वाराणसी (ब्यूरो)। लोकसभा इलेक्शन की शुरुआत 19 अप्रैल से होने जा रही है। फस्र्ट फेज में 8 लोकसभा सीटों पर वोटिंग होगी। वाराणसी में 1 जून को वोटिंग है। अधिक से अधिक वोटिंग के लिए इलेक्शन कमीशन ने तैयारी तेज कर दी है। फीमेल वोटर्स को अवेयर करने के लिए खास तैयारी है। 2019 के वोटिंग ग्राफ की बात करें तो छोटे जिलों ने बड़े शहरों को पीछे छोड़ दिया था। सर्वाधिक 71.55 परसेंट वोटा अमरोहा सीट पर पड़े थे। जबकि सबसे कम वोटिंग कानपुर में 49.09 परसेंट हुई थी। वाराणसी की बात करें तो यहां महिलाओं ने वोट डालने में कंजूसी दिखाई थी। पॉवर सेंटर वाराणसी में 54.54 परसेंट वोटिंग हुई थी। अब एक बार फिर पिंक बूथ के लिए महिलाओं का वोटिंग परसेंटेज बढ़ाने की तैयारी है। साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का भी भरपूर इस्तेमाल किया जा रहा है।
पिंक व मॉडल बूथ से नहीं पड़ा फर्क
लोकतंत्र की मजबूती के लिए चुनाव आयोग मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर खूब जोर दे रहा है। पिछली बार महिला जागरुकता के लिए जगह-जगह पिंक बूथ बनाए गए थे। इसके अलावा मॉडल बूथ भी बनाए गए थे। बावजूद इसके वाराणसी समेत बड़े शहरों में महिलाओं का वोटिंग परसेंटेज पुरुषों से कम रहा। स्वीप के माध्यम से अवेयरनेस प्रोग्राम भी चलाए गए। इन कार्यक्रमों का भी अपेक्षित असर नहीं नजर आया।
अमरोहा में दिखी थी 'शक्तिÓ
आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2019 के चुनाव में सबसे ज्यादा महिला वोटिंग अमरोहा सीट पर हुई थी। अमरोहा में 71.55 परसेंट महिलाओं ने और 70.33 परसेंट पुरुषों ने वोटिंग की थी। बड़े शहरों की बात करें तो मेरठ और गोरखपुर में महिलाओं ने 60 परसेंट से अधिक वोट किए थे।
मताधिकार का प्रयोग करने के लिए महिलाओं में पहले से ज्यादा जागरुकता आई है। 2014 की अपेक्षा 2019 में महिला वोटरों की भागेदारी काफी बढ़ी थी। इस बार यह संख्या और बढ़ेगी। इसके लिए महिला संगठनों से बातचीत चल रही है। महिला वोटर्स को जागरूक करने के लिए घर-घर पहुंचने का प्लान बनाया गया है। स्पोट्र्स, बिजनेस क्लब, सोसायटी समेत हर फील्ड में फेमस वूमन को स्वीप आईकॉन बनाया जाएगा.
नीलू मिश्रा, स्वीप आईकॉन