वाराणसी (ब्यूरो)। कबाड़ वाहनों के लाखों के पुर्जे गायब होने की रिपोर्ट मेयर के तलब करते ही नगर निगम के खलबली मच गई है। कंडम वाहनों में बड़े गोलमाल की आशंका जताई जा रही है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने जब बुधवार को रियलिटी चेक किया तो किसी वाहन का पहिया तो किसी की बैटरी या अन्य पार्ट गायब दिखे। जल निगम में रखे कई वाहनों के आगे-पीछे की चादर तक गायब थीं। वहां न तो निगरानी के लिए सीसीटीवी लगा था और न ही चौकीदार बैठाया गया था। मामले की गंभीरता को देख नगर आयु1त ने जांच शुरू करा दी है। मेयर ने रिपोर्ट मिलने के बाद पार्षदों की कमेटी बनाकर कार्रवाई की बात कही है.
क्या है मामला
नगर निगम में करीब 100 वाहन अनयूज्ड घोषित कर कबाड़ में रखे गए हैं। इसमें ट्रक, जेसीबी, लोडर समेत छोटे-बड़े तमाम वाहन शामिल हैं। जब शहर की नई सरकार बनी तो कबाड़ में बड़े खेल परतें खुलने लगीं। इन वाहनों के अहम पाट््र्स गायब हो गए हैं। ऐसे में कबाड़ के नाम पर निगम में लाखों के गोलमाल होने की आशंका जताई जा रही है। इस मामले को मेयर अशोक तिवारी ने गंभीरता से लिया और नगर आयु1त से सात बिंदुओं पर रिपोर्ट तलब कर ली। वाहनों से जो सामान गायब हुआ है, उसकी कीमत कितनी होगी, यह तो जांच के बाद पता चलेगा।
कैसे होता है खेल
नगर निगम परिसर में कई ऐसे वाहन हैं, जो ऊपर से देखने में अच्छे हैं लेकिन उनको कंडम घोषित कर दिया गया है। इन वाहनों की अगर मरम्मत करा दी जाती तो फिर से दौडऩे लगते। मगर इन्हें कबाड़ मानकर खड़ा कर दिया गया। नगर निगम से जुड़े लोगों का कहना है कि धीरे-धीरे ये वाहन सडऩे-गलने लगे तो संबंधित अधिकारियों को ध्यान हट गया, इसी का फायदा उठाकर इनके पार्ट निकाले जाने लगे। बाजार में जिस पुराने पार्ट की डिमांड होती है, उसी को निकाल लिया जाता है। कंडम वाहनों में टोटो, छोटा कूड़ा गाड़ी के अलावा कूड़ा ढोने वाले बड़े वाहन शामिल है। इन वाहनों के पहिये, गेयर बाक्स, प्लेट्स समेत कई ऐसे अहम पार्ट हैं, जिनकी अच्छी कीमत मिलती है। कई ऐसे वाहन हैं, जो देखने में नए नजर आ रहे हैं मगर उनके पुर्जे गायब हैं.
सुरक्षा और निगरानी का नहीं इंतजाम
नगर निगम का परिसर हो या फिर जल निगम का परिसर। कई सालों से कंडम वाहन वहां पर पड़े-पड़े गल रहे हैं, लेकिन अफसरों को इसकी परवाह नहीं है। नगर निगम परिसर में करोड़ों रुपए के कंडम वाहनों को जहां रखा गया है, वहां निगरानी के लिए एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाया गया है। वाहनों की देखभाल के लिए न ही किसी चौकीदार को तैनात किया गया है। ऐसे में आसानी से जब चाहे कोई भी अंदर घुसकर सामान गायब कर सकता है। क्योंकि जहां पर कंडम वाहन को रखा गया है, वहां से पिछले गेट से आराम से कोई भी घुसकर आ-जा सकता है। वहां कोई भी पूछने वाला नहीं है।
कई साल से नहीं ली गई सुध
ये अनयूज्ड वाहन कई साल से नगर निगम मुख्यालय परिसर के अलावा बेनियाबाग, जलकल विभाग, करसड़ा, पशु चिकित्सा कार्यालय परिसर में भी रखे गएं है। इसमें से 50 से अधिक वाहन 15 वर्ष से भी अधिक पुराने बताए जा रहे हैं। ये वाहन 2001 से 2017 तक के बताए जा रहे हैं। निगम के परिवहन विभाग ने इनकी लिस्ट बनाई है, जिनकी नीलामी के लिए मूल्यांकन कराने को आरटीओ को पत्र भी लिखा गया है.
कंडम वाहनों के मामले में चूक तो हुई है। कौन-कौन से वाहन से पार्ट गायब हुए हैं, इसकी जांच की जा रही है। संबंधित अधिकारी को इसकी जांच की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
शिपू गिरी, नगर आयु1त
अफसरों से मामले की जांच कराई जा रही है। नगर निगम को कितनी बड़ी क्षति हुई है, इसकी जानकारी रिपोर्ट मिलने के बाद होगी। पार्षदों की कमेटी बनाकर कार्रवाई होगी.
अशोक तिवारी, मेयर