वाराणसी (ब्यूरो)। समस्याओं का सबसे बड़ा गागर हैं पूर्वांचल की सबसे बड़ी दवा मंडी सप्तसागर। लोगों का सेहत दुरुस्त करने वाली यह मंडी खुद ही बीमार है। गलियां टूटी-फूटी, तारों का जंजाल, पार्किंग का अभाव और जाम इस मंडी की पहचान बन गयी है। गलियों में बसी इस मार्केट में प्रतिदिन 12 करोड़ का टर्नओवर होने के बाद भी हर कारोबारी यहां की समस्याओं से परेशान है। इस मंडी में जहां पहले 5 हजार से अधिक ग्राहक खरीदारी के लिए आते थे वह आधा हो गए। मंडी की समस्या के चलते उन्होंने लखनऊ मार्केट की ओर रुख कर लिया है। इसका खामियाज यहां के कारोबारियों को भुगतना पड़ रहा है.
मंडी में सात सौ दुकानें
सप्तसागर मंडी में करीब सात सौ थोक की फुटकर दुकानें है। इस मंडी में प्रतिदिन शहर, आसपास समेत पूरे पर्वांचल के जिलों के अलावा यूपी से सटे बिहार से भी खरीदारी के लिए बड़े कारोबारी आते है। सप्त सागर मंडी में जीवन रक्षक दवाओं के अलावा सर्जिकल सामान भी आसनी से मिल जाते है। सुबह दस बजे जब दुकानें खुलती है तो दोपहर तक मंडी की सारी गलियां वाहनों से ठसाठस पैक हो जाती है। हालात यह रहते है आने-जाने में लोग एक-दूसरे से टकरा जाते है। अगर देखकर न चले गली में खड़े वाहनों से लड़ जाते है। इतनी बड़ी मंडी होने के बाद भी पार्किंग की व्यवस्था नही.
ट्रांसपोर्टेशन में भारी फजीहत
मंडी के दवा कारोबारियों का कहना है कि दोपहिया वाहन इतना अधिक खड़ा कर दिया जाता है कि माल अनलोडिंग के लिए जगह ही नहीं बचता। मालवीय मार्केट और मैदागिन के पास अनलोडिंग करते है तो पुलिस वाले चालान कर देते है इसके चलते और भी दिक्कत होती है। जबकि इस मंडी सवा करोड़ रुपए प्रति माह सरकार को राजस्व जाता है इसके बाद भी न तो नगर निगम न ही स्मार्ट सिटी ने पार्किंग की व्यवस्था की। अगर पार्किंग की व्यवस्था कर दी जाए तो मंडी में वाहनों के लोडिंग और अनलोडिंग में कोई दिक्कत नहीं होगी.
वीवीआईपी मोमेंट से होती है दिक्कत
मंडी के दवा कारोबारियों का कहना है कि विश्वनाथ मंदिर में हर दूसरे दिन दर्शन-पूजन करने के लिए वीवीआईपी आते है। इसके चलते रास्ता को बंद कर दिया जाता है। इसके चलते जीवन रक्षक दवाएं शहर व आसपास के क्षेत्र में नहीं भेज पाते। जबकि जीवन रक्षक दवाओं के इंजेक्शन समय होता है चार घंटे के अंदर अगर फ्रीजर में नहीं रखा जाता है तो खराब होने की संभावना रहती है। इसके बारे में प्रशासन नहीं सोचता। जीवन रक्षक दवाएं वीवीआईपी मोमेंट से अधिक जरूरी है।
मैदागिन पार्किंग में दोपहिया वाहनों के लिए जगह नहीं
नगर निगम ने टाउन हाल मैदान में इतना बड़ा पार्किंग का निर्माण किया हैं लेकिन चौकाने वाली बात यह है कि इसमे दो पहिया वाहन खड़ा करने के लिए जगह ही नही है। अगर नगर निगम टाउन हाल में दो पहिया वाहन को प्रति माह करीब 500 रुपए शुल्क लेकर खड़ा करने की अनुमति दे दे तो काफी हद तक मंडी की दिक्कतें दूर हो सकती है। कारोबार करने में भी सहूलियत होगी। मंडी से तारों के जंजाल को भी हटा दिया जाए तो काफी दिक्कतें दूर हो सकती है.
मंडी की समस्याएं
-चूना वाली गली में खड़ा कर दिए जाते हैं मालवाहक, इसके चलते हमेशा लगा रहता है जाम.
-मंडी की गलियों में बेतरतीब खड़े वाहनों से पट जाता है बाजार.
-दुकानदारों को वाहन पर से माल उतारने में होती है दिक्कत.
