वाराणसी (ब्यूरो)। बोलीविया देश के लापाज, मैक्सिको के बाद दुनिया का तीसरा और देश का पहला अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे देव दीपावली से काशी में शुरू हो जाएगा। पहले सेक्शन वाराणसी जंक्शन कैंट रेलवे स्टेशन से रथयात्रा तक की सुगम यात्रा काशीवासी कम समय में कर सकेंगे। सिटी रोपवे के संचालन से वाराणसी में यातायात की समस्या से निजात मिलेगी। रोपवे के निर्माण के लिए स्विट्जरलैंड से आये उपकरण इंस्टाल किया जाना शुरू हो गए हैं। 807 करोड़ रुपये की लागत से वाराणसी में रोपवे का निर्माण हो रहा है। यह काम स्विट्जरलैंड आधारित कंपनी बर्थोलेट कर रही है। देव दीपावली में पर्यटक जब वाराणसी आएंगे तो रोपवे से यात्रा कर सकेंगे.
जल्द ही होगा रोपवे का ट्रायल रन
पीएम नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना को सीएम योगी आदित्यनाथ तेजी से जमीन पर उतार रहे हैं, जिससे वाराणसी में ट्रैफिक की समस्या से काफी राहत मिलेगी। रोपवे के संचालन के लिए स्टेशन और टावर इंस्टॉल करने का काम तेजी से चल रहा है। जल्द ही रोपवे का ट्रायल रन होगा। उसके बाद पर्यटक यात्रा कर सकेंगे। हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल में यात्रियों को गोंडोला उपलब्ध रहेगी। एक दिशा में एक घंटे में 3000 लोग यात्रा कर सकेंगे यानी दोनों दिशाओं में एक घंटे में छह हजार यात्रियों का आवागमन होगा। गोदौलिया से कैंट रेलवे स्टेशन पहुंचने में लगभग 16 मिनट लगेगा। 45 से 50 मीटर की अनुमानित ऊंचाई से कऱीब 150 ट्रॉली कार चलेगी। एक ट्रॉली में 10 यात्री सवार हो सकते है। रोपवे का संचालन 16 घंटे होगा.
16 टावर पर तेजी से चल रहा काम
वाराणसी में देव दीपावली पर पूरे विश्व से पर्यटक आते हैं। एनएचएलएमएल की कोशिश है कि देव दीपावली तक रोपवे का संचालन शुरू हो जाए और काशी आने वाले पर्यटकों को प्रदूषण रहित परिवहन की अच्छी सुविधा मिल सके। कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक विद्यापीठ स्टेशन पर एंकर बोल्ट स्थापित हो गया है। इसके अलावा कई एक्सेलरेशन व डी एक्सेलरेशन कन्वेयर भी स्थापित हो गए हैं। अब जल्द ही रोप लगाने का काम शुरू होगा। वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन से रथयात्रा तक कुल दो टावर इंस्टॉल हो चुके है। 16 टावर पर तेजी से काम चल रहा है.
कैंट, काशी विद्यापीठ, सिगरा, रथयात्रा के पास रोपवे स्टेशन का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है। इसके अलावा जगह-जगह टॉवर भी आकार ले रहा है। उम्मीद है कि देव दीपावली पर काशी के लोगों के लिए रोपवे का सफर शुरू हो जाएगा.
प्रकाश गौड़, सीईओ, एनएचएलएमएल