वाराणसी (ब्यूरो)गंगा सदियों से बनारस को जीवन देते आ रही हैगंगा की सेहत सुधारने के कई प्रोजेक्ट्स भी चल रहे हैैंपर्यावरणविदों की मानें गंगा की स्थिति पहले से सुधरी है, लेकिन घाटों के किनारे गंगा के बहाव, जमाव, सिल्टेशन और ठहराव की समस्या जस की तस हैइसकी एक बानगी आधा दर्जन घाटों पर देखने को मिलती हैगत वर्ष बने विश्वनाथ कॉरिडोर के निकट गंगा नदी में निर्माण का साइड इफेक्ट अब दिखने लगा हैललिता घाट पर गंगा द्वार के पास बहाव लगभग थम गया हैपानी सड़कर काला हो गया हैनेचुरल बहाव नहीं होने से माला, फूल, कूड़ा व ठोस अपशिष्ठ गंगाजल में तैर रहे हैं.

ठहरा है पानी, तैर रही गंदगी

काशी विश्वनाथ कारिडोर के निर्माण के दौरान गंगाद्वार के बाद लगभग सौ मीटर पक्का निर्माण कार्य गंगा नदी में किया गया हैबाढ़ में यह निर्माण डूबा रहता हैलेकिन, इन दिनों गंगा के जलस्तर में घटाव के बाद यहां पानी ठहरा और सड़ रहा हैठहराव से अपशिष्ट का निस्तारण गंगा नहीं कर पा रही हैइससे गंगा की साफ-सफाई के प्रयासों को तो बट्टïा लग ही रहा है, देश-विदेश से आने वाले सैलानी-श्रद्धालु इधर से गुजरने से कतराने लगे हैैं.

यहां भी बिगड़ रही सेहत

आकाश सिंह ने बताया कि अकेले ललिता घाट पर गंगा जल की दुर्गति नहीं हैसिंधिया घाट, मानसरोवर घाट, कोरियन घाट, मीरघाट, मणिकर्णिका घाट और दशाश्वमेध घाट के पास भी गंगा जल की सेहत खराब हैइन घाटों के पास पानी में ठहराव, फूलमाला, कचरा और दुर्गंध की समस्या बनी हुई हैरतन सिंह ने बताया कि मर्णिकर्णिका घाट के पास होने वाले शवदाह का माला-फूल, राख व अन्य सामग्री के गंगा में मिलकर आसपास के घाटों के पानी को मलिन बना रहा है

विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के दौरान स्नान के लिए बनाए गए कुंड टाइप रैैंप की वजह से पानी का ठहराव बना हुआ हैयहां से पानी आगे नहीं बढ़ता है.

रतन सिंह, नदी प्रेमी

देश की अमूल्य नीधि गंगा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा हैगंगा द्वार का रैैंप व अन्य अवैज्ञानिक कार्य से घाटों पर सिल्टेशन की समस्या बढ़ेगीइसकी सफाई के लिए फालतू रुपए खर्चने पड़ेंगे.

शांतनु निगम, नागरिक

गंगा में घुसकर कारिडोर निर्माण के बाद कई घाटों पर गंगा नदी की धारा लगभग रूक सी गई हैइससे गंगा जल की सेहत दिनों-दिन खराब होती जा रही हैजल्द से जल्द ध्यान देने की आवश्कता है

प्रोविश्वंभरनाथ मिश्र, पर्यावरण वैज्ञानिक

गंगा नदी पहले से स्वच्छ व निर्मल हुई हैइसके लिए विभागीय व पब्लिक का सामूहिक प्रयास चल रहा हैजिन घाटों पर समस्या है, उन्हें चिंहित कर निस्तारण का प्रयास किया जाएगा

डॉएससी शुक्ला, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी