वाराणसी (ब्यूरो)। जीएसटी में अब ई-इनवायस कारोबारियों के लिए टेंशन बन गया है। एक अगस्त से सालाना पांच करोड़ टर्नओवर करने वाले कारोबारियों को ई-इनवायस काटना अनिवार्य होगा। अभी तक कारोबारी मैनुअल ही इनवायस काटते थे। इस नए नियम को लेकर सिटी के कारोबारी संशय में हैं। उनका कहना है कि अभी जीएसटी के कई प्राविधानों से उबर नहीं पाए हैं कि नए नियम ने कारोबार में फिर से अड़चनें आएंगी। इस नए नियम से सिटी के करीब दस हजार से अधिक कारोबारी दायरे में आएंगे.
रखना पड़ेगा कंप्यूटर और आपरेटर
फिलहाल कारोबारियों का कहना है कि एक अगस्त से जीएसटी में नया नियम लागू हो रहा है। इससे कारोबारियों के खर्चे और बढ़ेंगे, जिनके पास एक कम्प्यूटर और एक आपरेटर से काम चल रहा था। अब इसके लिए दो कम्प्यूटर और दो आपरेटर रखना पड़ेगा.
फिर टेंशन में कारोबारी
सालाना पांच करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाले कारोबारियों को एक अगस्त, 2023 से सभी बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) लेनदेन के लिए इलेक्ट्रॉनिक या ई-इनवॉयस (चालान) निकालना अनिवार्य होगा। अभी तक 10 करोड़ या उससे अधिक के कारोबार करने वाले कारोबारियों को बी2बी लेनदेन के लिए ई-चालान निकालना होता है। इस नए सिस्टम को लेकर शहर के कारोबार परेशान है.
10 से घटाकर 5 करोड़ किया
कारोबारियों का कहना है कि बी2बी लेनदेन के लिए ई-चालान निकालने की सीमा को 10 करोड़ रुपये से घटाकर 5 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इस नए नियम में ई-इनवायस काटने पर सीधे जीएसटी पोर्टल पर पहुंच जाएगा। इसके बाद कोई गलती होगी तो इसमें कोई फिर करेक्शन भी नहीं कर पाएगा। करेक्शन के लिए जीएसटी विभाग की दौड़ लगानी पड़ेगी।
जीएसटी में दस हजार कारोबारी
जीएसटी में करीब दस हजार रजिस्टर्ड ऐसे व्यापारी हैं, जिनका सालाना टर्नओवर करीब 5 करोड़ के आसपास है। इन कारोबारियों को एक अगस्त से ई-इनवायस काटना अनिवार्य होगा। सभी कारोबारियों पर विभाग की नजर रहेगी। साफ्टवेयर से लेकर सबकुछ अपडेट करना पड़ेगा। गवर्नमेंट ने अब तक जीएसटी में एक हजार से अधिक अमेंडमेंट कर चुकी है। इससे अभी तक कारोबारी निकल नहीं पाए है। सरकार को शुरुआत ई इनवायस के साथ मैनुअल भी व्यवस्था रखनी चाहिए ताकि किसी कारोबारी को अगर दिक्कत हो तो वह मैनुअल ई इनवायस काट सके.
ई-इनवायस न काटने पर 50 हजार रुपए का जुर्माना है। 5 करोड़ से अधिक कारोबार करने वाले व्यापारी ई-इनवायस काट रहे हैं.
अमित पाठक, ज्वाइंट कमिश्नर, अपील, वाणिज्यकर
सरकार के नए-नए सिस्टम के बारे में कारोबारियों को अपडेट होना चाहिए। ऑनलाइन सिस्टम से भी लैस होना चाहिए.
राजेश चौधरी, सहायक निदेशक, एमएसएमई
सरकार को इस सिस्टम को बदलना चाहिए क्योंकि इससे कारोबारियों को परेशानी होगी। गलतियां होने पर सुधारी नहीं जा सकेगी.
राजेश सिंह, अध्यक्ष लघु उद्योग भारती
पहले जैसी व्यवस्था चल रही थी, वैसी ही चले तो कारोबार में रुकावट नहीं आएगी। फिर नया नियम एक अगस्त से लागू हो रहा है.
दिनेश गुप्ता, अध्यक्ष, लघु उद्योग भारती
सरकार को कोई भी सिस्टम लागू करने से पहले कारोबारियों को एक महीने तक उसमें ट्रायल देना चाहिए। इसके बाद लागू करना चाहिए.
दीनानाथ बरनवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष लघु उद्योग भारती