-निक्षय पोर्टल पर सूचना दिये बगैर टीबी मरीजों का इलाज करने वाले प्राइवेट हॉस्पिटल पर होगी कार्रवाई
-ऐसे पेशेंट्स का डेटा अपलोड न करने पर संबंधित अस्पताल के खिलाफ दर्ज होगा एफआईआर
स्वास्थ्य विभाग की आड़ में या निक्षय पोर्टल पर सूचना दिए बगैर टीबी मरीजों का इलाज करने वाले प्राइवेट हॉस्पिटल और प्रैक्टिसनर्स की मुसीबत बढ़ने वाली है। इस तरह के हॉस्पिटल और डॉक्टर्स की यह मनमानी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से कानून पारित कर दिया गया है। इस कानून के तहत अब अगर कोई प्राइवेट हॉस्पिटल या नर्सिग होम टीबी मरीज की पहचान कर टीबी विभाग को सूचना दिए बगैर उसका इलाज करता है तो विभाग उसके खिलाफ क्लिनिकल स्टैबलिसमेंट एंड रेगुलेशन एक्ट के तहत कार्रवाई करेगा। जिसके बाद वह जेल भी जा सकता है। यह कानून उन फार्मासिस्ट के लिए भी लागू होगा, जो बगैर चिकित्सक की पर्ची के मरीजों को टीबी की दवा बेचते हैं।
मंत्रालय ने कसा लगाम
अधिकारियों की मानें तो जिले में संचालित प्राइवेट हॉस्पिटल्स को उनके यहां इलाज कराने वाले टीबी मरीजों का डेटा टीबी विभाग को उपलब्ध कराने का निर्देश दो साल पहले ही दिया जा चुका है। इसके बावजूद कई ऐसे हॉस्पिटल्स हैं जो डेटा उपलब्ध नहीं कराते थे। कोई कानून न होने की वजह से अधिकारी चाहकर भी इन हॉस्पिटल पर कार्रवाई नहीं कर पाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बने कानून के तहत अब इन पर लगाम लगाया जाएगा। मंत्रालय की ओर से जारी अध्यादेश की प्रति जिले के सभी प्राइवेट हॉस्पिटल, नर्सिग होम, मेडिकल लेबोटरी, प्राइवेट प्रैक्टिसनर्स व आईएमए के अलावा मेडिकल एसोसिएशन को भेज दी गई है।
पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
बता दें कि सरकार ने टीबी मरीजों का डेटा एक जगह उपलब्ध कराने के लिए 'निक्षय पोर्टल' की शुरुआत की है। जहां प्राइवेट हॉस्पिटल, नर्सिग होम व अन्य क्लीनिक में इलाज करा रहे टीबी रोगियों का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। यही नहीं पोर्टल के माध्यम से जो प्राइवेट प्रैक्टिसनर्स टीबी मरीजों का इलाज कर रहे हैं उन्हें भी जोड़ा जा रहा है। इसके लिए उन्हें मानदेय दिया जाएगा।
जारी होगी डिजिटल आईडी
निक्षय पोर्टल में यह व्यवस्था की गयी है कि टीबी मरीज के नोटिफिकेशन के साथ ही उसे 6 से 7 अंकों की एक डिजिटल आईडी आवंटित होगी। इस आईडी के जरिये देश के किसी भी कोने में टीबी मरीज के बारे में सारी जानकारी ली जा सकती है। इससे पता चल सकेगा कि उसका क्या-क्या इलाज हुआ है और फालोअप की क्या स्थिति है। मरीज भी इसके जरिये कहीं भी इलाज की सुविधा प्राप्त कर सकेगा।
मोबाइल पर भी होगा निक्षय पोर्टल
निक्षय पोर्टल पहले केवल डेस्कटॉप पर ही ऑपरेट किया जा सकता था, लेकिन नए वर्जन में इसे मोबाइल और लैपटॉप पर भी ऑपरेट किया जा सकता है। इससे नोटिफिकेशन में होने वाली लेट प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी। क्योंकि इसे कहीं भी बैठे-बैठे मरीज के नोटिफिकेशन के साथ उसके इलाज की प्रगति के बारे में जाना जा सकेगा। साथ ही चिकित्सक भी मरीज की जानकारी फौरन अपलोड कर सकते हैं।
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फैक्ट फाइल
निक्षय पोर्टल पर अब तक अपलोड डाटा
4,600
मरीजों का डाटा अब तक सरकारी अस्पतालों की ओर से पोर्टल पर अपलोड किया गया है
1,988
मरीज प्राइवेट हॉस्पिटल्स की ओर से किए गए हैं अपलोड
6,783
टीबी के मरीज हैं जिले में अभी तक
वर्जन--
प्राइवेट हॉस्पिटल्स व फार्मासिस्ट को टीबी मरीजों की जानकारी निक्षय पोर्टल पर देना आवश्यक है। अब अगर किसी ने जानकारी छुपाई तो उसके खिलाफ एफआईआर कराई जाएगी। अध्यादेश की कॉपी सभी को भेज दी गई है।
डॉ। राजेश कुमार सिंह, डीटीओ, वाराणसी