वाराणसी (ब्यूरो)रोडवेज के ऑनलाइन सिस्टम हैक होने के 10 दिन बीतने के बाद भी अभी गाड़ी पटरी पर नहीं आ सकी हैरोडवेज अफसरों का दावा है कि सिस्टम को ठीक किया जा रहा है, लेकिन कब तक होगा इसका जवाब अभी नहीं मिल रहा हैसिस्टम हैक होने के असर से पैसेंजर्स की संख्या में कमी आने के साथ रोडवेज की आमदनी पर भी असर पडऩे लगा हैवाराणसी रीजन में जहां रोज करीब 50 हजार पैसेजर्स बसों की सवारी करते रहे वहीं यह संख्या घट कर करीब 45 हजार हो गई हैयह वे पैसेजर्स हैैं जो रोडवेज से ऑनलाइन टिकट बुक कराते थेइसके चलते रोडवेज को प्रतिदिन औसतन करीब 8 लाख रुपए का लॉस हो रहा हैफिलहाल ऑनलाइन सिस्टम कोलैप्स होने से पैंसेजर्स को टिकट लेने के लिए डिपो तक की दौड़ लगानी पड़ रही है.

इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीनें बनीं शोपीस

वाराणसी रीजन में करीब 700 बसें संचालित होती हैइन सभी बसों में इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीनों से ही टिकट बना कर पैसेंजर्स को दी जाती थीरोडवेज का सिस्टम हैक होने के बाद 700 इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीनें इस समय मात्र शोपीस हो गईं हैइसकी जगह यात्रियों को मैनुअल टिकट ही दिया जा रहा हैएक-एक टिकट काटने और भुगतान लेने में कंडक्टर को समय भी लग रहा है.

सारा डाटा गायब हो चुका

रोडवेज के आरएम के मुताबिक रोडवेज के ऑनलाइन सिस्टम में हैकर्स के अटैक से ईटीएम ऑपरेट करने वाली कंपनी ओरियन प्रो का सारा डाटा गायब हो चुका हैरोडवेज की वेबसाइट हैक होने के पूर्व कैंट डिपो से प्रतिदिन करीब 20 हजार पैसेंजर्स यात्रा करते हैसिस्टम हैक होने के बाद 17 हजार यात्री ही यात्रा कर रहे हैइसके अलावा दो हजार पैसेंजर्स आसपास के जिलों से कम हुए है

प्रतिदिन 8 लाख रुपए की चपत

रोडवेज के आरएम गौरव वर्मा ने बताया कि वाराणसी रीजन में रोडवेज बसों से कमाई प्रतिदिन 80 लाख रुपए के आसपास हैजब से ऑनलाइन सिस्टम को हैंक किया गया है तब से प्रतिदिन 8 लाख रुपए नुकसान हो रहा हैक्योंकि जो लोग ऑनलाइन टिकट बुक कराते थे वह अब नहीं करा रहे हैवह और किसी साधन का सहारा ले रहे है

मालवेयर या रैनसम अटैक

उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम की सभी बसों को एंड्रायड आधारित इलेक्ट्रॉनिक टिकट जारी करने वाली नई मशीनों से पिछले साल लैस किया गया थायूपी में ओरियन प्रो नाम की कंपनी यह सुविधा मुहैया करा रही हैइसके तहत रीजन में करीब 700 ईटीएम आठों डिपो में टिकट के लिए उपलब्ध हैंइस कंपनी का डाटा सेंटर मुंबई में हैंडाटा हैकर्स ने कंपनी के डाटा सेंटर पर साइबर अटैक किया, जिसे मालवेयर या रैनसम अटैक बताया जा रहा हैइससे सारे डाटा गायब हो गयाइसके बाद ईटीएम ने काम करना बंद कर दिया है

ईटीएम में नहीं रखना पड़ता रिकॉर्ड

बस में यात्रा के दौरान ईटीएम से टिकट बनाने में परिचालक को कोई रिकार्ड नहीं रखना पड़ता है, जबकि मैनुअल में टिकट देने के साथ प्रत्येक स्टाप से कितने यात्री बैठे और कितने उतरे सब का ब्यौरा दर्ज करना पड़ता हैअगर यह न दर्ज किया जाए तो चेकिंग होने पर परिचालक के खिलाफ एक्शन हो सकता हैइसके चलते भी काफी दिक्कतें हो रही हैईटीएम से टिकट काटने के बाद परिचालकों को मैनुअल टिकट काटने में भी दिक्कत हो रही हैजब तक मशीन सही नहीं हो जाती तब तक सभी परिचालकों को मैनुअल टिकट बनाने के आदेश दिए गए हैं.

ईटीएम से यह मिली सुविधाएं

ईटीएम से पैसेजर्स को काफी सुविधाएं मिलीटिकटों की ऑनलाइन बुकिंग के साथ रियल टाइम, एक्चुअल डाटा समय पर मिलने लगावही पैसेजर्स को टिकट के भुगतान में आने वाली कठिनाइयां भी दूर हुईइस कार्य से पैसेजर्स सेवाओ का डिजिटाइजेशन भी हुआइस सिस्टम को सबसे ज्यादा यूथ कर रहे हैजब से सिस्टम हैक हुआ है टिकट की बुकिंग बंद हो गयी है

वाराणसी रीजन में डिपो

-कैंट

-काशी

-ग्रामीण डिपो

-विन्ध्यनगर

-सोनभद्र

-जौनपुर

-गाजीपुर

-चंदौली

ईटीएम सिस्टम को सहीं किया जाएगाइससे रोडवेज को प्रतिदिन लाखों रुपए का नुकसान हो रहा हैसभी बसों में मैनुअल टिकट काट कर दिया जा रहा है.

गौरव वर्मा, आरएम, परिवहन निगम