-आतंकी एक्टिविटी बढ़ने के कारण शहर में बढ़ी खुफिया एजेंसियों की आवाजाही

-अयोध्या व गोरखपुर से पकड़े गए चार संदिग्धों से पूछताछ में इनके बनारस जाने की सूचना से मचा हड़कंप, स्लीपिंग मॉड्यूल की तलाश हुई तेज

VARANASI: बनारस से कई बड़े नेताओं खास तौर पर भाजपा के पीएम कैंडिडेट नरेन्द्र मोदी के इलेक्शन लड़ने की घोषणा के बाद शहर में खुफिया एजेंसियों की आवाजाही बढ़ गई है। वहीं बुधवार की रात व गुरुवार की सुबह अयोध्या और गोरखपुर से पकड़े गए चार संदिग्ध पाकिस्तानियों से हुई पूछताछ में फिदायीन हमले के लिए इनके बनारस जाने की बात सामने आने के बाद खुफिया एजेंसियां यहां स्लीपिंग मॉड्यूल की तलाश में जुट गई हैं। आईएम के मुखिया भटकल फिर वकास समेत चार अन्य आतंकियों व दस लाख के ईनामी मोनू की गिरफ्तारी के बाद खुफिया एजेंसियों ने अब फरार चल रहे आतंकी शहनवाज व मोसीन की तलाश तेज कर दी है।

है पांच पर नजर

मोदी पर हमले की साजिश और फिदायीन हमले की जानकारी मिलने के बाद बनारस में यूपी एटीएस, आईबी ने डेरा डाल दिया है। सूत्रों की मानें तो इंटेलिजेंस टीमें शहर में पांच पुराने ऐसे लोगों पर नजर रख रही हैं जो पिछले दिनों बनारस समेत यूपी के कई अन्य शहरों में हुए आतंकी हमलों में आतंकी संगठनों के मददगार रहे हैं। ये लोग सिटी के बिजी इलाकों में रहते हैं। खुफिया विभाग के सूत्रों का दावा है कि बनारस में चुनावी सरगर्मी तेज होने के चलते आईएम व कई दूसरे आतंकी संगठन अपने नापाक मंसूबे को पूरा करने के लिए कई आतंकियों को फिदायीन हमले की ट्रेनिंग देकर उन्हें बनारस भेज रहे हैं। ये हमलावार यहां आकर किसकी मदद ले रहे हैं और किसको अपने टारगेट पर लेने की फिराक में हैं। इसकी जानकारी के लिए गली से लेकर नुक्कड़ तक खुफिया विभाग के लोग अपनी नजरें गड़ाये हुए हैं।

पिछले दिनों मिली थी जानकारी

शहर में पांच स्लीपिंग मॉड्यूल्स के एक्टिव होने की जानकारी खुफिया एजेंसियों को चार साल पहले उस वक्त मिली थी जब एटीएस ने मऊ, भदोही व आजमगढ़ से कुछ आतंकी संगठन से जुड़े लोगों को अरेस्ट किया था। इनसे हुई पूछताछ में ये पता लगा था कि गिरफ्तार आतंकी भटकल, वकास और मोनू ने जब बनारस की रेकी की थी तो उनकी मदद बनारस के ही इन पांच लोगों ने की थी। जिसके बाद खुफिया एजेंसियां इन्हें अपने रडार पर लेने में जुटी हैं।