वाराणसी (ब्यूरो)। मोक्ष नगरी धीरे-धीरे ठग नगरी बन रही है। यहां नौकरी के नाम पर हर दूसरे-तीसरे दिन लाखों की ठगी के मामले सामने आ रहे हैं। दो दिन पहले वन विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर बारह लाख की ठगी की गई। इस मामले में चोलापुर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। अगले ही दिन उच्च न्यायालय में बाबू के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर आठ लाख रुपये की ठगी का खुलासा हुआ। न्यायालय के आदेश पर कैंट पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। पिछले महीने बीएचयू और एयरपोर्ट में नौकरी लगवाने के नाम पर फ्र ॉड हुए। जांच-पड़ताल में पता चला कि नौकरी के नाम पर ठगी करने वालों का नेटवर्क वाराणसी से दिल्ली तक फैला है।
फर्जी इंटररव्यू तक करा दिया
10 मार्च को भेलूपुर थाना क्षेत्र की न्यू कॉलोनी के पटिया इलाके में धोखाधड़ी का मामला सामने आया। वहां रहने वाले इंजीनियर की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने की महिला, उसके पति और पिता के खिलाफ पुलिस को सबूत दिखाए। पुलिस ने कुल 8 धाराओं में तीनों के खिलाफ केस दर्ज किया। आरोप था कि उनके छोटे भाई की नौकरी लगवाने के नाम पर सभी ने पांच लाख रुपए की मांग की। फिर 2.20 लाख साल ले लिए। इसके बाद साक्षात्कार भी कराया मगर करी नहीं मिली। पैसा वापस लौटाने के नाम पर दो चेक भेजे, जो बाउंस हो गए। फोन करने पर गाली-गलौज के साथ धमकी भी दी गई.
फर्जी लेटर, कागजात रखते हैं साथ
पिछले साल एक जालसाज को आरपीएफ की सीआईबी इकाई ने पकड़ा था। तब खुलासा हुआ था कि एक गैंग फर्जी कागजात, लेटर पैड और परिचय साथ रखते हैं। सौदा होते ही सब कुछ थमा दिया जाता है। जब लेटर लेकर कोई संबंधित विभाग में पहुंचता है तो पता चलता है कि वह ठगी का शिकार हुआ है।
नेटवर्क में बाबू और अधिकारी शामिल
पुलिस के अनुसार नौकरी के नाम ठगी करने वालों का गिरोह वाराणसी में नहीं, बल्कि दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में बैठा रहता है। इनके नेटवर्क में तमाम सरकारी विभागों के मुख्यालय में कार्यरत बाबू और अधिकारी हैं। भरोसा पैदा करने के लिए ठग गिरोह इन अधिकारियों से डायरेक्ट बात भी कराते हैं। गिरोह के लोग वाराणसी, जौनपुर, आजमगढ़, मऊ, बालिया, गाजीपुर, चंदौली, मिर्जापुर में सक्रिय रहते हैं। पिछले साल ठगी बड़ा मामला मिर्जामुराद का सामने आया। यहां सात लोगों से नौकरी के नाम पर 30 लाख रुपये की ठगी की गई। पुलिस ने इस मामले में मुंबई और दिल्ली निवासी चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
झूठे इश्तिहार का भी सहारा
कैंट रेलवे स्टेशन, बस अड्डे समेत शहर में कई जगहों पर नामी-गिरामी कंपनियों के फर्जी इश्तिहार चस्पा किए गए हैं। इसके झांसे में आकर युवक दिए गए नंबर पर फोन करते हैं और फिर फंस जाते हैं। पीडि़तों की हर रोज शिकायतें की, थानों व साइबर सेल में पहुंच रही हैं, लेकिन पुलिस दो-चार केस में ही कार्रवाई कर पाई है। फर्जी इश्तिहार पर दिए गए मोबाइल नंबर से पुलिस ने ठगों को ट्रेस नहीं किया है। कुछ केस की एफआईआर ही दर्ज हो पाती है.
साइबर सेल में शिकायतों का ढेर
साइबर सेल में भी ऑनलाइन ठगी के मामलों का ढेर लग रहा है। वहां के आंकड़े गवाह हैं कि वहां हर महीने 200 से 300 शिकायतें पहुंच जाती हैं। हालांकि शिकार लोगों की संख्या इससे बहुत ज्यादा है, क्योंकि आधे से अधिक लोग शिकायत ही नहीं करते हैं। वह पुलिस व थानों के चक्कर में पडऩे से बचते हैं.
ठगी के केस
-28 जनवरी 2023 : कनाडा भेजने के नाम पर वाराणसी के 50 से ज्यादा बेरोजगार युवकों से लाखों रुपये की ठगी हुई.
-5 दिसंबर 2022 : विदेश में नौकरी दिलाने का झांसा देकर सैकड़ों युवकों से करोड़ों रुपये ऐंठने का मामला सामने आया था.
-21 फरवरी 2022 : सेना, रेलवे, सिंचाई विभाग समेत विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी गिरोह का पर्दाफाश हुआ था। गिरोह ने 100 से अधिक युवकों को शिकार बनाया था.
-24 अक्टूबर 2022 : बड़ागांव थाना क्षेत्र में विदेश में नौकरी लगवाने के नाम पर 90 हजार की ठगी हुई थी.
-15 सितंबर 2022 : रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर 20 से अधिक युवकों से लाखों रुपये ठगी का मामला सामने आया था। इस मामले में एक आरेापी को कैंट स्टेशन से गिरफ्तार किया गया.
-3 अप्रैल 2022 : मिर्जामुराद थाना क्षेत्र के अमिनी गांव निवासी आधा दर्जन लोगों से सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 30 लाख रुपये ठगी हुई.
ठगी शिकायतें मिलने पर पुलिस त्वरित एक्शन लेती है, लेकिन ठगों का ठिकाना अन्य शहरों में होता है। इसलिए पकडऩे में थोड़ी दिक्कत होती है। पूर्व में नौकरी के नाम ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा भी किया गया है.
संतोष सिंह, एडिशनल सीपी