वाराणसी (ब्यूरो)। शहर में दो दिनों में हुई बारिश ने एक बार फिर से संक्रामक बीमारियों को न्योता दे दिया है। हाई-लो तापमान के चलते लोगों का स्वास्थ्य लडख़ड़ा रहा है। इससे सोमवार को कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल और पीडीडीयू जिला अस्पताल के पर्ची काउंटर पर मरीजों की खचाखच भीड़ लगी रही। मौसम के करवट लेने से सर्दी -जुकाम, खांसी, उल्टी के साथ-साथ पेट दर्द, गले में खराश, स्किन, एलर्जी, शुगर और बुखार के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो गई है। जिला अस्पताल में 1050 व मंडलीय अस्पताल में 1300 से अधिक मरीज दवा व इलाज को पहुंचे। डॉक्टर मौसम के सामान्य होने तक लोगों से बच्चों, महिलाओं बुजुर्गों व स्वंय के सेहत का ख्याल रखने की अपील कर रहे हैैं.
बाल रोगी भी बढ़े, रखें ख्याल
चाइल्ड ओपीडी में भी उल्टी, दस्त, सर्दी-जुकाम, बुखार के मरीज बढ़े हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बदलते मौसम और तापमान के उतार चढ़ाव में जरा सी भी लापरवाही स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है। लिहाजा, बच्चों को मौसमी खानपान, गुनगुने पानी का सेवन व गर्म वस्त्रों का पहनाकर सर्दी से बचाने का प्रयास करें.
ओपीडी में रही खचाखच भीड़
मंडलीय अस्पताल में तैनात डा। मुकंद का कहना है कि मौसम में अचानक बदलाव के चलते बुखार, जुकाम, सर्दी, खांसी व बच्चों में इन्फेक्शन के मरीज इलाज को आ रहे हैैं। मौसम में बदलाव के दौरान खानपान व रहन-सहन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। ओपीडी में सबसे ज्यादा मरीज वायरल फीवर, कोल्ड डायरिया और मौसमी संक्रमण यानि सर्दी-खांसी के आ रहे हैं। इसके चलते सुबह से ही अस्पताल के नेत्र, फिजिशियन, सर्जन, चाइल्ड, डेंटल, जीरियाटिक और महिला अस्पताल के गाइनों में मरीजों की भीड़ लगी रही।
ओपीडी के आंकड़े
कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल - 1300
जिला अस्पताल- 1050
तापमान में उतार-चढ़ाव नुकसानदायक
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ शशिकांत ने बताया कि रूटीन टेम्प्रेचर के मुकाबले दिन व रात के तापमान में घटाव-चढ़ाव लोगों के लिए नुकसानदायक साबित हो रहा है। ऐसी दशा में सर्दी, जुकाम, सिरदर्द, गले में खराश, खांसी, पेट दर्द व कफ का अधिक बनना आम है। इन बीमारियों से बचने के लिए गर्म पानी का सेवन और गर्म पानी का भाप लेना चाहिए। गले में खराश होने पर गर्म पानी से गरारा करना चाहिए.
ठंड में बुखार के केसेज बढऩा सामान्य है। ठंड के मौसम में अधिकतर लोग नहाने से परहेज करते हैं। कई दिनों के अंतर पर स्नान व हाथ धोने से बचते हैैं। बारिश होते ही वातावरण में बैक्ट्रिया पनप जाते हैं। इस वजह से लोग संक्रामक रोगों की चपेट में आ रहे हैैं.
डॉ। आरके सिंह, जिला अस्पताल