-मंडी में तीन हजार कारोबारियों पर एक ही शौचालय.
-तारों के जंजाल से कभी भी हो सकती है घटनाएं.
यह है मांग
टाउनहाल पार्किंग में दी जाए दो पहिया वाहन खड़ा करने की अनुमति
-नागरी प्रचाारिणी सभा में बनाया जाए पार्किंग
-वीवीआईपी मोमेंट के समय बंद कर दिया जाता है मांग, जीवन रक्षक दवाओं को भेजने में होती है दिक्कत
-मंडी की गलियों में किया जाए आरसीसी की ढलइयां
-मंडी में बनाया जाए शौचालय
मंडी की समस्याओं को नगर निगम को गंभीरता से देखना चाहिए, ताकि यहां के कारोबारियों को सहूलियत मिल सके.
-दिनेश कुमार, अध्यक्ष, दवा विक्रेता समिति
नगर निगम से मांग है कि मंडी की समस्याओं को गंभीरता से दूर करें, ताकि यहां का कारोबार का ग्राफ बढ़ सके.
संजय सिंह, महामंत्री, दवा विक्रेता समिति
नागरी प्रचारिणी सभा में नगर निगम बनाए पार्किंग ताकि वाहनों को खड़ा करने में दिक्कत न हो.
विनोद यादव, कोषाध्यक्ष
टाउनहाल पार्किंग में पांच सौ रुपए प्रति माह लेकर वाहनों को खड़ा करने की अनुमति दी जाए.
धर्मेन्द्र कुमार, दवा कारोबारी
मंडी में बहुत समस्याएं हैं। इसके चलते दवा की खरीदारी करने पूर्वांचल के कई ग्राहक लखनऊ चले जाते हैं.
शैलेष गुप्ता, दवा कारोबारी
मंडी में नगर निगम को आरसीसी ढलाई करनी चाहिए, जिससे लोग चोटहिल न हो सके.
गोवर्धन इसरानी, उपाध्यक्ष
मंडी में फैले तार के जंजालों को नगर निगम को हटाना चाहिए ताकि कोई घटना न हो सके.
प्रतिक गुजराती, उपाध्यक्ष
पूर्वांचल की सबसे बड़ी मंडी है इसके बाद भी सुविधाओं का टोटा है। इस पर विभाग का ध्यान देना चाहिए.
अतुल जैन, उपाध्यक्ष
वीवीआईपी मोमेंट के समय दवाइयों की अनलोडिंग को न रोका जाए, जीवन रक्षक होती है दवाइयां.
त्रिलोकी यादव, उपाध्यक्ष
जीवन रक्षक इंजेक्शन की समय सीमा होती है। तय समय पर अगर नहीं पहुंचेगी तो बीमार ठीक नहीं हो सकता.
अनिल सिंह, उपाध्यक्ष
इतनी बड़ी मंडी में नगर निगम ने एक भी पार्किंग की व्यवस्था नहीं की है। इसके चलते गलियों में वाहनों का अटांग लगा रहता है.
मनोज अग्रवाल, उपाध्यक्ष
सबसे पहले नगर निगम और स्मार्ट सिटी को मंडी की व्यवस्था को सुधारनी चाहिए क्योंकि करोड़ों रुपए राजस्व जाता है.
धर्मेन्द्र गुप्ता, संयुक्त सचिव
नगर निगम प्रशासन से मांग है कि सप्तसागर मंडी में अवैध को हटाया जाए ताकि यहां के कारोबारी व्यवसाय कर सके।
अशोक सिंह, संयुक्त सचिव
पार्किंग और पेयजल की भी व्यवस्था करें नगर निगम प्रशासन क्योंकि इस मंडी में पूरे पूर्वांचल से लोग आते है.
राजेश भार्गव, संयुक्त सचिव
सबसे पहले नगर निगम मंडी की गलियों को ठीक करें ताकि आए दिन जो लोग चोटहिल होते है उससे बच सके.
सुनील गुप्ता, संयुक्त सचिव
टाउनहाल मैदान में पार्किंग की व्यवस्था दी जाए। यह सभी कारोबारी की मांग है.
विनय गुप्ता, संयुक्त सचिव
मंडी को हम लोग आदर्श मंडी बनाना चाहते हैं बशर्ते नगर निगम को इसमें सहयोग करना पड़ेगा.
शैलेन्द्र सिंह, संयुक्त सचिव
मंडी में आरसीसी सड़क बन जाएगी तो मंडी का कारोबार फिर से दोगुना हो जाएगा.
अनिल शाह, संयुक्त सचिव