वाराणसी (ब्यूरो)। एक बोटमैन एक लाइसेंस से चला रहा है दस-दस बोट। यह हैरान करने वाला प्रकरण मंगलवार को नगर निगम की जनसुनवाई में सामने आया। कुछ नाविकों ने नगर आयुक्त को इस तरह की हेराफेरी के बारे में बताया तो वहां उपस्थित सभी अधिकारी भी चौंक गए। नगर निगम से एक लाइसेंस लेने के बाद कई बोट गंगा नदी में चला रहे हैं। इससे मोटी रकम भी कमा रहे हैं। नगर आयुक्त ने मामले में जांच का आदेश दिया है.
1300 नाविकों ने लिए लाइसेंस
गंगा नदी में नाव संचालन के लिए अब तक 13 सौ नाविकों ने लाइसेंस ले रखा है, जबकि करीब 35 हजार से अधिक बोट संचालित हो रही है। इनमें स्टीमर, बजड़ा भी शामिल है। इनमें से कई नाविक ऐसे हैं, जो एक लाइसेंस से दस ही नहीं 15 बोट का संचालन कर रहे है। इसके लिए वह पांच से दस आदमी रखकर नाव का संचालन करते हैं। कोई दूसरा नाविक जब लाइसेंस लेने के बाद नाव संचालन करना चाहते हैं तो उन्हें करने नहीं देते हैं। घाट से ही भगा देते हैं.
लाइसेंस के लिए 150 आए आवेदन
नगर निगम में नाव संचालन के लिए 150 नए आवेदन हैं। इस पर नगर निगम विचार कर रहा है और जांच करने के बाद ही लाइसेंस जारी किया जाएगा। एक लाइसेंस पर दस नाव संचालन का प्रकरण आने के बाद नगर आयुक्त सभी की जांच करवाएंगे। इसके लिए जल्द ही समिति का गठन करेंगे। लाइसेंस के लिए नए आवेदन हैं। इनकी भी प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी.
निगम को पता नहीं
बिना अनुमति के चोरी छिपे गंगा में कई नाविकों के सैकड़ों नाव संचालित हो रहे हैं। इसकी जानकारी निगम को नहीं है। जनसुनवाई में इसकी जानकारी होने पर नगर आयुक्त जांच कर कार्रवाई करने की तैयारी कर रहे हैं। कई बार जांच में कई नाविक बिना लाइसेंस के पकड़े भी गए हंै। उनका लाइसेंस भी बनाया गया, लेकिन जब टूरिस्टों की संख्या बढ़ी है तबसे अवैध बोट भी बढ़ गए हैं।
84 में 35 घाट पर संचालन की अनुमति
फिलहाल नगर निगम की तरफ से शहर के 84 घाटों में महज 35 घाटों से ही नाव संचालन की अनुमति है। इसके बावजूद भी शहर के प्रत्येक घाट से नावों का संचालन किया जा रहा है। जिन घाटों पर नाव संचालन के लिए मानक निर्धारित किये है उससे 50 गुना अधिक नाव का संचालन हो रहा है। इससे न सिर्फ नगर निगम के रेवेन्यू पर असर पड़ रहा है बल्कि नाव भी अवैध चल रहे है.
फर्जी नाविकों के खिलाफ कमेटी बनाकर कार्रवाई की जाएगी। नए लाइसेंस के लिए 150 आवेदन आए हैं। इनमें से उन्हींं को लाइसेंस दिया जाएगा, जिनके पास बोट नहीं है। जिनके पास बोट है उनको लाइसेंस नहीं दिया जाएगा.
अक्षत वर्मा, नगर आयुक्त