वाराणसी (ब्यूरो)बाबा काशी विश्वनाथ के विवाहोत्सव की बेला नजदीक आ रही हैमहंत आवास में तैयारियां शुरू हो गयी हैंबाबा की पालकी से लेकर वस्त्र और आभूषण को निखारने-संवारने का काम शुरू हो गया हैबाबा भी बारात में दूल्हा बनने और काशीवासी बाराती बनने के लिए आतुर हैबाबा का पोशाक भव्य हो इसके लिए इस बार बाबा के लिए खादी का धोती और कुर्ता तैयार किया जाएगा

रंगभरी एकादशी

रंगभरी एकादशी का उत्सव अपने आप में अनोखा पर्व हैइस दिन बाबा विश्वनाथ, माता पार्वती का गौना कराने अपनी ससुराल जाते हैंऐसे में बाबा के लिए खास परिधान बनता हैइसके लिए 15 दिन पहले से ही टेढ़ी नीम स्थित महंत में तैयारियां शुरू हो जाती है

पहनेंगे अकबरी पगड़ी

बाबा के लिए खादी की धोती और कुर्ता तैयार किया जाएगाबाबा के रत्नजडि़त पोशाक गयासुद्दीन तैयार करेंगेपगड़ी की जिम्मेदारी नंदलाल अरोड़ा को सौंपी जाएगीइसके लिए बुधवार को टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर बैठक हुई है

5 को लगेगी हल्दी

5 मार्च को महंत आवास पर बाबा विश्वनाथ के हल्दी की रश्म निभायी जाएगीइस दिन से ही फागुन का उत्सव शुरू हो जाएगाइसके बाद महाशिवरात्रि के दिन बाबा का विवाहोत्सव की परंपरा निभायी जाएगीइसके बाद टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास मायका के रूप में तब्दील हो जाएगाइसके लिए 15 दिन पहले से ही तैयारियां शुरू हो जाती है

संवरने लगा सिंहासन

बाबा विश्वनाथ की बारात जिस चांदी की पालकी से निकलेगी उस पालकी को निखारने का कार्य महंत आवास पर शुरू हो गया हैरंगभरी एकादशी का उत्सव शिव नगरी में बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता हैसैकड़ों की संख्या में डमरू और घंटे घडिय़ाल की आवाजों से बनारस का कोना कोना गुंजायमान हो जाता हैइसी दिन बाबा और माता पार्वती के साथ लोग अबीर की होली खेलते हैं, जिसके बाद काशी में होली की शुरुआत होती हैहजारों की संख्या में भक्त यहां शामिल होकर बाबा को अबीर लगाते हैं.

मान्यताएं

बाबा की चढ़ी हल्दी लगाने से कुंवारे लड़कों का होता है जल्द विवाह

माता गौरा की चढ़ी हल्दी लगाने से कुंवारी लड़कियों का होता है विवाह