वाराणसी (ब्यूरो)। लोक आस्था का महापर्व छठ शुरू हो चुका है। जहां माताएं-बहनें पूजा की तैयारी में जुटी हुई हैैं, वहीं दूर-दराज के प्रदेश और महानगरों में नौकर कर रहे परिजन अपने जनपद और गांव लौटने की जुगत में लगे हैैं। त्योहार का माहौल होने की वजह से लोगों को लौटने में कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ट्रेनों के अलावा सरकारी व प्राइवेट के 200 से अधिक बसों के चलने के बाद भी यात्रियों को प्राइवेट बस, टैक्सी, ऑटो व कार आदि का सहारा लेना पड़ रहा है। भीड़ और लोगों की मजबूरियों का फायदा भी वे उठाने से नहीं चूक रहे हैैं। किराये पर रोक-टोक नहींटैक्सी व आटों चालकों द्वारा मनमाना किराया वसूली पर कोई रोक-टोक नहीं है। लिहाजा, प्राइवेट बस व टैक्सी चालक 25 किमी के चार सौ रुपए और 125 किमी की दूरी के लिए निर्धारित दर से दोगुना एक हजार से लेक डेढ़ हजार रुपए तक वसूल रहे हैैं। यात्री करे भी क्याघर जाना, वो भी जल्दी पहुंचना जरूरी है.वसूली से यात्रियों को परेशानीभोपाल से आए शनिवार को बनारस पहुंचे अंकित को आजमगढ़ जाना था। बस में तिल रखने की जगह नहीं होने से अंकित टैक्सी कार से घर तक जाने का मन बनाया। अंकित ने बताया कि आम दिनों में टैक्सी से आजमगढ़ सिटी तक जाने का किराया 18 सौ रुपए हैैं। लेकिन, बस आदि में जगह नहीं मिलने की वजह से टैक्सी चालक मनमाने ढंग से किराया वसूल रहे हैैं और 2200 रुपये तक की मांग कर रहे हैैं। मजबूरी है जाना तो पड़ेगा ही.मनमानी पर रोक कौन लगाएगा प्रयागराज से कैंट आए स्टूडेंट राहुल सिंह को चंदौली अपने घर जाने के लिए लगेज का साथ काफी भागदौड़ करने के बाद भी कंफर्ट सीट नहीं मिली तो 500 रुपए में टैक्सी कर चंदौली घर पहुंचे। राहुल कहते हैैं कि त्योहार की सीजन में भीड़भाड़ कोई नई बात नहीं है। लेकिन, परिवहन विभाग व यातायात विभाग को प्राइवेट बस व टैक्सी चालकों की मनमानी पर रोट लगानी चाहिए। प्राइवेट यात्री वाहनों के रेट स्थान आटो टैक्सीचंदौली 300 500मुगलसराय 200 400मोहनिया 500 800प्रयागराज 000 2000सोनभद्र 000 2200मिर्जापुर 00 1800भभुआ 00 1000आजमगढ़ 00 2200भदोही 00 1500नोट - सभी किराया बनारस से.भीड़ के आगे इंतजाम नाकाफीकैंट रेलवे स्टेशन पर पूर्वांचल के तकरीबन आधा दर्जन जनपदों को जाने के लिए सुबह से देर शाम तक लाखों लोगों को ट्रेन में सवार होने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी। वहीं, कैंट रोडवेज पर यात्रियों के लिए बस की सुविधा पर्याप्त नहीं रही। इसके चलते लोगों को अपने गंतव्य तक जाने के लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। लोगों का कहना है कि हर वर्ष त्योहारों पर आवागमन में मुश्किलें आती हैैं। फिर भी जिम्मेदार आम जनता की परेशानियों से बेखबर क्यों बने रहते हैैं। इनकी लापरवाही पर कई सवाल खड़े होते हैैं। इतना ही नहीं जानकारी लेने के लिए एआरटीओ को फोन लगाया गया तो फोन ही नहीं उठा.छठ पर मुझे चकिया जाना है। किसी भी साधन में जगह नहीं मिल रही है। भीड़भाड़ और अव्यवस्था के बीच 40 से अधिक किमी का सफर कैसे किया जा सकता है। प्राइवेट टैक्सी हायर करने की सोच रहा हूं.संयोग, यात्रीप्राइवेट बस व टैक्सी चालकों पर ट्रैफिक विभाग की नजर रहती है। टैक्सी-बस चालक द्वारा मनमानी किराया वसूली की यदि कोई यात्री कंप्लेन करता है तो एमवी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है.पंकज कुमार तिवारी, टीआई, ट्रैफिक विभाग
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