गया है.

डॉएसपी सिंह, एसआईसी