वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस जैसे-जैसे स्मार्ट और माडर्न होता जा रहा है। ठीक वैसे ही इसकी चुनौतियां भी बढ़ती जा रही हैं। शहर की शांति में खलल बने ईरानी गैैंग पर कमिश्नरेट पुलिस शिकंजा कसने और गैैंगस्टर की कार्रवाई में जुटी है। इधर, पुराने होते एटीएम कार्ड क्लोन, पिन, पासवर्ड और रूम रेंट के नाम पर ठगी के तरीकों से तौबा कर साइबर ठगों ने पब्लिक को ठगने के लिए नए-नए तरीके इजाद कर लिए हैैं। फ्रॉड के इस धंधे से जुड़े ठग गांव, छोटे कस्बे, मार्केट और अब शहर को भी टारगेट करने लगे हैैं। हाल ही में करोड़पति स्कीम में लकी ड्रा में विजेता बताकर मिर्जामुराद के एक व्यापारी के क्रेडिट कार्ड बैलेंस में हजारों रुपए चूना लगा दिया। ये ठग इतने शातिर होते हैैं कि इनके फोन नंबर पर वापस संपर्क करने पर बात नहीं होती है। सिर्फ वाट्सएप कालिंग और मैसेज से जरिए संपर्क किया जा सकता है।
केस-1
मिर्जामुराद निवासी वाहिद अली के क्रेडिट कार्ड से पांच हजार रुपए का बैैंक फ्रॉड हुआ है। जालसाज ने सबसे पहले करोड़पति लकी ड्रा स्कीम में विजेता हैैं। इसके बाद इनाम की राशि को अपने खाते में पाने के लिए कुछ औपचारिकताओं का हवाला दिया। दो-तीन पर्सनल डिटेल मिलने के बाद रात में क्रेडिट कार्ड से रुपए उड़ा लिए। पीडि़त व्यापारी अपने साथ हुए ठगी की शिकायत को सारनाथ स्थित साइबर थाने में दर्ज कराने की कोशिश में जुटे हुए हैैं।
केस-2
साइबर फ्र ॉड का दूसरा मामला भी नादानी का नतीजा है। सारनाथ थाने में दर्ज मुकदमे के मुताबिक इंटरनेट के माध्यम से किसी साइबर ठग के संपर्क में आ गया। ठग ने भरोसे में लेते हुए धीरे-धीरे कर कुल आठ लाख रुपए की ठगी कर डाली। इतने पैसों का भुगतान करने के बाद भी लोन की एजेंसी नहीं मिली तो व्यक्ति को अपने साथ धोखाधड़ी का अंदाजा हुआ.
साइबर फ्र ॉड केस
वर्ष 2020 में
कुल केस - 65
स्टेटस- आल क्लियर
वर्ष 2021
कुल केस - 25 से अधिक
स्टेटस- 12 केस अंडर प्रोसेस
वर्ष 2022
कुल केस-40
स्टेटस- 10 क्लियर
शेष- 30 केस अंडर प्रोसेस
साइबर फ्र ॉड से यूं बचे
-गूगल से कस्टमर केयर का नंबर लेने से बचें
-नए मोबाइल नंबर व वाट्स एप से आने वाले फोन कॉल व मैसेज से अर्लट रहें
-किसी को भी पिन, पासवर्ड और बैैंक डिटेल देने से बचें.
- अपना स्मार्ट फोट अनलॉक मोड में किसी को भी नहीं दें.
-ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में सावधानी बरते
-एटीएम, पिन और बैैंक बैलेंस की जानकारी के लिए बैैंक शाखा से संपर्क करें.
-नए नंबर से आए फोन कॉल के क्यूआर कोड को स्कैन नहीं करें.
- ऐप्स को इंस्टाल करने से पहले उसके रिव्यू और रेटिंग को चेक कर लें.
- अपने फोन में कभी भी क्विक सपोर्ट, एनीडेस्क, टीम व्यूवर नहीं डाउनलोड करें.
यहां करें शिकायत
आनलाइन ठगों की निगहबानी की जा रही है। कई मामलों में इनपर शिकंजा भी कसा गया है। साइबर फ्र ॉड या रुपयों की धोखाधड़ी से संबंधित मामलों की शिकायत नजदीकी थाने में स्थित साइबर सेल में दर्ज करा सकते हैैं। वहीं, लाख रुपए से अधिक धोखाधड़ी होने पर साइबर थाना सारनाथ में कर सकते हैैं.
अनजान नंबर से आए फोन उठाने से बचें। एनीडेस्क एप को इंस्टाल न करें। बैैंकिंग लेनदेन में सतर्क और जागरूक रहें। इन्हीं कारणों से प्राथमिक तौर पर पब्लिक अपने को आनलाइन ठगी से सेफ रख सकती है। अनजान क्यूआर स्कैन से भुगतान न करेें। समस्या होने पर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं.
विजय मिश्र, एसएचओ, साइबर थाना, सारनाथ