वाराणसी (ब्यूरो)। 30 सितंबर से दो हजार के नोट बंद करने की सूचना जारी होते ही शहर में सीए, ब्यूरोक्रेटस, कारोबारियों और उद्यमियों के फोन घनघनाने लगे। आरबीआई के इस फरमान से फिर नोटबंदी वाला सिनेरियो मार्केट में देखने को मिला। फिलहाल आरबीआई के इस आदेश को शहर के सीए, कारोबारियों व उद्यमियों ने उचित ठहराया। उन्होंने कहा कि इससे मार्केट की स्थिति और सुधरेगी.
बढ़ रहा करप्शन
लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष राजेश सिंह ने कहा कि 2000 का नोट करप्शन तथा ब्लैक मनी को जन्म दे रहा था। एक ही गड्डी में दो हजार के नोट से दो लाख रुपए आ जाते हैं। इसे कही भी ले जाने में आसानी होती थी। नोट बंदी के समय सरकार ने 1000 का नोट बंद करके 2000 का नोट छापने का निर्णय गलत लिया था। पिछले कई महीनों से मार्केट में दो हजार के नोट का चलन काफी कम हो गया है। इससे पता चल रहा था कि दो हजार के नोट को लेकर सरकार कुछ फैसला लेगी। हालांकि आम जनता तथा छोटे व्यापारियों को इस नोट के रोक से कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
नोट आएंगे बाहर
सीए जय प्राधवानी का कहना है कि सबसे अधिक नोट ब्यूरोक्रेटस ने दबा रखे है। यह नोटबंदी के समय सामने भी आया था। आरबीआई के इस फैसले से कालाधन पर जबरदस्त प्रहार पड़ेगा। आज की तारीख में भ्रष्ट नेता, भ्रष्ट अधिकारी व माफियाओ के पास जो करोड़ो का काला धन पड़ा है वो रकम अब उनके किसी काम की नहीं रहेगी, क्योंकि अब एक बार में केवल 20000 रुपए ही बैंक में जमा हो सकेंगे। निश्चित ही इससे सरकार को ब्लैक मनी पर अंकुश लगाने में सफलता मिलेगी्र। अभी से ब्लैक मनी रखने वालों के फोन वितीय सलाहकारों के पास आने शुरू हो गए हैं.
आम लोगों को फर्क नहीं
सीए कमलेश अग्रवाल का कहना है कि आम जनता को रिज़र्व बैंक के इस कदम से कोइ दिक्कत नहीं होगी, बल्कि उनको सुकून महसूस होगा कि चलो अब काली कमाई करने वालों की शामत आ ही गई। आने वाले दिनों में दुकानदार भी 2000 रुपए के नोट लेने से परहेज करेंगे, वरना उनको बैंक में रकम जमा करने पर आयकर विभाग के सवालों से रूबरू होना पड़ेगा.
मार्केट और मजबूत होगा
इण्डियन इंडस्ट्री एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आरके चौधरी का कहना है कि आरबीआई के इस कदम से मार्केट की स्थिति और मजबूत होगी। जो नोट लोगों ने दबाकर रखे थे वह बाहर आएंगे। इस समय दो हजार का नोट प्रचलन में कम हो गया है। पहले से ही था कि इस मुद्रा को सर्कुलेट न करें। बड़े नोट जब आएंगे तो मार्केट की स्थिति और मजबूत होगी। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष राकेश जैन ने कहा कि आरबीआई का निर्णय सही है। क्योंकि दो हजार का नोट काफी लोगों ने दबाकर रखा है.